World Cancer Day 2024 पर विशेषज्ञों से जानें लंग कैंसर से बचाव का तरीका

World Cancer Day 2024 पर विशेषज्ञों से जानें लंग कैंसर से बचाव का तरीका

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, August 1, 2024

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

Lung cancer disease
Lung cancer disease

अपने फेफड़ों का ख्याल रखना सबसे अधिक जरूरी है। यह सांस लेने की प्रक्रिया से जुड़े होने के साथ-साथ शरीर के कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों जुड़ा होता है। लंग हेल्थ के प्रति जागरूक रहने से हम लंग कैंसर से खुद का बचाव कर सकते हैं। आज वर्ल्ड लंग कैंसर डे (World Lung Cancer Day) है। आइये जानते हैं फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Sunday, April 27, 2025

फेफड़े हमें जीवित और स्वस्थ रखते हैं। कभी-कभी हम अपने फेफड़ों को हल्के में ले लेते हैं। यह हमारे स्वास्थ्य पर भारी पड़ता है। इसलिए अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य (Lung Health) को प्राथमिकता देना जरूरी है। हमारे शरीर में एक प्राकृतिक रक्षा प्रणाली है, जो फेफड़ों की रक्षा करने, गंदगी और कीटाणुओं को दूर रखने के लिए डिज़ाइन की गई है। कुछ चीज़ों पर ध्यान देने से फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) सहित अन्य बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं। फेफड़ों के कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही हर वर्ष 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे (World Lung Cancer Day) मनाया जाता है।

वर्ल्ड लंग कैंसर डे (World Lung Cancer Day-1 August)

लंग कैंसर दुनिया भर में कैंसर के कारण होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। वर्ल्ड लंग कैंसर डे (World Lung Cancer Day) हर वर्ष 1 अगस्त को मनाया जाता है। संपूर्ण विश्व के लोग फेफड़ों के कैंसर के प्रति जागरूक हों और इससे बचाव और इलाज की कोशिश करें। इस दिन का उद्देश्य धूम्रपान, पर्यावरणीय कारकों और आनुवंशिक प्रवृत्तियों सहित फेफड़ों के कैंसर से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

वर्ल्ड लंग कैंसर डे 2024 थीम (World Lung Cancer Day 2024 Theme)

र्ल्ड लंग कैंसर डे 2024 की थीम (World Lung Cancer Day) है – लंग कैंसर के मरीज की देखभाल की कमी को दूर करें। हर किसी को कैंसर के इलाज तक पहुंच प्राप्त हो। इस दिवस का उद्देश्य प्रभावित व्यक्तियों की मदद करना, प्रभावी समाधान खोजना और अंततः इस विनाशकारी बीमारी के प्रभाव को कम करने की दिशा में एकजुट प्रयास को बढ़ावा देना है। हमें शरीर में किसी भी प्रकार के हो रहे परिवर्तन को अनदेखा नहीं करना चाहिए। इसके प्रति सतर्कता बरतना जरूरी है।

लक्षणों की अनदेखी करना बढ़ा सकता है खतरा (Lung Cancer risks)

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. निखिल कालरा बताते हैं, ‘जीवनशैली, तनावपूर्ण स्थिति, धूम्रपान, खराब पोषण और वायु प्रदूषण जैसी समस्या फेफड़े के कैंसर जैसी बीमारी को बढ़ावा देते हैं। जब शरीर में किसी प्रकार के लक्षण परेशानी पैदा करने लगते हैं, तब मरीज डॉक्टर के पास जाता है। फेफड़े के कैंसर के लक्षणों का कभी-कभी पता नहीं चल पाता है। यदि स्मोकिंग की हिस्ट्री है और रोगी में खांसी जैसे लक्षण हैं, जो इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं। थूक में खून आना, वजन कम होना, भूख कम लगना जैसे लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर एक्स-रे सहित कई परीक्षण/जांच के लिए कह सकते हैं। इसके कारण कुछ धब्बे/गांठ दिखाई दे सकते हैं।’

यदि लंग कैंसर से बचाव चाहते हैं, तो ये कुछ उपाय किये जा सकते हैं:

स्मोकिंग नहीं करें (Do not smoke)

डॉ. निखिल कालरा के अनुसार, सिगरेट पीना फेफड़ों के कैंसर और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) का मुख्य कारण है। इसके कारण क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और एम्फीसेमा जैसे रोग भी हो सकते हैं। सिगरेट का धुआं एयरवेज को संकीर्ण कर सकता है। सांस लेना अधिक कठिन हो सकता है। यह फेफड़ों में क्रॉनिक सूजन का कारण बनता है, जो क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है। समय के साथ सिगरेट का धुआं फेफड़ों के ऊतकों को नष्ट कर देता है और कैंसर में विकसित होने वाले परिवर्तनों को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए स्मोकिंग (Smoking) को जल्दी से जल्दी छोड़ने में ही भलाई है।

इनडोर एयर क्वालिटी जांच लें (Indoor Air Quality)

इनडोरएयर क्वालिटी (Indoor Air Quality) उन बिल्डिंग और अन्य संरचनाओं में हवा के बारे में बताती है, जिनमें हम काम करते हैं, रहते हैं और खेलते हैं। साथ ही इन इमारतों और संरचनाओं के आस-पास के क्षेत्र को भी। IAQ हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम अपना 90% समय घर के अंदर बिताते हैं। यह जानना जरूरी है कि घर के अंदर की हवा बाहर की हवा से भी अधिक प्रदूषित हो सकती है। सेकंड हैंड स्मोक, घर और वर्कप्लेस में केमिकल, मोल्ड और रेडॉन सभी लंग डिजीज के कारण बन सकते हैं या उसे खराब कर सकते हैं। अपनी इनडोर एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने की कोशिश करें।

आउटडोर एयर पॉ लूशन जान लें (Outdoor Air Pollution)

बाहर की हवा की गुणवत्ता दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है। कभी-कभी हवा इतनी अधिक प्रदूषित होती है कि सांस लेना अनहेल्दी होता है। यह जानना जरूरी है कि बाहरी वायु प्रदूषण आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा से संपर्क को कम करने के लिए उपयोगी रणनीति आपको और आपके परिवार को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं। जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदा भी फेफड़ों के स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित कर सकती हैं।

एक्सरसाइज करें (Exercise)

चाहे आप युवा हों या बूढ़े, दुबले-पतले हों या बड़े, स्वस्थ शरीर वाले हों या किसी पुरानी बीमारी या विकलांगता से पीड़ित हों, शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। एक्सरसाइज फेफड़ों को मज़बूत (Lung Health) करने में मदद कर सकता है।

फेफड़ों को बाहरी प्रदूषण से बचाने के लिए कुछ बातों पर ध्यान दें:

  • बहुत अधिक प्रदूषित हवा वाले दिनों में बाहर एक्सरसाइज करने से बचें।
  • अधिक ट्रैफ़िक वाले क्षेत्रों के पास एक्सरसाइज करने से बचें।
  • अपने क्षेत्र में एयर क्वालिटी का समय-समय पर पता करते रहें।
  • लकड़ी या कचरा नहीं जलाएं।

  • लंग की नियमित जांच कराते रहें।

नियमित जांच करवाने से बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है, तब भी जब आप अच्छा महसूस कर रहे हों। यह फेफड़ों की बीमारी के लिए विशेष रूप से जरूरी है। यह कभी-कभी बीमारी गंभीर होने तक पता नहीं चलता है। फेफड़ों की बीमारी को उसके शुरुआती चरणों में ही पहचान लेना सबसे अच्छा है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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