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Climate Change Affect Health : जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य समस्याओं के बीच सीधा संबंध
Climate Change Affect Health : जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य समस्याओं के बीच सीधा संबंध
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, December 25, 2024
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहा है। इसके कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं। यूनिसेफ़ यह मान चुका है कि जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य समस्याओं (Climate Change affect Health) के बीच सीधा संबंध है।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Sunday, April 27, 2025
प्रदूषण के कारण तेजी से ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) हो रही है। इसके कारण जलवायु में भी परिवर्तन हो रहे हैं। इसका स्वास्थ्य पर बी प्रभाव पड़ रहा है। यूनिसेफ भी मानती है कि स्वच्छता, जल संरक्षण और जलवायु परिवर्तन तथा स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक तरफ जहां जलवायु परिवर्तन से मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है, वहीं जलवायु परिवर्तन (Climate Change affect Health) के कारण स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ते हैं। शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।
यूनिसेफ के कार्यक्रम (UNICEF Programme)
यूनिसेफ की सहयोगी संस्था आईएलआरटी के संजय शर्मा और राजाराम धाकड़ ने जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में स्वच्छता, जल संरक्षण और स्वास्थ्य के आपसी संबंधों को रेखांकित किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न स्वास्थ्य चुनौतियों के प्रति जागरूक करना और समुदाय में जागरूकता फैलाने के लिए सक्षमता पर बल देना है।
कैसे जलवायु परिवर्तन से होती हैं बीमारियां (Climate Change causes Health Problems)
जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों में श्वसन और हृदय रोग (Heart Disease), लाइम रोग (Lyme disease), और वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) जैसे कीट-संबंधी रोग (pest-related diseases) पानी और भोजन से संबंधित बीमारियां (water and food-related illnesses), चोट और मृत्यु शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण हिंसक अपराध में वृद्धि और समग्र रूप से खराब मानसिक स्वास्थ्य से भी जोड़ा जा रहा है। तूफान, बाढ़, सूखा, गर्मी की लहरें और जंगल की आग भी इसके कारण होती हैं, जो सीधे चोट, बीमारी या मृत्यु का कारण बन सकते हैं। जलवायु परिवर्तन का अप्रत्यक्ष प्रभाव पर्यावरण में परिवर्तन के माध्यम से होता है, जो पृथ्वी की प्राकृतिक प्रणालियों को बड़े पैमाने पर बदल देता है।
बढ़ा हुआ तापमान स्वास्थ्य समस्याओं की वजह (illnesses)
तापमान की चरम सीमा स्वास्थ्य को सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है। यह शरीर की आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर देती है। आंतरिक तापमान नियंत्रण के नुकसान के परिणामस्वरूप कई बीमारियां हो सकती हैं। इनमें अत्यधिक गर्मी की घटनाओं से होने वाली हीट क्रैम्प (heat cramps) , हीट फटीग (heat exhaustion), हीटस्ट्रोक (heatstroke) और हाइपरथर्मिया (hyperthermia) शामिल हैं। अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से हीट स्ट्रोक और निर्जलीकरण के साथ-साथ मस्तिष्क संबंधी रोग (cerebrovascular disease) भी हो सकते हैं।
ग्रीनहाउस गैसें बढ़ा देती हैं समस्या (Greenhouse Gases causes Health Problems)
ग्रीनहाउस गैसें समस्या को कई गुना बढ़ा देती हैं। ग्रीनहाउस गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, ओजोन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन और वाटर वेपर शामिल हैं। वाटर वेपर तापमान परिवर्तनों पर प्रतिक्रिया करता है। यह उन बलों के प्रभाव को बढ़ाता है जो शुरू में वार्मिंग का कारण बने थे।
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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