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अनिल अंबानी की कंपनी ने बनाए तोप के गोले, हजारों करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद
अनिल अंबानी की कंपनी ने बनाए तोप के गोले, हजारों करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद
Authored By: Suman
Published On: Wednesday, June 4, 2025
Last Updated On: Wednesday, June 4, 2025
रिलायंस इन्फ्रा (Reliance Infrastructure Ltd) भारत की पहली ऐसी निजी कंपनी बन गई है जिसने अगली पीढ़ी के 155एमएम आर्टिलेरी एम्युनिशन यानी तोप के गोले बनाने में सफलता हासिल की है.
Authored By: Suman
Last Updated On: Wednesday, June 4, 2025
Anil Ambani Defense Project: अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस इन्फ्रा (Reliance Infrastructure Ltd) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. वह भारत की पहली ऐसी निजी कंपनी बन गई है जिसने अगली पीढ़ी के 155एमएम आर्टिलेरी एम्युनिशन यानी तोप के गोले बनाने में सफलता हासिल की है. रिलायंस इन्फ्रा ने इसके लिए रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) के अर्मामेंट रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट स्टेब्लिशमेंट (ARDE) से समझौता किया था. तोप के गोले का डिजाइन और विकास एआरडीई के साथ डिजाइन कम प्रोडक्शन (DcPP) अरेंजमेंट के तहत किया गया है.
कंपनी ने इस समझौते के तहत चार तरह के एडवांस्ड प्रोजेक्टाइल का डिजाइन और विकास कर लिया है.इसका निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक के आधार पर किया गया है. इन गोलों का इस्तेमाल लॉन्ग रेंज के ग्राउंड बेस्ड तोपों में किया जाएगा. कंपनी ने इसके लिए 10 भारतीय कंपनियों के साथ सप्लाई चेन के लिए अरेंजमेंट कर लिया है और उत्पादन जल्दी ही शुरू किया जा सकता है.
कंपनी को उम्मीद है कि उसे अगले एक दशक में रक्षा मंत्रालय से 10,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलेंगे. साथ ही इसका बड़े पैमाने पर निर्यात भी किया जा सकेगा. निर्यात से भी अगले दस साल में 10,000 करोड़ रुपये की आय हो सकती है. रिलायंस इन्फ्रा का शेयर बुधवार को करीब 2 फीसदी की तेजी के साथ 348.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था. भारतीय सेना लगातार आधुनिकीकरण कर रही है और सभी पुरानी तोपों की जगह अब 155एमएम के तोप हासिल किए जा रहे हैं.
महाराष्ट्र में बन रहा कारखाना
अपने डिफेंस उत्पादन को बढ़ाने के लिए रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर महाराष्ट्र के रत्नागिरी में धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी (DADC) बना रही है जिस पर करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. कंपनी को इसके लिए करीब 1,000 एकड़ जमीन आवंटित की गई है. इसमें कई कारखाने होंगे जिनमें विस्फोटक और तोपखाने के गोलों का उत्पादन किया जाएगा. इन कारखानों से हर साल करीब 2 लाख गोलों, 10,000 टन विस्फोटकों और 2,000 टन प्रोपलेंट्स का उत्पादन किया जाएगा. इन सबसे अगले वर्षों में रिलायंस इन्फ्रा भारत के शीर्ष तीन डिफेंस निर्यातकों में शामिल हो सकती है.
इस प्रोजेक्ट के लिए निजी क्षेत्र से सिर्फ रिलायंस इन्फ्रा को चुना गया है. इसकी वजह से डिफेंस के क्षेत्र में कंपनी की क्षमता साबित हुई है. हाल में ही इसके पहले रिलायंस इन्फ्रा की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस ने जर्मनी की कंपनी राइनमेटल एजी के साथ रणनीतिक साझेदारी की है. इसके तहत कंपनी मीडियम और लार्ज कैलिबर एम्युनिशन की आपूर्ति करेगी.
केपीएमजी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना की तोप गोलों पर खर्च साल 2023 के 7,000 करोड़ रुपये से बढ़कर साल 2032 तक 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी.
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