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Sunny Deol loves Being Action Hero : 67 की उम्र में भी एक्शन हीरो की इमेज को नहीं तोड़ना चाहते सनी देओल, फिल्म ‘जाट’ में दिखेगा जबर्दस्त अंदाज
Sunny Deol loves Being Action Hero : 67 की उम्र में भी एक्शन हीरो की इमेज को नहीं तोड़ना चाहते सनी देओल, फिल्म ‘जाट’ में दिखेगा जबर्दस्त अंदाज
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Saturday, January 25, 2025
Last Updated On: Saturday, January 25, 2025
बॉलीवुड में एक्शन हीरो की कमी नहीं रही है. अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, संजय दत्त, सनी देओल, अजय देवगन, अक्षय कुमार, ऋतिक रौशन, जॉन अब्राहम से लेकर टाइगर श्रॉफ एवं आयुष्मान खुराना सभी ने अपने एक्शन के जरिये दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है. कुछ समय पहले ही फिल्म ‘गदर-2’ से धमाकेदार वापसी करने वाले सनी देओल (Sunny Deol) एक बार फिर जबर्दस्त एक्शन के साथ बड़े पर्दे पर लौट रहे हैं. सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) पर उनकी नई फिल्म ‘जाट’ (Jaat) का पोस्टर रिलीज हो चुका है, जिसमें सनी अपने कंधे पर एक रॉकेट लॉन्चर लिए हुए दिखाई दे रहे हैं. जबकि पीछे एक हेलीकॉप्टर चक्कर लगा रहा है. आखिर बढ़ती उम्र के बावजूद सनी को क्यों पसंद है एक्शन हीरो की अपनी इमेज?
Authored By: अंशु सिंह
Last Updated On: Saturday, January 25, 2025
अपनी करिश्माई स्क्रीन उपस्थिति और शक्तिशाली अभिनय से सनी देओल (Sunny Deol) बीते चार दशक से दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं. बॉलीवुड में एक्शन शैली के पर्याय माने जाने वाले सनी ने ‘अर्जुन’, ‘घायल’, ‘जिद्दी’‘दामिनी’, ‘हिम्मत’, ‘घातक’, ‘बॉर्डर’, ‘गदर-एक प्रेम कथा’, ‘गदर-2’ जैसी फिल्मों के जरिये खुद को एक एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया है. अगर उनकी आगामी फिल्मों की बात करें, तो उसमें अधिकांशत: एक्शन मूवीज ही हैं. अप्रैल महीने में सनी एक्शन थ्रिलर ‘जाट’ (Jaat) में एक धमाकेदार रोल में दिखाई देंगे. इसमें उनका साथ देंगे अभिनेता रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह और सैयामी खेर. वहीं, गोपीचंद मालिनेनी के निर्देशन में बनी ये फिल्म हिन्दी, तेलुगू एवं तमिल भाषा में रिलीज की जाएगी। इसके बाद, सनी की ‘बॉर्डर-2’, ‘लाहौर 1947’, ‘बाप’ आएगी. चर्चा ‘गदर-3’ की भी है. हालांकि, उसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
खेलों से जुड़ाव के कारण फाइट सीन्स करने में आता मजा
67 वर्ष के हो चुके हैं सनी. सवाल है कि आखिर उन्हें एक्शन हीरो की अपनी इमेज इतनी क्यों पसंद है? सनी के पास उसका जवाब मौजूद है. उनका कहना है कि कई बार हर प्रकार की भूमिकाएं (जैक ऑफ ऑल ट्रेड्स) निभाने की जगह किसी एक विधा में मास्टर होना ज्यादा अच्छा होता है. सनी की मानें, तो उनके लिए फाइट सीन्स करना हमेशा से आसान रहा है. खेलों से जुड़े रहने के कारण उससे कभी कोई परेशानी नहीं हुई, बल्कि मजा ही आया. बड़ी बात ये है कि ऑडिएंस यानी दर्शक भी उन्हें एक एक्शन हीरो के रूप में ही देखना पसंद करते हैं. सनी का कहना है कि पहले की तुलना में आज टेक्नोलॉजी की मदद से एक्शन सीन्स करना अधिक चुनौतीपूर्ण नहीं रहा.
