National Unity Day 2025: क्यों कहा जाता है सरदार पटेल को ‘एक भारत के असली निर्माता’? जानिए पूरी कहानी
Authored By: Nishant Singh
Published On: Friday, October 31, 2025
Updated On: Friday, October 31, 2025
National Unity Day 2025 Wishes, Quotes and Messages in Hindi: भारत की एकता का प्रतीक, लोहे की इच्छाशक्ति से भरे नेता - सरदार वल्लभभाई पटेल, (Sardar Patel Jayanti 2025) जिनकी जयंती हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाती है. उन्होंने 562 रियासतों को जोड़कर एक अखंड भारत की नींव रखी. 2025 में उनकी 150वीं जयंती पर देश फिर याद कर रहा है उस लौहपुरुष को, जिसने दिखाया कि असली शक्ति तलवार में नहीं, बल्कि एकता और कर्तव्यनिष्ठा में होती है.
Authored By: Nishant Singh
Updated On: Friday, October 31, 2025
National Unity Day 2025: भारत की धरती ने कई महान विभूतियों को जन्म दिया है, लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जो समय की सीमाओं को लांघकर हमेशा अमर हो जाते हैं. सरदार वल्लभभाई पटेल ऐसा ही एक नाम हैं – जिनकी सोच, निर्णय क्षमता और दृढ़ता ने बिखरे हुए भारत को “एक राष्ट्र” बनाया. 31 अक्टूबर 2025 को जब देश उनकी 150वीं जयंती (Sardar Patel Jayanti 2025) मना रहा है, तब यह केवल एक जन्मदिन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता दिवस का प्रतीक बन चुका है. “विविधता में एकता” का जो सपना उन्होंने देखा था, आज वही भारत की आत्मा बन चुका है.
राष्ट्रीय एकता दिवस: एकता का उत्सव, देशभक्ति का संदेश (National Unity Day)

हर साल 31 अक्टूबर को भारत भर में राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) मनाया जाता है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि चाहे हमारी भाषाएं, संस्कृतियां और परंपराएं अलग हों, लेकिन हमारी पहचान एक है – भारतीय.
सरदार पटेल की जयंती को ही यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि उन्होंने 562 रियासतों को जोड़कर भारत को एक सूत्र में पिरोया.
इस दिवस का उद्देश्य सिर्फ एकता की बात करना नहीं, बल्कि उसे जीवन में उतारना है. स्कूलों से लेकर सरकारी संस्थानों तक, इस दिन देशभर में “Run for Unity”, एकता की शपथ, और देशभक्ति के आयोजन होते हैं.
31 अक्टूबर को ही क्यों चुना गया राष्ट्रीय एकता दिवस? (Why was October 31 chosen as National Unity Day?)
भारत के इतिहास में 31 अक्टूबर का दिन विशेष महत्व रखता है. यही वो दिन है जब वर्ष 1875 में गुजरात के नडियाद में एक ऐसे बालक का जन्म हुआ (Sardar Patel Jayanti), जिसने आगे चलकर भारत की तस्वीर बदल दी.
आज़ादी के बाद जब देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी – रियासतों का एकीकरण, तब सरदार पटेल ने असंभव को संभव किया. उन्होंने न तलवार उठाई, न सेना भेजी, बल्कि अपने राजनीतिक कौशल, धैर्य और दृढ़ता से राजाओं को भारत माता के साथ जोड़ दिया. यही वजह है कि जब 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत की, तो उन्होंने कहा -“सरदार पटेल ने जो भारत जोड़ा, हमें उसे संभालना है.”
सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवन परिचय (Biography of Sardar Vallabhbhai Patel)

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म (Sardar Patel Jayanti) 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था. उनके पिता झावरभाई एक किसान थे और माता लाडबाई धार्मिक विचारों वाली महिला थीं.
पटेल बचपन से ही साहसी, अनुशासित और न्यायप्रिय थे. उन्होंने कानून की पढ़ाई इंग्लैंड से की और भारत लौटकर एक सफल वकील बने. परंतु 1917 में महात्मा गांधी से मुलाकात ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी. उन्होंने वकालत छोड़ दी और खुद को देश की आज़ादी की लड़ाई में झोंक दिया.
‘सरदार’ कैसे बने वल्लभभाई पटेल? (How did Vallabhbhai Patel become ‘Sardar’?)
1928 का बारडोली सत्याग्रह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है. जब ब्रिटिश सरकार ने किसानों पर भारी कर लगाया, तब पटेल ने नेतृत्व संभाला. उनकी रणनीति और दृढ़ता के आगे ब्रिटिश प्रशासन को झुकना पड़ा. इस आंदोलन की जीत के बाद जनता ने उन्हें सम्मानपूर्वक “सरदार” की उपाधि दी. तभी से वे सरदार वल्लभभाई पटेल कहलाने लगे. एक ऐसा नाम जो न्याय, अनुशासन और संगठन का प्रतीक बन गया.
‘भारत का लौह पुरुष’ कैसे बने? (How did he become the ‘Iron Man of India’?)

