विश्व हॉस्पिस एवं प्रशामक दिवस पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई संगोष्ठी, भारत में प्रशामक देखभाल पर हुई विशेष चर्चा

विश्व हॉस्पिस एवं प्रशामक दिवस पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई संगोष्ठी, भारत में प्रशामक देखभाल पर हुई विशेष चर्चा

Authored By: अंशु सिंह

Published On: Wednesday, October 16, 2024

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

world hospice and palliative care day
world hospice and palliative care day

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के अर्थशास्त्र विभाग ने दिल्लीवासियों की राष्ट्रीय प्रशामक देखभाल पहल (डीएनआईपीसीएआरई) के सहयोग से विश्व हॉस्पिस और प्रशामक देखभाल दिवस (World Hospice and Palliative Care Day) मनाया। इस अवसर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन कार्यालय के सम्मेलन हॉल में प्रशामक देखभाल संवेदीकरण कार्यक्रम और बुनियादी जीवन समर्थन (बीएलएस) प्रशिक्षण से युक्त एक स्वास्थ्य देखभाल संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

Authored By: अंशु सिंह

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

विश्व हॉस्पिस और प्रशामक देखभाल दिवस (WHPCD) प्रति वर्ष अक्टूबर के दूसरे शनिवार को विश्व भर में मनाया जाता है, जिससे प्रशामक देखभाल की ज़रूरतों के साथ जी रहे लोगों के लिए वकालत करने का अवसर मिल सके। संगोष्ठी की शुरुआत जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. अशरफ़ इलियान के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने जागरूकता फैलाने और विश्व भर में हज़ारों असहाय, बिस्तर पर पड़े, लाइलाज बीमारी से पीड़ित, आनुवंशिक रूप से बीमार और कैंसर रोगियों की सहायता करने के लिए डब्ल्यूएचपीसीडी के महत्व पर प्रकाश डाला।

भारत में केवल 2 फीसदी लोगों को प्रशामक देखभाल की जरूरत

प्रशामक देखभाल संवेदीकरण पर सत्र का नेतृत्व डीएनआईपीसीएआरई के महासचिव और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारी के.वी. हमजा (KV Hamza) ने किया। उन्होंने जामिया के छात्रों के लिए प्रशामक देखभाल के महत्व और इसकी प्रासंगिकता को रेखांकित किया। विशेष रूप से विश्वविद्यालय के उद्देश्यों और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के संबंध में। उन्होंने प्रशामक देखभाल के प्रमुख सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की और इसके महत्व पर बल देने के लिए 2008 से प्रशामक देखभाल के क्षेत्र में अपने विस्तृत अनुभव से वास्तविक जीवन के उदाहरण दिए। उन्होंने एक चौंकाने वाला आंकड़ा प्रस्तुत किया कि भारत में केवल 2% लोगों को ही प्रशामक देखभाल की आवश्यकता है, जबकि वैश्विक औसत 14% है। उन्होंने बताया कि एक अच्छी बात यह है कि भारत में केरल राज्य 60% से अधिक कवरेज के साथ समुदाय आधारित प्रशामक देखभाल के साथ पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श के रूप में उभरा है। उन्होंने देश के अन्य हिस्सों में कवरेज और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। डी.एन.आई.पी.केयर की छात्र समन्वयक सीमा प्रसाद ने आज की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में विशेष रूप से प्रशामक देखभाल की आवश्यकता को साझा किया और छात्रों को इस नेक काम के लिए स्वयंसेवक बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

सीपीआर (CPR) को लेकर प्रशिक्षण

training on cpr (cardiopulmonary resuscitation)

सत्र का दूसरा भाग बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण पर केंद्रित था, जिसका नेतृत्व देसंथ सी. ने किया, जो डी.एन.आई.पी.केयर के स्वयंसेवक और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में नर्सिंग अधिकारी हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा तकनीकों, विशेष रूप से कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सी.पी.आर.) के बारे में प्रशिक्षित किया, जो सत्र का मुख्य आकर्षण था। उन्होंने यह दिखाया कि किस प्रकार सी.पी.आर. आपातकाल के दौरान जीवन रक्षक हो सकता है। छात्रों और संकाय सदस्यों दोनों को मार्गदर्शन के अंतर्गत सी.पी.आर. का अभ्यास करने का अवसर मिला। अर्थशास्त्र के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने सत्र में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. काशिफ खान द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। डॉ. जकारिया सिद्दीकी, डॉ. वसीम अकरम और डॉ. काशिफ खान ने कार्यक्रम का समन्वय किया।

About the Author: अंशु सिंह
अंशु सिंह पिछले बीस वर्षों से हिंदी पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनका कार्यकाल देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण और अन्य राष्ट्रीय समाचार माध्यमों में प्रेरणादायक लेखन और संपादकीय योगदान के लिए उल्लेखनीय है। उन्होंने शिक्षा एवं करियर, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक मुद्दों, संस्कृति, प्रौद्योगिकी, यात्रा एवं पर्यटन, जीवनशैली और मनोरंजन जैसे विषयों पर कई प्रभावशाली लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी में गहरी सामाजिक समझ और प्रगतिशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को न केवल जानकारी बल्कि प्रेरणा भी प्रदान करती है। उनके द्वारा लिखे गए सैकड़ों आलेख पाठकों के बीच गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य लाइफस्टाइल खबरें