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New CEC: जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन करने वाले ज्ञानेश कुमार बने नए सीईसी, जाने उनके बारे
New CEC: जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन करने वाले ज्ञानेश कुमार बने नए सीईसी, जाने उनके बारे
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Tuesday, February 18, 2025
Updated On: Tuesday, February 18, 2025
निवर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनके सेवानिवृत होने से पहले चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारतीय निर्वाचन आयोग का मुखिया नियुक्त किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने 17 फरवरी को उनके नाम पर मोहर लगाई.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Tuesday, February 18, 2025
हाईलाइट
- चुनाव आयोग ज्ञानेश कुमार होंगे नए मुख्य चुनाव आयुक्त.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने लिया निर्णय.
- इनका कार्यकाल वर्ष 2029 तक रहेगा.
- नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और राम मंदिर ट्रस्ट की स्थापना में अहम भूमिका निभाई है.
New CEC: वर्ष 1988 बैच केरल कैडर के आईएएस ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है. इनकी नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना कल देर रात केंद्र सरकार ने जारी की. ज्ञानेश कुमार आज अपना कार्यभार संभालेंगे. इनके नेतृत्व में पहला चुनाव बिहार विधानसभा का होगा, जो इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है. इनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा. इस दौरान वे चुनाव आयोग का नेतृत्व करते हुए कुमार 20 विधानसभा चुनाव, वर्ष 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव सहित 2029 के लोकसभा चुनावों की तैयारी करेंगे.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति ने किया चयन
ज्ञानेश कुमार वर्तमान में चुनाव आयुक्त हैं। चुनाव आयुक्त बनने के लगभग एक साल बाद ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के पद पर पदोन्नत किया गया. निवर्तमान सीईसी राजीव कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने किया. उच्च स्तरीय समिति की बैठक 17 फरवरी को हुई. बैठक के कुछ घंटों बाद ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति की घोषणा की गई. समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष (राहुल गांधी) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह थे.
राहुल गांधी ने किया विरोध
उच्च स्तरीय समिति की बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित करने के लिए कहा था. लेकिन सरकार नहीं मानी. राहुल गांधी ने सरकार से नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक इसे स्थगित करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट में 19 फरवरी को नियुक्ति प्रक्रिया मामले की सुनवाई होगी.
पिछले साल बने थे चुनाव आयुक्त
ज्ञानेश कुमार को आईएएस से सेवानिवृत्त होने के दो महीने पहले पिछले साल 14 मार्च को चुनाव आयोग में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 15 मार्च को पदभार ग्रहण किया. इसके अगले दिन भारत के चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी थी. पिछले 11 महीनों से ज्ञानेश कुमार आयोग के प्रमुख राजीव कुमार और साथी चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ आयोग का हिस्सा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में पहला चुनाव कराया
ज्ञानेश कुमार ने पिछला लोकसभा चुनाव कराने से आयोग में कार्य प्रारंभ किया था. इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू और कश्मीर में इन्होंने पहला विधानसभा चुनाव कराया. इनके अलावा हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराए हैं.
कई मंत्रालय में कार्यरत रहे
ज्ञानेश कुमार पिछले साल आयोग में आने से पहले सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्यरत थे. आईएएस के अपने करियर में उन्होंने संसदीय मामलों के सचिव, गृह मंत्रालय (एमएचए) में संयुक्त सचिव एवं अतिरिक्त सचिव सहित रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया है. केरल में उन्होंने लोक निर्माण विभाग और वित्त सहित कई विभागों में काम किया है.
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन में निभाई अहम भूमिका
वह 2012 से 2016 तक दिल्ली में केरल हाउस के रेजिडेंट कमिश्नर रहे हैं. 2018 से 2021 तक गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रहे. 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को लद्दाख और जम्मू और कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. बताया जाता है कि ज्ञानेश कुमार प्रधानमंत्री के भरोसेमंद नौकरशाह रहे हैं. उन पर मोदी सरकार का भरोसा इस बात से पता चलता है कि उन्हें न केवल जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, (यह किसी भी सरकार द्वारा लाया गया अब तक का सबसे गोपनीय विधेयक है) बल्कि वे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में भी शामिल थे.
इंजीनियर रहे हैं कुमार
सहकारिता सचिव रहते इनके कार्यकाल के दौरान सहकारी क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से बहु-राज्य सहकारी समितियां (एमएससीएस) (संशोधन) अधिनियम, 2023 पारित किया गया था. कुमार मूलतः उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. इन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है.