Trump Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा प्रभाव

Trump Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ेगा प्रभाव

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Sunday, March 16, 2025

Updated On: Sunday, March 16, 2025

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से बाजार पर असर
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से बाजार पर असर

Trump Tariff War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से पूरी दुनिया आश्चर्यचकित है. राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशंसक बेशक उनके साथ हों लेकिन बहुत सारे अर्थशास्त्री ट्रंप के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं. उनके मुताबिक इससे वैश्वीकरण के दशकों का इतिहास मिट गया है.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Sunday, March 16, 2025

   हाईलाइट

  • ट्रंप ने एक झटके में कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगा दिए हैं.
  • उन्होंने यूरोपियन यूनियन में शामिल देशों को भी टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है.
  • कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस फैसले ने समय को 70 साल पीछे कर दिया है.
  • भारत पर टैरिफ नहीं लगाने पर देश के लिए है अवसर

Trump Tariff War: अमेरिका के ही एक अर्थशास्त्री ने ट्रंप के टैरिफ वॉर पर तंज कसते हुए कहा, ‘वे (डोनाल्ड ट्रंप) कहते हैं कि टैरिफ एक सुंदर शब्द है. यह अमेरिका के लिए नौकरियों और समृद्धि लेकर आएगा. जबकि इतिहास हमें बताता है कि व्यापार युद्ध में शुरुआती गोलियां चलाने वालों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है.’ यानी इस टैरिफ वॉर का नुकसान अमेरिका को भी हो सकता है.

अमेरिका को कैसे होगा नुकसान

अमेरिका मैक्सिको से सब्जियां, कनाडा से गेहूं, खिलौने और चीन से टी-शर्ट आदि मंगाता है. वहां से आने वाले सामानों पर अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने से ये सभी सामान महंगे हो जाएंगे. क्योंकि खुदरा विक्रेताओं का लाभ टैरिफ के कारण कम हो गया है. इसलिए वे टैरिफ मार्जिन को कम करने के लिए जल्द ही वस्तुओं की कीमतें बढ़ा देंगे.
एक अमेरिकी अर्थशास्त्री के मुताबिक इन अतिरिक्त करों के कारण अमेरिकियों को 1930 के दशक के बाद से अपने देश में आयात किए जाने वाले सामानों पर सबसे अधिक टैरिफ देना पड़ रहा है.

चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ वॉर

ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही अपने कार्यकारी आदेशों का उपयोग करके कनाडा और मैक्सिको से आने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया. चीन की वस्तुओं पर और कनाडा से ऊर्जा उत्पादों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. ट्रंप यहीं नहीं रुके उन्होंने सभी इस्पात और एल्युमिनियम आयातों पर भी 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है.

तात्कालिक प्रभाव

ट्रंप के टैरिफ पर लिए गए इन फैसलों का तात्कालिक प्रभाव शेयर बाजारों में दिख रहा है. ट्रंप के इस फैसले ने दुनियाभर के शेयर बाजारों में उथल-पुथल मचा दी. खासकर एशिया के शेयर बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. यहां रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है. भारत के एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) का सूचकांक वर्ष 2018 के स्तर पर पहुंच गया है.

कनाडा, मैक्सिको पर क्या पड़ेगा प्रभाव

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस टैरिफ वॉर से कनाडाई अर्थव्यवस्था को अधिक नुकसान हो सकता है. कनाडा हर साल अमेरिका को तकरीबन $400 बिलियन से अधिक मूल्य का सामान बेचता है. यह कनाडा की आय का पांचवां हिस्सा है. इसलिए कनाडा को इससे उबरने के लिए विकल्प तलाशने होंगे.
मैक्सिको के मामले में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस देश के राष्ट्रीय आय को नुकसान कम गंभीर हो सकता है. लेकिन वहां के केंद्रीय बैंक में ब्याज दरों में कटौती करने की क्षमता कम है. इससे मैक्सिको की अर्थव्यवस्था को कुछ हद तक नुकसान झेलना पड़ेगा.

यूरोपीय देशों पर प्रभाव

इन तीन देशों के अलावा ट्रंप यूरोपीय यूनियन के देशों को भी टैरिफ की चेतावनी दे चुके हैं. फ़्रांस, ब्रिटेन जर्मनी जैसे यूनियन के महत्वपूर्ण देशों को ट्रंप ने कहा है कि वे अमेरिकी वस्तुओं से टैरिफ हटाएं अन्यथा उनके सामानों पर भी टैरिफ लगाया जाएगा. यूरोपीय यूनियन के देशों द्वारा अमेरिका को बेचे जाने वाली वस्तुओं में लगभग एक तिहाई हिस्सा है.

भारत पर भी पड़ेगा प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का असर निश्चित रूप से भारत पर भी पड़ेगा. राष्ट्रपति ट्रंप भारत को भी अमेरिकी वस्तुओं से टैरिफ घटाने को कह चुके हैं. ट्रंप प्रशासन भारत के कुछ सामानों पर टैरिफ बढ़ा भी चुका है. यदि इसे लागू किया जाता है तो इसका असर भारतीय निर्यातकों और भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर पड़ सकता है. क्योंकि इससे भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो सकता है.
अमेरिका भारत के लिए आईटी सेवाओं और दवाओं का बड़ा बाजार है. यदि ट्रंप इन पर भी टैरिफ लगाते हैं तो इन क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ना लगभग तय है. भारत के शेयर मार्केट में असर दिख ही रहा है.

क्या भारत के लिए है अवसर

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस टैरिफ आपदा में भारत के लिए अवसर तभी होंगे, जब ट्रंप भारतीय सामानों पर टैरिफ न बढ़ाएं. यदि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर अधिक टैरिफ लगाते हैं और भारत को छूट देते हैं, तो ऐसी स्थिति में भारत को लाभ हो सकता है. अन्यथा इसका नुकसान भारत को भी होगा.

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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