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भारत की संसदीय समिति मार्क जुकरबर्ग और मेटा को क्यों भेज रही है समन
भारत की संसदीय समिति मार्क जुकरबर्ग और मेटा को क्यों भेज रही है समन
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, January 15, 2025
Last Updated On: Wednesday, January 15, 2025
मेटा के बॉस मार्क जुकरबर्ग ने सुझाव दिया था कि भारत सहित दुनिया भर में अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड-19 के बाद हुए चुनावों में हार गईं। उनके बयान ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद को जन्म दिया।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Wednesday, January 15, 2025
हाईलाइट
- सोशल मीडिया पर जुकरबर्ग ने दावा किया कि मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव में हार गई।
- भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मेटा को गलत सूचना फैलाने के लिए माफ़ी मांगने को कहा।
- केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुकरबर्ग के दावों का खंडन किया। उनकी तथ्य की जांच भी की।
- वैष्णव ने कहा, खुद जुकरबर्ग से इस तरह की गलत जानकारी निराशाजनक है।
फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने बैठे-बिठाए एक आफत मोल ले लिया है। उन्होंने भारत की राजनीति में गैरजरूरी एवं तथ्यों से परे बयान देकर भारत सरकार को कार्यवाही के लिए उकसा दिया। जुकरबर्ग ने एक पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी की सरकार हार गई है। जुकरबर्ग की इस विवादित टिप्पणी के बाद भारत सरकार उन्हें और उनकी कंपनी मेटा को समन भेजने जा रही है। दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी मेटा को सरकार के समन का सामना करना पड़ेगा।
जुकरबर्ग ने क्या कहा था?
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट पर एक बातचीत में कहा है कि पिछले साल (2024 में) भारत में हुए लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हार गए। इसका कारण उन्होंने कोविड-19 से सही तरीके से नहीं निपट पाना बताया है। उन्होंने कहा, ‘भारत सहित दुनिया भर में अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड-19 के बाद हुए चुनावों में हार गईं। यह हार कोविड-19 के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया थी।’
वैष्णव ने तथ्यात्मक गलत बताया
जुकरबर्ग के इस बयान पर सर्वप्रथम भारत के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। खुद जुकरबर्ग से गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए! तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखें। उन्होंने आगे लिखा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 2024 के चुनावों में निर्णायक जीत हासिल की है। इस जीत के कारण ही प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल हुआ है।
मोदी सरकार की गिनाई उपलब्धियां
केन्द्रीय मंत्री वैष्णव ने मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) को आईना दिखते हुए कोविड के दौरान भारत सरकार द्वारा किए गए कार्य को भी बताया। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान भारत की मोदी सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन वितरित किया। यह आज भी वितरित हो रहा है। 220 करोड़ लोगों को कोविड का टीका लगाया। इसमें अधिकांश टीका निःशुल्क लगाया गया। सिर्फ यही नहीं महामारी के उस दौर में तब भारत ने पूरी दुनिया को भी मदद किया। कई देशों को मुफ़्त कोविड वैक्सीन, दवाइयाँ, खाद्य सामग्री आदि भेजा गया। अमेरिका जैसे सबसे शक्तिशाली देश को भी तब मोदी सरकार ने दवाइयाँ उपलब्ध कराई थी। यह सब मोदी सरकार की उपलब्धियां हैं।
मेटा को भेजा जाएगा समन
जुकरबर्ग के इस तथ्यात्मक रूप से गलत बयान के बाद भारत की संसदीय समिति उनकी कंपनी मेटा को समन भेजने वाला है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्थाई संसदीय समिति के प्रमुख एवं भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने समन भेजने की बात बताई है। उन्होंने कहा कि मेरी समिति इस गलत जानकारी के लिए मेटा को समन भेजकर बुलाएगी। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश की गलत जानकारी उस देश की छवि को धूमिल करती है। इस गलती के लिए भारतीय संसद से तथा और यहां की जनता से उस संस्था को माफ़ी मांगनी पड़ेगी।
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