पीएम मोदी के फोकस में आ गया बिहार, RJD के पुराने गढ़ को तोड़ने की रणनीति तेज
पीएम मोदी के फोकस में आ गया बिहार, RJD के पुराने गढ़ को तोड़ने की रणनीति तेज
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, June 14, 2025
Updated On: Saturday, June 14, 2025
लोकसभा चुनावों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और भाजपा (BJP) नेतृत्व की रणनीतिक नजर अब बिहार पर केंद्रित हो गई है. पार्टी का अगला लक्ष्य स्पष्ट है — राज्य में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पारंपरिक मजबूत गढ़ों में सेंध लगाना और वहां भाजपा की पकड़ मजबूत बनाना.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Saturday, June 14, 2025
Narendra Modi Bihar visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) एक बार फिर बिहार का दौरा करने जा रहे हैं. इस बार उनका मंचन राजद के पूर्व बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के प्रभाव वाले क्षेत्र सिवान में होगा, जहां वे 20 जून को एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. BJP इसे सियासी तौर पर एक बड़ी रणनीति के रूप में देख रही है, जहां पार्टी शहाबुद्दीन के गढ़ में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए BJP के नेता, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक संगठन को सक्रिय किया गया है. रैली स्थल पर हजारों की भीड़ जुटाने की तैयारी की जा रही है.
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने बिहार के राजनीतिक हालात की गहन समीक्षा की है और राजद (RJD) के प्रभाव वाले क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं. भाजपा अब गांव-गांव और पंचायत स्तर तक ‘संगठन विस्तार अभियान’ चलाने की तैयारी में है, जिससे खासकर ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को साधा जा सके.
राजद के गढ़ में पैठ बनाने की तैयारी
RJD का पारंपरिक प्रभाव सीमांचल, मगध और मिथिलांचल के कई हिस्सों में देखा जाता रहा है. लेकिन अब BJP इन इलाकों में योजनाओं और विकास कार्यों के जरिए अपनी राजनीतिक पैठ बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है. पार्टी नेताओं का मानना है कि मोदी सरकार (Modi Govt) की गरीबों, किसानों और महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाएं जमीनी स्तर पर असर डाल रही हैं और इसका लाभ चुनावी समीकरणों में देखा जा सकता है.
प्रशासनिक स्तर पर भी हाई अलर्ट
पीएम मोदी के दौरे को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी सख्त निगरानी रखी जा रही है. बिहार सरकार की ओर से बिहार प्रशासनिक सेवा के 25 पदाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो सिवान में कानून-व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की निगरानी करेंगे. पुलिस प्रशासन ने रैली स्थल के चारों ओर सुरक्षा घेरा मजबूत कर दिया है और सभी एंट्री प्वाइंट्स पर चेकिंग बढ़ा दी गई है.
राजनीतिक मायने भी अहम
20 जून को सिवान में होने वाली यह जनसभा केवल एक चुनावी आयोजन नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश देने का मंच बनने जा रही है. अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह सियासी दांव सिवान की फिजा को किस हद तक बदलता है. सिवान लंबे समय तक शहाबुद्दीन और RJD का गढ़ रहा है. लेकिन भाजपा अब इस परंपरागत प्रभाव को चुनौती देने के मूड में है. पीएम मोदी की सिवान में यह रैली पार्टी के विस्तार और रणनीतिक लक्ष्यों के तहत राजद के वर्चस्व को कमजोर करने की कोशिश मानी जा रही है.
जातीय समीकरणों को साधने की कवायद
BJP अब जातीय समीकरणों को भी नए सिरे से साधने में लगी है. इसके तहत कुछ नए ओबीसी और महादलित चेहरों को आगे लाने की योजना है, ताकि समाज के सभी वर्गों को साथ लिया जा सके। यही वजह है कि पार्टी ने हाल के दिनों में कई स्थानीय नेताओं और पूर्व अधिकारियों को भी अपने पाले में किया है.
विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हालिया भाषणों में बार-बार ‘परिवारवाद’ और ‘तुष्टीकरण’ की राजनीति को निशाने पर लिया है — जो अप्रत्यक्ष रूप से राजद और उसके नेतृत्व की आलोचना मानी जा रही है. वे यह संदेश देना चाहते हैं कि भाजपा विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर राजनीति करना चाहती है.
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले कोई बड़ा सियासी दांव चल सकती है. इसके संकेत पीएम मोदी (PM Modi) की सक्रियता और राज्य के नेताओं की दिल्ली में बढ़ती हलचलों से मिलते हैं.
बिहार अब भाजपा के लिए केवल एक चुनावी राज्य नहीं, बल्कि एक रणनीतिक प्रयोगशाला बनता जा रहा है. अगर भाजपा RJD के पारंपरिक गढ़ों में सेंध लगाने में सफल हो जाती है, तो यह राज्य के राजनीतिक भविष्य को पूरी तरह बदल सकता है.
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