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NSA अजित डोभाल ने क्यों भेजा, बांग्लादेश के सुरक्षा सलाहकार को निमंत्रण?
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Friday, November 14, 2025
Last Updated On: Friday, November 14, 2025
भारत ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलील-उर-रहमान को 20 नवंबर को नई दिल्ली में होने वाले ‘कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन’ में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा है. यह निमंत्रण खुद भारत के NSA अजीत डोभाल की ओर से दिया गया, जिसे ढाका ने तुरंत स्वीकार कर लिया. इस बीच बांग्लादेश में चुनाव और जनमत संग्रह को लेकर बने नए समीकरण भी क्षेत्रीय सुरक्षा के संदर्भ में बेहद अहम हो गए हैं.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Friday, November 14, 2025
भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक और सुरक्षा सहयोग एक बार फिर सुर्खियों में है. भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बांग्लादेश के NSA खलील-उर-रहमान को भारतीय महासागर क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सम्मेलन जिसे ‘कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन’ भी कहा जाता है, में शामिल होने का औपचारिक आमंत्रण भेजा है. यह सम्मेलन 20 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है, जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र के पांच देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
खलील-उर-रहमान का भारत दौरा ऐसे समय में तय हुआ है जब बांग्लादेश की राजनीति बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने घोषणा की है कि चुनाव और जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह दोनों साथ-साथ फरवरी में कराए जाएंगे. 2024 की राजनीतिक हिंसा के बाद बनी अस्थिर परिस्थितियों में यह सम्मेलन और आमंत्रण दोनों ही भारत-बांग्लादेश संबंधों की दिशा पर महत्वपूर्ण असर डाल सकते हैं.
चुनाव और जनमत संग्रह अब एक ही दिन
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि देश में आम चुनाव तय समय पर ही होंगे और इसके साथ ही जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह भी उसी दिन आयोजित किया जाएगा. यह फैसला देश में चल रही राजनीतिक चर्चाओं और सुरक्षा हालात को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
यूनुस ने बताया कि यह फैसला अंतरिम सरकार की सलाहकार समिति की विशेष बैठक में लिया गया. बैठक में सुरक्षा एजेंसियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक सभी ने अपनी राय रखी, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि दोनों प्रक्रियाओं को एक साथ करवाना देश के हित में है. उनके अनुसार, “सभी परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद यह तय किया गया कि चुनाव और जनमत संग्रह एक ही दिन कराना सबसे बेहतर विकल्प है.” इस घोषणा से अब यह साफ हो गया है कि फरवरी 2025 बांग्लादेश की राजनीति के लिए बेहद निर्णायक महीना होगा.
फरवरी में होंगे बांग्लादेश के चुनाव
जुलाई 2024 में बांग्लादेश अचानक हिंसा की आग में झुलस गया था. सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि 5 अगस्त 2024 को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. यह वह पल था जिसने बांग्लादेश की राजनीति की दिशा ही बदल दी.
हसीना के विद्रोह-ग्रस्त देश छोड़ने के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया और मशहूर अर्थशास्त्री एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया. यूनुस ने पद संभालते ही देश में शांति बहाल करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने का वादा किया.
अब जब उन्होंने फरवरी 2025 में चुनाव की तारीख लगभग तय कर दी है, तो बांग्लादेश एक नए राजनीतिक अध्याय की ओर कदम बढ़ा चुका है.
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