bank unions strike: दिल्ली-NCR समेत देशभर में 4 दिन बैंक रहेंगे बंद, नोट करें डेट और जानें हड़ताल का कारण

bank unions strike: दिल्ली-NCR समेत देशभर में 4 दिन बैंक रहेंगे बंद, नोट करें डेट और जानें हड़ताल का कारण

Authored By: JP Yadav

Published On: Friday, March 21, 2025

Last Updated On: Friday, March 21, 2025

bank unions strike: दिल्ली-NCR समेत देशभर में 4 दिन बैंक रहेंगे बंद, नोट करें डेट और जानें हड़ताल का कारण
bank unions strike: दिल्ली-NCR समेत देशभर में 4 दिन बैंक रहेंगे बंद, नोट करें डेट और जानें हड़ताल का कारण

bank unions strike: पिछले 11 साल में देश के सार्वजनिक बैंकों में एक लाख 39 हजार 811 कर्मी घट गए हैं और ये पद खाली हैं. भर्ती नहीं होने से कार्य प्रभावित होता है.

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Last Updated On: Friday, March 21, 2025

bank unions strike: अगर आप भी बैंक में जाकर ही वित्त संबंधी काम निपटाने को तरजीह देते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. आप अगले 4 दिन तक बैंक जाकर वित्त संबंधी काम करवाने की कोशिश नहीं करें वरना आपको पछताना पड़ सकता है. सप्ताह में पांच दिन काम करने समेत कई मांगों को लेकर बैंकों ने हड़ताल की घाेषणा की है. इसके चलते पूरे देश में 22 मार्च से 25 मार्च तक बैंकों की सेवा उनके उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी.

छुट्टी होने से दो दिन बैंक रहेंगे बंद

इस तरह चार दिनों तक (22, 23, 24 और 25 मार्च) बैंक बंद रहेंगे. ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी होगी. यहां पर बता दें कि चौथा शनिवार होने की वजह से बैंक बंद होते हैं, जो 22 मार्च को है. वहीं, 23 मार्च को रविवार होने की वजह से बैंकों में अवकाश रहेगा. इसके अलावा 24 और 25 मार्च को नौ बैंक कर्मी संगठनों ने हड़ताल का एलान किया है.

4 दिन तक बैंक रहेंगे बंद

8 बैंक कर्मी संगठनों के अनुसार, बैंकों में हड़ताल 24 व 25 मार्च को होगी, क्योंकि राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का एलान किया गया है. 22 मार्च को चौथा शनिवार और 23 मार्च को रविवार होने के कारण बैंक नहीं खुलेंगे, इसलिए बैंक हड़ताल के चलते वित्त संबंधी काम करने नहीं जाएं.

8 लाख से अधिक कर्मी होंगे हड़ताल में शामिल

यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस के बैनर तले नौ बैंक कर्मी संगठनों ने आगामी 24 और 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. बताया जा रहा है कि इस हड़ताल में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ ही विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण और सहकारी बैंकों के 8 लाख से अधिक कर्मी शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि इससे लोगों के कई वित्त संबंधी काम रुक जाएंगे. चेक तक पास नहीं होंगे. पैसों का लेनदेन ठप होने से इसका असर अन्य कई क्षेत्रों पर पड़ेगा.

कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे बैंक

संगठनों की बड़ी मांग यह है कि बैंक के सभी रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति हो साथ ही सभी अस्थाई कर्मियों को नियमित किया जाए. इसके अलावा बैंकों में स्थायी नौकरियों की आउटसोर्सिंग बंद की जाए. बैंक कर्मी संगठनों ने बताया कि पिछले 11 साल के दौरान देश के सार्वजनिक बैंकों में एक लाख 39 हजार 811 कर्मी घट गए हैं. ऐसे में बैंक शाखाओं में कर्मियों की बड़ी कमी के कारण संतोषजनक सेवाएं नहीं मिलने से अनियंत्रित लोगों कर्मियों पर हमला कर देते हैं. कुल मिलाकर कर्मचारियों की इसके चलते दिक्कत आती है.

क्या हैं मांगें

  • अनियंत्रित जनता के हमले से बचाने के लिए बैंक कर्मियों की सुरक्षा.
  • सरकारी बैंकों में कामगार, अधिकारी और निदेशकों के रिक्त पदों की नियुक्ति.
  • सरकारी कर्मियों के तर्ज पर 25 लाख रुपए की सीमा बढ़ाने के लिए ग्रेच्युटी अधिनियम में संशोधन.
  • सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती, अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने.
  • बैंकिंग क्षेत्र में सप्ताह में पांच दिन काम का नियम लागू करने.
  • परफॉर्मेंस रिव्यू और पीएलआई संबंधित सरकारी निर्देश वापस हो.
About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
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