आज़ादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी – रियासतों का एकीकरण. देश में कुल 562 रियासतें थीं, और हर शासक की अपनी अलग सोच थी. कोई पाकिस्तान में मिलना चाहता था, तो कोई स्वतंत्र रहना चाहता था. ऐसे में पटेल ने अपने अद्भुत कूटनीति और दृढ़ निश्चय से सबको भारतीय संघ में मिलाया. हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी बड़ी रियासतें भी उनके नेतृत्व में शांतिपूर्वक भारत का हिस्सा बनीं. उन्होंने बिना युद्ध, बिना खून-खराबे के एक अखंड भारत बनाया. उनकी इसी लोहे जैसी इच्छाशक्ति के कारण उन्हें “Iron Man of India” यानी भारत का लौह पुरुष कहा गया.
सरदार पटेल की कार्यशैली और नेतृत्व
सरदार पटेल का व्यक्तित्व उतना ही सादा था, जितना उनका जीवन. वे ज्यादा बोलने वाले नहीं थे, बल्कि कर्मशील और निर्णायक नेता थे. उनका मानना था – “राष्ट्र निर्माण भाषणों से नहीं, कर्म से होता है.”
गांधीजी उन्हें “भारत का बिस्मार्क” कहा करते थे, क्योंकि उनके प्रशासनिक कौशल ने नवगठित भारत को स्थिरता दी. उन्होंने Indian Civil Services (ICS) को नया रूप देकर Indian Administrative Services (IAS) की नींव रखी, जो आज भारत की रीढ़ मानी जाती है.
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राष्ट्र निर्माण में सरदार पटेल का योगदान (Sardar Patel’s contribution in nation building)
- रियासतों का विलय: पटेल ने 562 रियासतों को भारत में मिलाया 🤝
- कश्मीर नीति: उन्होंने शुरुआती दौर में कश्मीर की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए 🗻
- प्रशासनिक ढांचा: IAS और IPS जैसी सेवाओं की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाई 👨💼👮♀️
- कृषक आंदोलनों का नेतृत्व: किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया 🚜
- राष्ट्रीय एकता का प्रतीक: देश को एक झंडे, एक संविधान और एक राष्ट्र की पहचान दी 🇮🇳
सरदार पटेल के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य (Sardar Patel Interesting Facts)

- सरदार पटेल का पूरा नाम वल्लभभाई झावरभाई पटेल था.
- उन्हें “सरदार” की उपाधि बारडोली आंदोलन के बाद मिली.🏅
- वे भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री थे.🏛️
- उनकी स्मृति में बनी Statue of Unity दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है (182 मीटर).🗿
- उनके सम्मान में हर साल “Run for Unity” का आयोजन होता है.🏃♂️
- वे भारत के उन नेताओं में थे जिन्होंने धर्मनिरपेक्षता और अनुशासन को राजनीति का आधार बनाया.🕊️
Statue of Unity: सरदार को समर्पित विराट प्रतीक
गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित Statue of Unity सरदार पटेल के अदम्य साहस और योगदान का प्रतीक है. 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई थी. यह प्रतिमा न केवल विश्व की सबसे ऊंची है, बल्कि भारत की एकता और शक्ति की भी पहचान बन चुकी है. यहां रोज़ाना हजारों पर्यटक सरदार पटेल के आदर्शों को नमन करने आते हैं.
सरदार पटेल के अनमोल विचार (Sardar Patel Quotes & Vichar)

- 🪔 “इस मिट्टी में कुछ खास है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है.”
- 🛡️ “हर नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह महसूस करे कि उसका देश स्वतंत्र है, और उसकी रक्षा करना उसका कर्तव्य है.”

