सुप्रीम कोर्ट के सबसे अमीर जज कौन? जानिए किसके पास कितनी दौलत और किसका कितना निवेश?

सुप्रीम कोर्ट के सबसे अमीर जज कौन? जानिए किसके पास कितनी दौलत और किसका कितना निवेश?

Authored By: Khursheed

Published On: Wednesday, May 7, 2025

Last Updated On: Wednesday, May 7, 2025

Richest Judge in supreme court
Richest Judge in supreme court

सुप्रीम कोर्ट ने 21 जजों की संपत्ति और निवेश की जानकारी सार्वजनिक की है. इस फैसले का मकसद न्यायपालिका में खुलापन और जवाबदेही को बढ़ाना है. इसमें जजों की चल-अचल संपत्ति, बैंक बैलेंस, म्यूचुअल फंड, बीमा, सोना-चांदी और गाड़ियों का विवरण शामिल है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सबसे अमीर जज कौन हैं और उन्होंने कहां-कहां पर निवेश किया है?

Authored By: Khursheed

Last Updated On: Wednesday, May 7, 2025

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 21 जजों की संपत्ति और निवेश की जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर साझा की है. यह फैसला शीर्ष कोर्ट की पूर्ण पीठ (Full Court) ने पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में लिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला 1 अप्रैल 2025 को लिया था कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक डोमेन में डाला जाएगा और इसे कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक नियुक्तियों की प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाने का कदम उठाया है. कोर्ट ने उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है. 

इस खुलासे में जजों की चल-अचल संपत्ति, बैंकों में जमा राशि, पीपीएफ, म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार में निवेश, बीमा योजनाएं, सोना-चांदी, और यहां तक कि उनके द्वारा खरीदी गई कारों तक का विवरण सामने आया है. देश की शीर्ष अदालत के 33 जजों में से 21 ने अपनी परिसंपत्तियों की जानकारी वेबसाइट पर साझा की है. आइए जानें इस रिपोर्ट की सबसे अहम बातें और जजों की संपत्ति से जुड़े तथ्य, साथ ही यह भी समझें कि सुप्रीम कोर्ट के जज कैसे चुने जाते हैं और कलीजियम प्रणाली क्या है.

मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के पास 3.4 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इसमें बैंक डिपॉज़िट 55.75 लाख रुपये, पीपीएफ 1.06 करोड़ रुपये और जनरल प्रोविडेंट फंड 1.77 करोड़ रुपये  शामिल हैं. उनके पास एक DDA फ्लैट और कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में एक चार बेडरूम अपार्टमेंट है. इसके अलावा उनके पास 250 ग्राम सोना, 2 किलो चांदी और एक मारुति स्विफ्ट कार है.

संपत्ति और निवेश

संपत्ति का प्रकार राशि (₹)
फिक्स्ड डिपॉज़िट और बैंक खाते ₹55,75,000/-
पीपीएफ (Public Provident Fund) ₹1,06,86,000/-
जीपीएफ (General Provident Fund) ₹1,77,89,000/-
LIC मनी बैक पॉलिसी ₹29,625/- (वार्षिक प्रीमियम)
शेयर ₹14,000/-

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, जो 14 मई 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे. उनके पास 19.63 लाख रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस, महाराष्ट्र के अमरावती में अपने दिवंगत पिता से विरासत में मिला एक घर, मुंबई के बांद्रा और दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में अपार्टमेंट्स, और अमरावती और नागपुर में कृषि भूमि है.

इसके अतिरिक्त, जस्टिस गवई के पास 42 लाख रुपये का निवेश और 80 लाख रुपये की चल संपत्ति है. उनकी पत्नी के पास 29.70 लाख रुपये की ज्वैलरी और 61,320 रुपये नकद हैं.

