क्या आप भी पेट फूलने की समस्या से हैं परेशान? तो गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के ये 7 गोल्डन रूल्स करें फॉलो

Authored By: Galgotias Times Bureau

Published On: Monday, November 10, 2025

Updated On: Monday, November 10, 2025

पेट फूलने और गैस की समस्या के लिए 7 गोल्डन रूल्स, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की सलाह अनुसार समाधान.

रेस्टोरेंट का भारी खाना अकसर पेट फूलने या बेचैनी का कारण बन जाता है. कैलिफ़ोर्निया के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने बाहर खाते समय अपनाने के 7 आसान और स्मार्ट नियम बताए हैं, जो पाचन को बेहतर बनाने और खाने के बाद की परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं.

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Updated On: Monday, November 10, 2025

Stomach Gas Problem Solutions: बाहर खाना ज़िंदगी की छोटी-छोटी खुशियों में से एक है, लेकिन रेस्टोरेंट का खाना कई बार पेट पर भारी पड़ सकता है. तले-भुने या बहुत मसालेदार व्यंजन और उनमें इस्तेमाल की गई छिपी हुई सामग्रियां पेट फूलने, गैस या पाचन में दिक्कत पैदा कर सकती हैं. अगर आप बाहर खाते समय थोड़ी समझदारी दिखाएं और सही चीज़ें चुनें, तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है. बस हल्का, ताज़ा और संतुलित खाना चुनें, ओवरईटिंग से बचें और पानी ज़रूर पिएं. इस तरह आप स्वाद का मज़ा भी ले पाएंगे और पेट को भी आराम मिलेगा.

कैलिफ़ोर्निया के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी, जिन्होंने एम्स, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से ट्रेनिंग ली है, ने बाहर खाना खाने के सात आसान और फायदेमंद नियम बताए हैं. 8 नवंबर को इंस्टाग्राम पर साझा की गई अपनी पोस्ट में उन्होंने बताया कि ये टिप्स पाचन को बेहतर बनाने, पेट फूलने और खाने के बाद होने वाली बेचैनी को कम करने में मदद कर सकते हैं. साथ ही, ये नियम रेस्टोरेंट के भारी खाने के बाद ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से भी रोक सकते हैं.

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं

डॉ. सौरभ सेठी सलाह देते हैं कि ज्यादा प्रोसेस किए गए यानी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाने से बचना चाहिए. ऐसे खाने में अक्सर इमल्सीफायर और एडिटिव्स जैसे केमिकल मिलाए जाते हैं, जो पाचन पर बुरा असर डाल सकते हैं. उनका कहना है कि ये चीजें आंत की सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं और शरीर में सूजन बढ़ा सकती हैं.

पहले चुनें लीन प्रोटीन

डॉ. सौरभ सेठी सलाह देते हैं कि तले हुए या बहुत ज्यादा चिकनाई वाले खाने की जगह ग्रिल्ड चिकन, मछली या पौधों से बने प्रोटीन जैसे लीन प्रोटीन को चुनें. ये हल्के और पचाने में आसान होते हैं. साथ ही, ऐसे खाने से एसिड रिफ्लक्स या पेट में जलन जैसी दिक्कतें होने की संभावना भी कम रहती है.

सॉस का इस्तेमाल रखें हल्का

डॉ. सौरभ सेठी का कहना है कि खाने में सॉस या ड्रेसिंग ज़्यादा न डालें. अगर चाहें तो वेटर से कहें कि सॉस अलग से परोसी जाए, ताकि आप जरूरत के अनुसार ही इस्तेमाल कर सकें. इससे खाना ज़्यादा भारी नहीं लगेगा और पाचन भी बेहतर रहेगा. वे बताते हैं कि क्रीमी या बटर वाले सॉस स्वाद तो बढ़ाते हैं, लेकिन अक्सर पेट में भारीपन या असहजता का कारण बनते हैं.

सब्ज़ियाँ जरूर खाएँ

डॉ. सौरभ सेठी का कहना है कि बाहर खाने पर भी सब्ज़ियों को कभी न छोड़ें. उबली, भुनी या ताज़ी कच्ची सब्ज़ियाँ आंतों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं क्योंकि इनमें फाइबर भरपूर होता है, जो पाचन सुधारता है और अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है. हालांकि, वे तली हुई सब्ज़ियाँ खाने से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि ये पेट में गैस और भारीपन का कारण बन सकती हैं.

स्मार्ट कार्ब्स चुनें

डॉ. सौरभ सेठी सलाह देते हैं कि बाहर खाते समय ऐसे कार्बोहाइड्रेट चुनें जो हल्के और पचाने में आसान हों. उनका कहना है कि सादा चावल, क्विनोआ या बेक्ड आलू अच्छे विकल्प हैं क्योंकि ये पेट पर ज़्यादा बोझ नहीं डालते. वे बताते हैं कि मक्खनी या चीज़ी डिशेज से बचना चाहिए, क्योंकि ये अक्सर भारीपन और पेट फूलने का कारण बनती हैं.

पेय का ध्यान रखें

डॉ. सौरभ सेठी सलाह देते हैं कि बाहर खाते समय कार्बोनेटेड या डाइट ड्रिंक्स से बचें, क्योंकि ये पेट फूलने और असहजता का कारण बन सकते हैं. उनकी जगह सादा पानी या हर्बल चाय पीना बेहतर होता है, ये पाचन को शांत रखते हैं और आपको हल्का महसूस कराने में मदद करते हैं.

मिठाई समझदारी से चुनें

डॉ. सौरभ सेठी सलाह देते हैं कि बहुत ज़्यादा चीनी वाली मिठाइयों से बचें, क्योंकि ये ब्लड शुगर को अचानक बढ़ा सकती हैं. इसके बजाय, फल-आधारित डेसर्ट जैसे बेरीज या शर्बत का चुनाव करें, ये आपकी मीठा खाने की इच्छा को भी पूरा करते हैं और ब्लड शुगर को भी संतुलित रखते हैं.

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