एयर मार्शल ए.के. भारती ने क्यों कहा – “भय बिनु होय ना प्रीति“

एयर मार्शल ए.के. भारती ने क्यों कहा – “भय बिनु होय ना प्रीति“

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, May 12, 2025

Last Updated On: Monday, May 12, 2025

Modern warfare India 2025 : एयर मार्शल ए.के. भारती प्रेस कॉन्फ्रेंस में "भय बिनु होय न प्रीति" कहते हुए, भारतीय रक्षा नीति का सख्त संदेश देते हुए.
Modern warfare India 2025 : एयर मार्शल ए.के. भारती प्रेस कॉन्फ्रेंस में "भय बिनु होय न प्रीति" कहते हुए, भारतीय रक्षा नीति का सख्त संदेश देते हुए.

भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल ए.के. भारती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा संदेश दिया, जो सीधे शब्दों में भले ही न हो, लेकिन अपने भीतर गहरी चेतावनी समेटे हुए था. उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की एक प्रसिद्ध पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा, “मैं आपको रामचरितमानस की कुछ पंक्तियां याद दिलाऊंगा, याद कीजिए वह पंक्ति - ’विनय न माने जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति. बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीति.’ समझदार के लिए इशारा काफी है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Monday, May 12, 2025

Modern warfare India 2025: इस पंक्ति का भावार्थ यह है कि जब विनम्रता से कोई बात नहीं मानी जाती, तब कठोरता का सहारा लेना पड़ता है. रामचरितमानस में यह प्रसंग उस समय का है, जब भगवान राम ने समुद्र से मार्ग देने के लिए तीन दिन तक प्रार्थना की, पर जब समुद्र ने उनकी विनती नहीं मानी, तो राम ने क्रोध में कहा कि “भय के बिना प्रेम नहीं होता.”

रणनीतिक संदेश के रूप में देखा गया यह उद्धरण

एयर मार्शल की यह टिप्पणी सीधी चेतावनी के रूप में देखी जा रही है, जो पाकिस्तान को संदेश देती है कि अगर वह लगातार भारत की शांति-प्रियता को उसकी कमजोरी समझेगा, तो उसे कठोर जवाब दिया जाएगा. यह उद्धरण दर्शाता है कि भारत अब “पहले शांति, फिर शक्ति” की नीति पर काम कर रहा है – जहां संवाद को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन अगर शांति के प्रयास विफल होते हैं, तो निर्णायक कार्रवाई में देरी नहीं की जाएगी. एयर मार्शल ए.के. भारती की यह टिप्पणी दर्शाती है कि भारत अब सांस्कृतिक मूल्यों और सैन्य दृढ़ता – दोनों के संतुलन के साथ आगे बढ़ रहा है. रामचरितमानस की इन पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने न सिर्फ एक ऐतिहासिक सन्दर्भ दिया, बल्कि वर्तमान स्थिति में एक गूढ़ और स्पष्ट संदेश भी दे दियाः “भारत विनय में विश्वास रखता है, पर जब वक्त आए तो सकोप राम भी बन सकता है.“

भारत किसी भी विदेशी ड्रोन तकनीक से निपटने को तैयार

भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते ड्रोन खतरों के बीच एयर मार्शल ए.के. भारती ने भारत की वायु सुरक्षा क्षमताओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चाहे तुर्की के ड्रोन हों या किसी अन्य देश की तकनीक, भारत का काउंटर यूए सिस्टम (Counter Unmanned Aerial System) पूरी तरह सक्षम और तैयार है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल भारती ने कहा, “जहां तक तुर्की के ड्रोन का सवाल है, आपने देखा है कि हमने तस्वीरें दिखाई हैं. चाहे वे तुर्की के ड्रोन हों या कहीं और के ड्रोन, हमारा काउंटर यूए सिस्टम और प्रशिक्षित एयर डिफेंस ऑपरेटर पूरी तरह सक्षम हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे देश के पास काउंटर यूए सिस्टम की स्वदेशी क्षमता है और इसने यह सिद्ध कर दिया है कि चाहे किसी भी तरह की तकनीक का सामना हो, हम उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं.” भारतीय वायुसेना द्वारा हाल ही में किए गए अभियानों में यह स्पष्ट हुआ है कि भारत ने अपनी ड्रोन विरोधी प्रणाली में स्वदेशी विकास को प्राथमिकता दी है. एयर मार्शल ने यह भी संकेत दिया कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता अब युद्ध के हर स्तर पर दिखाई देने लगी है.

हर युद्ध का तरीका अलग होता है, अगली लड़ाई पिछली जैसी नहीं होगी

वायुसेना के शीर्ष अधिकारी एयर मार्शल ए.के. भारती ने स्पष्ट किया कि अब युद्ध के स्वरूप बदल चुके हैं और अगली लड़ाई पारंपरिक तरीके से नहीं लड़ी जाएगी. एयर मार्शल भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ये एक अलग तरह का युद्ध था और ऐसा होना ही था. हम जिस दौर में हैं, वहां लड़ाई केवल गोलियों और बमों तक सीमित नहीं रही. यह टेक्नोलॉजी, साइबर डिफेंस, ड्रोन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस पर आधारित हो चुकी है.”

उन्होंने आगे कहा, “अगली लड़ाई, भगवान करे कि न हो, लेकिन अगर हुई तो वह पिछली की तरह नहीं होगी. हर युद्ध की प्रकृति अलग होती है और उसे लड़ने का तरीका भी भिन्न होता है.”

युद्ध की बदलती परिभाषा

एयर मार्शल भारती का यह बयान भारत की रक्षा रणनीति में तेजी से हो रहे तकनीकी बदलावों की ओर इशारा करता है. आधुनिक युद्ध अब सिर्फ सीमाओं पर नहीं लड़े जाते, बल्कि साइबर स्पेस, अंतरिक्ष और सूचना तंत्र पर भी लड़े जाते हैं. भारती ने यह भी संकेत दिया कि भारत की सेनाएं अब हर मोर्चे पर लड़ने को तैयार हैं — चाहे वह पारंपरिक युद्ध हो, हाइब्रिड वॉरफेयर हो या फिर ड्रोन और साइबर हमला.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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