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ISRO का कमाल! Operation Sindoor में ऐसा क्या किया जिसने सबको चौंका दिया!
ISRO का कमाल! Operation Sindoor में ऐसा क्या किया जिसने सबको चौंका दिया!
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, May 12, 2025
Last Updated On: Monday, May 12, 2025
भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर किए गए निर्णायक जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) में सिर्फ थल, जल और वायुसेना ही नहीं, बल्कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण रही है. इसरो ने तकनीकी सहायता और उपग्रहों के जरिए इस ऑपरेशन की रणनीति को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Monday, May 12, 2025
Operation Sindoor 2025: ISRO ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के लिए सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों और पाकिस्तानी सैन्य गतिविधियों की सटीक जानकारी भारतीय सेना को उपलब्ध कराई. ऑपरेशन से पहले और उसके दौरान इसरो के निगरानी उपग्रह लगातार सीमावर्ती क्षेत्रों की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे. इसरो के हाई-रिज़ोल्यूशन इमेजिंग सैटेलाइट्स (जैसे Cartosat और RISAT सीरीज़) ने रियल टाइम इमेज और डेटा मुहैया कराया, जिससे टारगेट की पहचान और हमले की योजना बनाने में सेना को बड़ा फायदा मिला.
ISRO की चौबीसों घंटे निगरानी
ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने जानकारी दी कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कम से कम 10 उपग्रह लगातार सक्रिय हैं, जो सीमाओं से लेकर समुद्री इलाकों तक हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं. इंफाल में आयोजित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के 5वें दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा, “हमारे पास 7,000 किलोमीटर लंबा समुद्री तट है. उत्तरी सीमाएं भी संवेदनशील हैं. ऐसे में केवल उपग्रह और ड्रोन तकनीक के जरिए ही सतत निगरानी संभव है.”
‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंक का ठिकाना नहीं बचेगा
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का निर्णायक जवाब 7 मई को दिया. इस अभियान में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 से 11 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह किया गया. भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सीमा पार से हुई ड्रोन और गोलीबारी की अधिकतर कोशिशों को नाकाम किया. जवाबी कार्रवाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के भीतर 11 हवाई अड्डों और ठिकानों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे उनकी सैन्य क्षमताओं को गहरी चोट पहुंची.
संघर्ष विराम की पेशकश और तुरंत उल्लंघन
10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से बातचीत कर संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने स्वीकार किया. लेकिन कुछ ही घंटों में पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन करते हुए फिर से गोलीबारी और ड्रोन घुसपैठ शुरू कर दी.घई ने स्पष्ट कहा, “अगर पाकिस्तान ने इस तरह के उल्लंघन जारी रखे तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.”
सीमाओं पर शांति, लेकिन सतर्कता बरकरार
भारतीय सेना ने बताया कि 11 और 12 मई की मध्यरात्रि के दौरान जम्मू-कश्मीर और अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में अपेक्षाकृत शांति बनी रही. फिलहाल युद्धविराम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है, लेकिन सुरक्षा बल सतर्कता बनाए हुए हैं.
सुरक्षा सर्वोपरि, जवाब सटीक
भारत ने फिर यह संदेश दिया है कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा. ISRO आसमान से निगरानी कर रहा है और सेना जमीन पर मुस्तैदी से दुश्मनों को जवाब दे रही है. भारत हर मोर्चे पर पूरी तरह तैयार और सक्षम है.