संपत्ति और निवेश

श्रेणी राशि (₹)
निवेश
न्याय सागर सहकारी सोसाइटी, मुंबई में शेयर ₹1,000/-
अन्य ₹31,315/-
पीपीएफ (जनता भविष्य निधि) ₹6,59,692/-
जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) ₹35,86,736/-
चल संपत्ति
सोने के आभूषण और गहने ₹5,25,859/-
नकद ₹61,320/-
बैंक खाता बैलेंस ₹19,63,584/-
अन्य अग्रिम ₹54,86,841/-
ऋण
मुंबई फ्लैट की सुरक्षा जमा ₹7,00,000/-
दिल्ली फ्लैट का अग्रिम किराया ₹17,32,500/-
भूषण गवई (HUF) ₹1,07,50,837/-

जस्टिस के.वी. विश्वनाथन (सबसे अमीर)

जस्टिस के.वी. विश्वनाथन के पास दो बिल्डर फ्लोर हैं और एक फ्लोर उनकी पत्नी के साथ मिलकर लिया गया है. ये सभी फ्लोर नई दिल्ली में हैं. इसके अलावा उन्होंने 2019 में कोयंबटूर (तमिलनाडु) की रेस कोर्स रोड पर एक फ्लैट खरीदा था. उन्हें अपने पिता की संपत्ति का 50 प्रतिशत हिस्सा विरासत में मिला है.

उनके पास ₹120 करोड़ से भी ज़्यादा का निवेश है. इसके साथ ही जस्टिस विश्वनाथन सबसे अमीर जज की लिस्ट में शामिल होते हैं. साथ ही, उन्होंने साल 2010-11 से लेकर 2024-25 तक की आयकर (इनकम टैक्स) जानकारी भी दी है, जो कि कुल ₹91.47 करोड़ से अधिक है.

संपत्ति और निवेश

श्रेणी विवरण/राशि
स्थिर संपत्ति (अचल संपत्ति) नई दिल्ली में दो बिल्डर फ्लोर (एक संयुक्त स्वामित्व में)
कोयंबटूर में एक फ्लैट (2019 में खरीदा गया)
पिता की संपत्ति में 50% हिस्सा (विरासत में मिला)
निवेश शेयर / म्यूचुअल फंड / बीमा पॉलिसियाँ – ₹1,20,96,90,918/- (लगभग)
आरबीआई की LRS योजना के तहत (डॉलर में) – $5,00,000
चल संपत्ति लगभग 250 ग्राम आभूषण (कुछ उपहार में प्राप्त)
गाड़ियाँ – टोयोटा हाइब्रिड कैमरी (2017 में खरीदी गई), टोयोटा आल्टिस (2017 में खरीदी गई)
आयकर विवरण साल 2010-11 से 2024-25 तक – ₹91.47 करोड़ से अधिक

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका

जस्टिस अभय एस. ओका 24 मई को रिटायर होने जा रहे हैं. उनके पास 1.3 करोड़ रुपये की निवेश संपत्ति है, जिसमें 92 लाख रुपये पीपीएफ, 21 लाख FD रुपये, और 8 लाख रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश है. उनके पास एक रिहायशी फ्लैट, कृषि भूमि, और मारुति बलेनो कार है.

जस्टिस संजय करोल के पास डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली में एक फ्लैट है और हिमाचल प्रदेश तथा हरियाणा में पुश्तैनी संपत्ति है. उनके पास 13 लाख रुपये की बैंक सेविंग्स और 61 लाख रुपये जीपीएफ है. उन्होंने 4.5 किलो चांदी और लगभग 700 ग्राम सोना अपनी पत्नी की संपत्ति में घोषित किया है.

संपत्ति और निवेश

श्रेणी राशि (₹)
पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) ₹92,35,645
निश्चित जमा (FD) ₹21,76,000
बचत खाता (Savings) ₹9,10,000
म्यूचुअल फंड्स ₹8,20,000
कंपनियों के शेयर ₹4,75,000
सहकारी बैंकों के शेयर ₹1,02,400
एलआईसी पॉलिसी ₹1,00,000
सोने के गहने 200 ग्राम
कार मारुति बलेनो
कार लोन ₹5,10,661

जस्टिस सूर्य कांत की संपत्ति और निवेश

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्य कांत के पास कई संपत्ति और निवेश हैं. रियल एस्टेट के तहत, उनके पास चंडीगढ़, गुड़गांव और दिल्ली में संपत्ति है, जो उनके पत्नी और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के साथ संयुक्त रूप से हैं. इसके अलावा, हिसार में एक पुश्तैनी ज़मीन और घर में उनका एक-तिहाई हिस्सा है.