- 🙏 “भले ही हम हजारों की संपत्ति खो दें, पर सत्य और ईश्वर में विश्वास बनाए रखें.”
- 🤝 “जब जनता एक हो जाती है, तब कोई भी शासन टिक नहीं सकता. इसलिए जात-पात के भेदभाव भूल जाइए.”
- ⚖️ “शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है, और विश्वास के बिना शक्ति अधूरी. दोनों का संतुलन ही महान कार्य करता है.”
- 🔥 “आपकी अच्छाई ही आपके रास्ते में बाधा बन सकती है. अन्याय से डरो नहीं, उसका सामना करो.”
- 🕊️ “संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गई है. वैरभाव से कोई काम सफल नहीं होता.”
- 🌾 “भारत में कोई भूखा न रहे, यही मेरा सपना है.”
- 💡 “अधिकार तभी तक अंधा बनाए रखते हैं, जब तक मनुष्य उसके लिए मूल्य न चुका दे.”
- 🌈 “ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेद मिटाकर ही भारत उन्नत हो सकता है.”
सरदार पटेल जयंती पर शुभकामनाएं (Best wishes on Sardar Patel Jayanti in Hindi)

” 💪 लौह पुरुष की ऐसी छवि,
ना देखी, ना सोची कभी,
आवाज़ में सिंह सी दहाड़ थी 🦁,
ह्रदय में कोमलता की पुकार थी ❤️
सरदार पटेल जयंती की बधाई! 🎉
” 👑 गरीबों का सरदार था वो,
दुश्मनों के लिए लोहा था वो ⚔️,
आंधी की तरह बहता गया 🌪️,
ज्वालामुखी सा धधकता गया 🔥
सरदार पटेल जयंती की बधाई! 🙏
” भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक,
आधुनिक भारत के शिल्पकार 🏗️,
महान स्वतंत्रता सेनानी व भारत रत्न 🌟,
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन 🙇♂️।
सरदार पटेल जयंती की बधाई! 🌺
” 🦶 मेरी तो आदत पड़ गई है कि जहां पैर रख दिया,
वहां से पीछे न हटाया जाए 🚫,
जहां पैर रखने के बाद वापस लौटना पड़े,
वहां पैर रखने की मुझे आदत नहीं।
अंधेरे में कूद पड़ने का मेरा स्वभाव नहीं है 🌌
सरदार पटेल जयंती की बधाई! 🙏
” 🧱 खंड-खंड को जोड़ जिसने,
अखंड राष्ट्र का सृजन किया 🇮🇳,
उन शिल्पी वल्लभ को सबने,
लोहपुरुष कह नमन किया 🙏
सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! 🎉
” 🕊️ बापू के अनुयायी थे,
खेड़ा से रण में रखे कदम 🚩,
भर हुंकार बरदौली में बोले,
“न दे लगान की रत्ती हम!” 💬
सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! 🌸
” ⚖️ अत्याचार के शासन का
दृढ होकर जिसने दमन किया 💥,
उन युग शिल्पी को सबने
लौहपुरुष कह नमन किया 🙏
सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! 🌹
” 🗺️ सदियों से जो नहीं था हुआ,
चंद दिनों में सफल किया ⏳,
पांच सौ पैसठ रजवाड़ों को 🏰
कूटनीति से विलय किया 🤝
सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती की शुभकामनाएं! 🇮🇳✨
आज की पीढ़ी सरदार पटेल से क्या सीखे?
आज जब समाज फिर से जाति, धर्म और विचारधारा के नाम पर बंटता दिखता है, तब सरदार पटेल की सोच पहले से ज्यादा प्रासंगिक हो जाती है.
वे सिखाते हैं कि –
- देश की ताकत एकता में है, न कि विभाजन में.
- सत्ता नहीं, सेवा ही सच्ची राजनीति है.
- कठिन निर्णयों से भागना नहीं, उन्हें दृढ़ता से लेना ही नेतृत्व है.
- हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करे.
- उनका जीवन बताता है कि एक व्यक्ति भी अगर दृढ़ निश्चय कर ले, तो पूरा देश बदल सकता है.
सरदार पटेल और आधुनिक भारत
आज जब भारत “विकसित राष्ट्र” बनने की राह पर है, तो सरदार पटेल के विचार पहले से ज्यादा मार्गदर्शक हैं. उनकी सोच थी कि “राष्ट्र तभी महान होगा, जब उसके नागरिक कर्तव्यनिष्ठ होंगे.”
Statue of Unity के सामने जब युवा पीढ़ी नमन करती है, तो वो केवल एक प्रतिमा को नहीं, बल्कि एक विचारधारा को प्रणाम करती है. एक ऐसा विचार जो कहता है – “भारत सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं, यह हमारी आत्मा है.”
सरदार पटेल – एक व्यक्ति नहीं, एक विचार
सरदार वल्लभभाई पटेल केवल भारत के इतिहास के पात्र नहीं, बल्कि उसकी आत्मा हैं. उन्होंने सिखाया कि राष्ट्र की शक्ति न तो तलवार में है, न धन में, बल्कि एकता, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा में है. 2025 में जब हम उनकी 150वीं जयंती मना रहे हैं, तो हमें सिर्फ फूल अर्पित नहीं करने चाहिए, बल्कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिए. क्योंकि, “एकता केवल नारे से नहीं आती, उसे कर्म से सिद्ध करना पड़ता है.”
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