एक्शन के साथ अभिनय पर देते हैं ध्यान
दरअसल, सनी देओल की विशेषता है कि एक्शन सीन्स करते हुए भी वे चेहरे के हाव-भाव, भावनाओं एवं संवाद अदायगी पर पूरा ध्यान देते हैं. उनका मानना है कि किसी भी एक्शन सीक्वेंस के पीछे अगर भावनाएं होती हैं, तो वह सच्चाई के ज्यादा करीब लगती है. सिर्फ बॉडीबिल्डर बनकर या डांस करके कोई अभिनेता नहीं बनता. एक्टर हैं, तो अभिनय करना आना चाहिए. शायद इसीलिए, पर्दे पर सनी के एक्शन सीन्स के साथ उनके दमदार संवाद भी दर्शकों को बहुत प्रभावित करते हैं. कौन भूल सकता है फिल्म ‘दामिनी’ का उनका प्रतिष्ठित ‘ढाई किलो का हाथ’ वाला संवाद, जो एक सांस्कृतिक घटना बन गया. उम्र के इस पड़ाव पर भी उनके ‘ढाई किलो के पंच’ की गूंज साफ सुनाई देती है. तभी तो ‘गदर’ के बाद एक लंबे अंतराल पर आने के बावजूद ‘गदर-2’ में सनी को दर्शकों का उतना ही प्यार एवं सम्मान मिला.
‘घायल’ ने बनाया एक्शन हीरो
सनी हमेशा से एक एक्टर बनना चाहते थे. लेकिन दिलचस्प ये है कि उनका बॉलीवुड में डेब्यू एक रोमांटिक हीरो के तौर पर हुआ था. वर्ष 1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘बेताब’ में उनके साथ अमृता सिंह ने मुख्य भूमिका निभायी थी. इसके बाद उन्होंने ‘मंजिल मंजिल’ एवं ‘सोनी महिवाल’ जैसी फिल्में की. तभी फिल्ममेकर राहुल रवैल ने उन्हें ‘अर्जुन’ फिल्म के लिए साइन किया, जिसमें सनी ने एक बेरोजगार युवक के संघर्ष को सिल्वर स्क्रीन पर जीवंत कर दिया. और फिर आया 1990 का दौर, जब सनी को मिली निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘घायल’. इसने उन्हें बॉलीवुड में एक सशक्त अभिनेता एवं एक्शन हीरो के रूप में स्थापित कर दिया. दो मत नहीं कि सनी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं. फिल्म उद्योग में वे एक भरोसेमंद अभिनेता माने जाते हैं.
फिल्म निर्देशन एवं निर्माण से जुड़े सनी
सनी न सिर्फ एक हीरो, बल्कि एक सफल निर्देशक, निर्माता और राजनीतिज्ञ भी रहे हैं। उन्होंने फिल्म ‘दिल्लगी’ (1999), ‘द हीरो: लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई’ (2003), ‘अपने’ (2007), ‘यमला पगला दीवाना’ (2011), ‘घायल वन्स अगेन’ (2016) और ‘पल पल दिल के पास’ (2019) के साथ निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा. फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ में अपने बेटे करण देओल (Karan Deol) को भी लॉन्च किया. वर्ष 2019 में सनी ने राजनीति में प्रवेश किया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने पंजाब के गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और भारी अंतर से जीत हासिल की. सनी ने विभिन्न शैलियों और माध्यमों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा और प्रतिभा साबित की है. अपनी फिल्मों और राजनीतिक कार्यों के माध्यम से देश के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में योगदान दिया है. वह सचमुच बॉलीवुड के असली एक्शन हीरो हैं.