अंतरिक्ष से सुरक्षा का कवच: इसरो की आंखें बन गईं भारत की ढाल!

अंतरिक्ष से सुरक्षा का कवच: इसरो की आंखें बन गईं भारत की ढाल!

Authored By: Nishant Singh

Published On: Tuesday, May 13, 2025

Last Updated On: Tuesday, May 13, 2025

ISRO surveillance satellites
ISRO surveillance satellites

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के दौरान, हमारे वीर सैनिकों के साथ-साथ अंतरिक्ष से निगरानी रखता एक ‘अभेद्य आसमानी कवच’ भी कार्यरत था. इसरो के सात विशेष उपग्रहों ने देश के लिए "आसमानी आंखों" का काम किया, जिन्होंने दुश्मन की हर चाल को पहले ही भांप लिया. इन उन्नत उपग्रहों की मदद से 'ऑपरेशन सिंदूर' में मिली सफलता ने साबित कर दिया कि 21वीं सदी के भारत की सुरक्षा अब केवल जमीन तक ही सीमित नहीं, बल्कि अंतरिक्ष तक विस्तारित हो चुकी है.

Authored By: Nishant Singh

Last Updated On: Tuesday, May 13, 2025

जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव अपने चरम पर पहुंचा था, तब देश की सुरक्षा केवल ज़मीन पर तैनात जवानों के भरोसे नहीं थी. उस दौर में भारत के पास एक ऐसा ‘अभेद्य आसमानी कवच’ था, जो दिन-रात दुश्मन की हर हरकत पर पैनी नजर रख रहा था—और वह कवच था भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो. विशेष रूप से सात प्रमुख उपग्रहों ने पाकिस्तान के ठिकानों की सटीक पहचान और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन उपग्रहों ने भारतीय सेना को सटीक जानकारी प्रदान की, जिससे ऑपरेशन सिंदूर की सफलता सुनिश्चित हुई.

उस समय इसरो (ISRO) महज़ एक तकनीकी सपोर्ट एजेंसी नहीं रह गया था, बल्कि वह भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता का एक ऐसा अभिन्न हिस्सा बन चुका था जिसने युद्ध की दिशा ही बदल दी थी. जहाँ दुश्मन अपने गुप्त ठिकानों से चालें चला करता था, वहीं आसमान में तैनात इसरो के सात शक्तिशाली सैटेलाइट्स हर कदम को बारीकी से ट्रैक कर रहे थे.

सैटेलाइट्स और डेटा बना भारत की नई सुरक्षा ढाल

उस समय की लड़ाई सिर्फ बंदूकों और मिसाइलों की नहीं रही थी, बल्कि यह डेटा और इंटेलिजेंस की लड़ाई बन चुकी थी. इसरो के हाई-रेज़ोल्यूशन सैटेलाइट्स हर दिन दुश्मन के आतंकी लॉन्च पैड्स, सैन्य गतिविधियों और हथियारों की हलचल पर नजर रख रहे थे. इन सैटेलाइट्स ने न केवल तस्वीरें भेजी थीं, बल्कि उन तस्वीरों ने हर इंच की वो कहानी उजागर की थी, जो दुश्मन छुपाना चाहता था.

सेना को इनसे जो रीयल-टाइम लोकेशन डेटा मिला, उसने ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसी डेटा के आधार पर आतंकियों के अड्डों की पहचान की गई थी, और फिर भारतीय सेना ने बिना समय गंवाए सटीकता से कार्रवाई को अंजाम दिया था.

ISRO के सात प्रमुख उपग्रह

  • कार्टोसैट-2: यह उपग्रह उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग प्रदान करता है, जिससे पाकिस्तान के ठिकानों की सटीक तस्वीरें ली जा सकती हैं.
  • RISAT-2: यह रडार इमेजिंग उपग्रह बादल और रात के समय भी निगरानी करता है, जिससे किसी भी मौसम में सटीक जानकारी मिलती है.
  • GSAT-7: यह उपग्रह भारतीय नौसेना के लिए संचार प्रदान करता है, जिससे ऑपरेशन के दौरान त्वरित निर्णय लिए जा सकते हैं.
  • NavIC: यह भारतीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जो सटीक स्थान निर्धारण में मदद करती है.
  • Cartosat-2B: यह उपग्रह उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग प्रदान करता है, जिससे पाकिस्तान के ठिकानों की सटीक तस्वीरें ली जा सकती हैं.
  • Cartosat-2E: यह उपग्रह बड़े पैमाने पर इमेजिंग करता है, जिससे विस्तृत क्षेत्र की निगरानी संभव होती है.
  • HySIS: यह उपग्रह दृश्य और अवरक्त स्पेक्ट्रम में इमेजिंग करता है, जिससे विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है.

ऑपरेशन सिंदूर: एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावी हमला

7 मई 2025 को, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में 25 मिनट के भीतर पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया गया, जिसमें लगभग 70 आतंकवादी मारे गए.

उपग्रहों की भूमिका

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में ISRO के उपग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका थी. कार्टोसैट और RISAT श्रृंखला ने उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग और रडार इमेजिंग प्रदान की, जिससे ठिकानों की सटीक पहचान संभव हुई. GSAT-7 ने संचार में मदद की, जबकि NavIC ने सटीक स्थान निर्धारण में सहायता की.

तकनीक जो सिर्फ आंख नहीं, एक सोच है

इसरो के ये सैटेलाइट्स सिर्फ आकाश से तस्वीरें ही नहीं भेजते, ये एक पूरा जासूसी नेटवर्क हैं—जिनमें शामिल हैं:

  • इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटरसेप्ट करना
  • हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग से लक्ष्य की पहचान
  • रडार सिस्टम की सटीक लोकेशन
  • मिलिट्री यूनिट्स के लिए सुरक्षित संचार

ISRO के सात प्रमुख उपग्रहों ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन उपग्रहों ने भारतीय सेना को सटीक जानकारी प्रदान की, जिससे पाकिस्तान के ठिकानों को निशाना बनाना संभव हुआ. यह घटना यह दर्शाती है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का सैन्य संचालन में उपयोग भारत की सुरक्षा को मजबूत करता है.

About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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