Repo Rate घटने के बाद अब मिली खुशखबरी, जानें SBI कब से घटाने जा रहा लोन की EMI

Repo Rate घटने के बाद अब मिली खुशखबरी, जानें SBI कब से घटाने जा रहा लोन की EMI

Authored By: Suman

Published On: Monday, February 10, 2025

Updated On: Monday, February 10, 2025

Repo Rate Cut Effect on SBI Loan EMI Reduction
Repo Rate Cut Effect on SBI Loan EMI Reduction

आरबीआई ने रीपो रेट (Repo Rate) में 25 बेसिस पॉइंट यानी चौथाई फीसदी की कटौती कर दी है. इसके बाद सबकी उम्मीदें बढ़ गई कि अब बैंक इसका फायदा आम ग्राहकों तक पहुंचाएंगे और कई तरह के लोन पर ब्याज दरों में कटौती करेंगे. अब भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने एक अहम संकेत दिया है कि दरों में कटौती कब से हो सकती है.

Authored By: Suman

Updated On: Monday, February 10, 2025

SBI Loan EMI cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करीब पांच साल बाद रीपो रेट में कटौती की है. ​आरबीआई ने रीपो रेट (Repo Rate) में 25 बेसिस पॉइंट यानी चौथाई फीसदी की कटौती कर दी है. इसके बाद सबकी उम्मीदें बढ़ गई कि अब बैंक इसका फायदा आम ग्राहकों तक पहुंचाएंगे और कई तरह के लोन पर ब्याज दरों में कटौती करेंगे. हालांकि अभी किसी बैंक ने इस तरह की कटौती का ऐलान नहीं किया है, लेकिन सबसे बड़े बैंक अब भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने एक अहम संकेत दिया है कि दरों में कटौती कब से हो सकती है. ऐसा माना जाता है कि एक बार एसबीआई अगर दरों में कटौती करता है तो उसके बाद ज्यादातर बैंक इस रास्ते पर चल पड़ेंगे.

भारतीय रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की पिछले हफ्ते हुई मीटिंग में नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली 6 सदस्यीय टीम ने बजट 2025 के बाद बड़ा फैसला लिया. केंद्रीय बैंक ने कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 के बाद यानी करीब पांच साल बाद रीपो रेट में कटौती का ऐलान किया है. अब रीपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है. इससे कर्जदारों को ईएमआई (EMI)  पर बड़ी राहत मिलेगी.

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने अंग्रेजी आर्थिक अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए एक इंटरव्यू में बताया है कि बैंक की ऐसेट लायबिलिटी कमिटी (ALC) की बैठक इसी हफ्ते होने जा रही है. इस बैठक में ही लोन दरों में कटौती का फैसला हो जाएगा और उसे इसी महीने यानी फरवरी से ही लागू कर दिया जाएगा.

अगर ऐसा हुआ तो होम लोन (Home Loan) , कार लोन (Car Loan) , पर्सनल लोन (Personal Loan)  आदि सस्ते हो सकते हैं और फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वाले लोगों की ईएमआई (EMI) भी घट सकती है. असल में रीपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक बैंकों को उधारी देते हैं. तो रीपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंकों को कर्ज सस्ता मिलेगा और वे फिर ग्राहकों को कर्ज सस्ता देंगे. होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन जैसे कई लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड रेट (EBLR) पर आधारित होते हैं. रीपो रेट घटने पर यह रेट भी कम हो जाता है.

हालांकि राहत की बात यह है कि बैंक जमा दरों यानी डिपॉजिट रेट (Deposit Rate) में अभी कटौती नहीं करेगा. शेट्टी ने कहा कि ज्यादातर बैंक अभी तत्काल डिपॉजिट रेट में कटौती नहीं करेंगे और वे यह तिमाही (जनवरी-मार्च ) खत्म होने का इंतजार करना चाहेंगे यानी डिपॉजिट दरों में कटौती अप्रैल से ही हो सकती है.

शेट्टी ने कहा कि मौजूदा तिमाही में सभी बैंक व्यस्त हैं और इस तिमाही में लोन की ग्रोथ भी अच्छी है. इसके लिए अब बैंकों को डिपॉजिट बढ़ाने की जरूरत होगी. इसलिए अभी डिपॉजिट रेट कटौती में बैंक कुछ देरी करेंगे. उन्होंने कहा कि अगले एक साल में रिजर्व बैंक रीपो रेट में करीब 75 बेसिस पॉइंट की और कटौती कर सकता है.

About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।
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