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अब हर पूर्व प्रधानमंत्री से करिए सवाल-जवाब, बस 20-25 रुपये में हो जाएगी बात
Authored By: Nishant Singh
Published On: Wednesday, November 5, 2025
Last Updated On: Wednesday, November 5, 2025
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों से आमने-सामने बात कर सकें तो कैसा लगेगा? अब ये सपना हकीकत बन चुका है. दिल्ली का प्रधानमंत्री संग्रहालय आपको सिर्फ 20–25 रुपये में मौका देता है भारत के महान नेताओं से सवाल-जवाब करने का. यहां होलोबॉक्स तकनीक के ज़रिए सरदार पटेल जैसे नेताओं के 3D अवतार से आप इंटरएक्ट कर सकते हैं. तो आखिर कैसे मिलेगा ये अनोखा अनुभव? जानिए पूरी कहानी इस लेख में…..
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Wednesday, November 5, 2025
Former Prime Minister: अगर आपको देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों से आमने-सामने बात करने का मौका मिले तो? पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी या फिर मनमोहन सिंह… सबके साथ एक ही जगह पर सवाल-जवाब. सुनने में सपना लगता है, लेकिन अब ये सपना हकीकत बन चुका है. दिल्ली में बना प्रधानमंत्री संग्रहालय आपको ये अनोखा अनुभव देने के लिए तैयार है. बस 20–25 रुपये की टिकट में आपको मिल जाएगी इतिहास से सीधी मुलाकात की चाबी.
कहां है ये अद्भुत जगह – प्रधानमंत्री संग्रहालय
यह खास संग्रहालय नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित है. यही वही जगह है जहां भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू रहते थे. 22 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संग्रहालय का उद्घाटन किया था.
यह संग्रहालय हर उस व्यक्ति के जीवन को समर्पित है जिसने भारत की बागडोर संभाली – नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक. यहां हर प्रधानमंत्री की निजी वस्तुएं, भाषण, दस्तावेज़, तस्वीरें और जीवन की झलकियां इतनी खूबसूरती से प्रस्तुत की गई हैं कि आप एक टाइम ट्रैवल का अनुभव करते हैं.
इतिहास नहीं, अब होगा इंटरएक्शन
प्रधानमंत्री संग्रहालय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब यह केवल देखने-सुनने की जगह नहीं रही, बल्कि “बात करने” की भी बन गई है.
यहां अब एक इंटरएक्टिव टेक्नोलॉजी फीचर जोड़ा गया है- जहां आप पूर्व प्रधानमंत्रियों से सवाल-जवाब कर सकते हैं. आधुनिक तकनीक के ज़रिए यहां होलोबॉक्स (Holobox) तैयार किए जा रहे हैं जिनमें प्रधानमंत्रियों के 3D अवतार बनाए जा रहे हैं.
फिलहाल इस तकनीक की शुरुआत सरदार वल्लभभाई पटेल के डिजिटल अवतार से हुई है. यानी अब आप उनसे सवाल पूछ सकते हैं, उनके जवाब सुन सकते हैं और उनके जीवन की झलक को बिल्कुल करीब से महसूस कर सकते हैं. जल्द ही अन्य प्रधानमंत्रियों के अवतार भी जोड़े जाएंगे.
कैसे काम करता है यह अनोखा अनुभव
- होलोबॉक्स तकनीक के जरिए बनाया गया 3D वर्चुअल अवतार बिल्कुल असली इंसान जैसा लगता है.
- यह सिस्टम AI और वॉयस टेक्नोलॉजी से संचालित होता है, जिससे यह आपके सवालों को पहचानता है और जवाब देता है.
- इस दौरान उपयोग की गई ऑडियो-वीडियो आर्काइव्स और असली भाषणों की रिकॉर्डिंग अनुभव को और भी प्रामाणिक बनाती है.
- विज़िटर को ऐसा लगता है जैसे वो सच में सरदार पटेल या नेहरू जी से आमने-सामने बात कर रहे हों.
इतनी कम कीमत में अनोखा अनुभव
अगर आप सोच रहे हैं कि इतना शानदार अनुभव महंगा होगा, तो गलत हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस इंटरएक्टिव सेशन की टिकट कीमत करीब 20–25 रुपये तय की जा सकती है. यानी एक कप चाय की कीमत में आप देश के महान प्रधानमंत्रियों से सवाल पूछ सकते हैं. हालांकि फिलहाल यह प्रोजेक्ट ट्रायल स्टेज में है, लेकिन जल्द ही इसे आम जनता के लिए शुरू किया जाएगा ताकि हर कोई इस अनुभव का हिस्सा बन सके.
क्या मिलेगा यहां देखने को
प्रधानमंत्री संग्रहालय केवल तकनीक तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां इतिहास के कई अनदेखे पहलू भी जीवंत किए गए हैं –
- हर प्रधानमंत्री के शासनकाल की प्रमुख उपलब्धियां और चुनौतियां.
- दुर्लभ फोटो, वीडियो क्लिप्स और इंटरव्यूज़.
- उनकी डायरी, किताबें, भाषण और पर्सनल आइटम्स.
- स्वतंत्रता संग्राम से लेकर डिजिटल इंडिया तक की यात्रा का खूबसूरत प्रदर्शन.
कैसे पहुंचें प्रधानमंत्री संग्रहालय तक
- यह संग्रहालय तीन मूर्ति भवन में है, जो नई दिल्ली के चाणक्यपुरी क्षेत्र में स्थित है.
- नज़दीकी मेट्रो स्टेशन लोक कल्याण मार्ग (लाइन – येलो) है.
- संग्रहालय रोज़ाना सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है (सोमवार बंद रहता है).
- टिकट ऑनलाइन और ऑन-साइट दोनों तरह से उपलब्ध है.
आखिरी बात – इतिहास से जुड़ने का नया तरीका
प्रधानमंत्री संग्रहालय सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि एक “अनुभव” है, जो आपको देश के नेताओं से जोड़ता है. यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ जीवंत करता है. तो अगली बार जब आप दिल्ली जाएं, तो इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा ज़रूर बनें. बस 20–25 रुपये की टिकट में, आपको मिलेगी वो मुलाकात जो किताबों में भी नहीं मिलती, भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों से आमने-सामने सवाल-जवाब करने का मौका.
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