निवेशों में, जस्टिस सूर्य कांत ने 4.11 करोड़ रुपये एफडी में निवेश किए हैं. 

चालू संपत्तियों में, जस्टिस सूर्य कांत के पास 100 ग्राम सोने के आभूषण, घड़ियां और उनकी पत्नी के पास लगभग 1 किलोग्राम सोने के आभूषण हैं. इसके अलावा, उनके पास एक वैगन आर कार भी है.

संपत्ति और निवेश

श्रेणी राशि/विवरण
रियल एस्टेट चंडीगढ़, गुड़गांव, दिल्ली में संपत्तियां (पत्नी/HUF के साथ संयुक्त स्वामित्व) और हिसार में पुश्तैनी ज़मीन और घर में एक-तिहाई हिस्सा
निवेश ₹4.11 करोड़ एफडी
चल संपत्ति 100 ग्राम सोने के आभूषण; कीमती घड़ियाँ; पत्नी के 1 किलो सोने के आभूषण; वागन आर कार

कौन हैं रिश्तेदार और कितने हैं एससी/एसटी जज?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी डेटा से यह भी सामने आया कि मौजूदा 33 जजों में से लगभग 6% ऐसे हैं जिनकी नियुक्ति के दौरान उनका परिवार पहले से ही न्यायपालिका से जुड़ा रहा है. यानी वे “जजों के रिश्तेदार” की श्रेणी में आते हैं. यह डेटा लंबे समय से उठ रही उस बहस को हवा देता है जिसमें न्यायपालिका में वंशवाद किए जाने की बात कही जाती है.

वहीं वर्तमान में केवल दो जज अनुसूचित जाति (SC) से हैं और एक जज अनुसूचित जनजाति (ST) से है. ओबीसी या धार्मिक अल्पसंख्यकों से कोई जज फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में नहीं है. 

जजों की नियुक्ति प्रक्रिया क्या है?

भारत में सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति एक विशेष प्रक्रिया के तहत होती है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत, राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति करता है, लेकिन यह नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों की सलाह के आधार पर होती है. यही प्रक्रिया कलीजियम प्रणाली (Collegium System) कहलाती है.

कलीजियम एक अनौपचारिक संस्था है जिसमें मुख्य न्यायाधीश और चार सबसे वरिष्ठ जज शामिल होते हैं. यह समूह यह तय करता है कि किस हाईकोर्ट के जज को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया जाए, या किस वकील को सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया जाए. हालांकि यह प्रणाली पूर्ण रूप से संविधान में उल्लिखित नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों और परंपराओं के आधार पर यह प्रक्रिया विकसित हुई है.

संपत्ति सार्वजनिक करना कितना जरूरी?

संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि जजों पर किसी भी तरह का भ्रष्टाचार, पक्षपात या हितों के टकराव (Conflict of Interest) का आरोप न लगे. जब उच्च पदों पर बैठे लोगों की संपत्ति सामने आती है, तो इससे जनता में विश्वास भी बढ़ता है.

इसके अलावा, यह कदम न्यायपालिका को जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा सकता है. जैसा कि विधायिका और कार्यपालिका के सदस्यों की संपत्ति सार्वजनिक होती है, वैसा ही अब न्यायपालिका में भी शुरू हो गया है.

About the Author: Khursheed
खुर्शीद ने हिंदी पत्रकारिता जगत में 2020 से अपने करियर की शुरुआत की थी, सबसे पहले उन्हें लोकमत में काम करने का मौका मिला, यहां पर वह राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय खबरों के साथ-साथ करंट खबरों पर लिखा करते थे. इसके बाद न्यूज 24 और वार्ता 24 में काम करने का मौका मिला. अब गलगोटियाज टाइम्स में कार्यरत हैं.

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