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ईरान के इजरायल पर हमले से अडानी समूह की बढ़ी चिंता, हजारों करोड़ रुपये लगे हैं दांव पर
ईरान के इजरायल पर हमले से अडानी समूह की बढ़ी चिंता, हजारों करोड़ रुपये लगे हैं दांव पर
Authored By: Suman
Published On: Monday, June 16, 2025
Last Updated On: Monday, June 16, 2025
अडानी समूह (Adani group) ने सोशल मीडिया पर चल रहे इस दावे का खंडन किया है कि ईरान के हमले से इजरायल के उस हाइफा पोर्ट को भारी नुकसान हुआ है जिसमें कंपनी का बड़ा निवेश है.
Authored By: Suman
Last Updated On: Monday, June 16, 2025
Israel Iran conflict: अडानी समूह (Adani group) ने सोशल मीडिया पर चल रहे इस दावे का खंडन किया है कि ईरान के हमले से इजरायल के उस हाइफा पोर्ट को भारी नुकसान हुआ है जिसमें कंपनी का बड़ा निवेश है. हालांकि अडानी समूह के लिए यह काफी चिंता की बात है क्योंकि इसके करीब ही नवल पोर्ट और एक तेल रिफाइनरी पर हमले की खबर है. अडानी समूह का इस बंदरगाह में हजारों करोड़ रुपये का निवेश है.
हाइफा पोर्ट (Haifa Port) एक प्रमुख बंदरगाह है और इजरायल के कुल कार्गो हैंडलिंग का करीब 56 फीसदी हिस्सा इसी पोर्ट से होता है. ईरान ने शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को इजरायल के हाइफा इलाके में जबर्दस्त मिसाइल हमले किए. हालांकि अडानी समूह का कहना है कि इससे उसके बंदरगाह को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
इस हमले के बाद से ही सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें चलने लगीं कि अडानी समूह के निवेश वाला हाइफा बंदरगाह पूरी तरह से नष्ट होे चुका है. ईरान अपडेट्स नाम के एक एक्स अकाउंट पर लिखा गया, ‘#BREAKING: भारतीय कंपनी अडानी की 4.2 अरब डॉलर की लागत वाला इजरायल का हाइफा पोर्ट ईरान के हमले में नष्ट हो गया.’
क्या कहा समूह ने
इन अटकलों का खंडन करते हुए अडानी समूह के सीएफओ जुगेशइंदर रॉबी सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर इसे गलत बताया. हालांकि ऐसी खबरें हैं कि इस पोर्ट के पास में स्थित एक तेल रिफाइनरी को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है.
ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने का असर पूरी दुनिया के शेयर बाजार पर हुआ है. गत 13 जून को पहले इजरायल ने ईरान के कई न्यूक्लियर और सैन्य ठिकानों पर हमले किए.इसकेे जवाब में फिर ईरान ने उसी दिन रात में इजरायल के कई शहरों पर हमले किए.
कितना कारोबार
इजरायल में कुल पांच बंदरगाह हैं जिनमें तीन बड़े कॉमर्शियल पोर्ट हैं. इनमें से ही एक है हाइफा. यह इजरायल के उत्तरी किनारे पर स्थित सबसे बड़ा बंदरगाह है. हालांकि अडानी पोर्ट्स (Adani Ports and SEZ) के कुल कार्गो वॉल्यूम कारोबार में इसकी हिस्सेदारी महज 2 फीसदी है. कंपनी के कुल रेवेन्यू में इसकी हिस्सेदारी महज 5 फीसदी है और वह इस पोर्ट से सालाना महज 1.1 करोड़ टन कार्गो की हैंडलिंग करती है.
हाइफा पोर्ट में गौतम अडानी समूह की कंपनी अडानी पोर्ट ने साल 2023 में करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. यह सौदा करीब 1.2 अरब डॉलर में हुआ था. मौजूदा डॉलर के भाव के हिसाब से देखें तो यह करीब 10,350 करोड़ रुपये हुआ. यानी अडानी समूह के इजरायल में हजारों करोड़ रुपये दांव पर लगे हुए हैं.