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दही हांडी 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद क्या है दही हांडी उत्सव मनाने का महत्व
दही हांडी 2024: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद क्या है दही हांडी उत्सव मनाने का महत्व
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, August 27, 2024
Updated On: Monday, January 20, 2025
भगवान श्रीकृष्ण को मक्खन पसंद है। उन्हें मलाई और दही पसंद है। इसलिए उनकी प्रिय बाललीलाओं में दही हांडी फोड़ना है। आज 27 अगस्त (Dahi Handi 2024) को देश भर में मनाई जाने वाले दही हांडी उत्सव में कान्हा का स्वांग रचे लोग मक्खन-मलाई वाली दही हांडी फोड़ने में सफल होंगे। इससे वे तनाव मुक्त होकर सच्चा आनंद पाएंगे।
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, January 20, 2025
भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के शुभ दिन मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी देश भर में बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। जन्माष्टमी पर मनाए जाने वाले लोकप्रिय सांस्कृतिक खेलों में से एक दही हांडी है। यह हांडी मिट्टी की होती है, जो दही और मलाई से तैयार होती है। दही हांडी गोपालकला या उत्तोत्सवम के नाम से भी जाना जाता है। यह महाराष्ट्र में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, लेकिन अब यह भारत भर में मनाया जाने लगा है। दही हांडी 2024 (Dahi Handi 2024) भगवान श्रीकृष्ण की बालसुलभ क्रीड़ाओं को याद करने के लिए मनाई जाती है।
दही हांडी की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण छोटे थे, तो उन्हें दही, मक्खन और दूध से बने अन्य उत्पादों से बहुत लगाव था। इन खाद्य पदार्थों के प्रति उनका प्रेम इतना गहरा था कि वे अपने घर के साथ-साथ पड़ोस के घरों से भी ये चीज़ें चुरा कर खा जाया करते थे। उन्होंने दूसरों के घरों से दही और मक्खन चुराने में मदद करने के लिए अपने सखाओं की एक टोली बना ली थी। कान्हा और उनके मित्रों की टोली से मक्खन और दही को बचाने के लिए पड़ोस की गोपिकाएं उन्हें अपने कमरों की छत से मिट्टी के बर्तनों में लटका देती थीं। वे ऐसा बाल रूप भगवान श्रीकृष्ण से बचाने के लिए करती थीं। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें चुराने का एक तरीका ढूंढ लिया। वे अपने सखाओं के साथ मानव श्रृंखला बनाकर मक्खन चुराया करते थे। उनका यही बालकार्य अब दही हांडी उत्सव (Dahi Handi 2024) का रूप ले चुका है।
कैसे मनाई जाती है दही हांडी
दही हांडी के लिए दूध, दही, मक्खन और कई अन्य दूध से बने उत्पादों से भरा एक मिट्टी का बर्तन ज़मीन से कई मंज़िल ऊपर रखा जाता है। पुरुष दही हांडी तक पहुंचने के लिए एक मानव पिरामिड बनाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के पड़ोस की गोपिकाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली स्त्रियां इसे तोड़ने के लिए मानव पिरामिड पर पानी और अन्य फिसलन वाले तरल पदार्थ फेंकती हैं। इस खेल में दही हांडी को तोड़ने के लिए एक छड़ी का उपयोग किया जाता है। जो फोड़ने में सफल होता है, वह दही हांडी उत्सव (Dahi Handi 2024) का विजेता घोषित होता है। इससे व्यक्ति का अहंकार दूर होता है और वह तनावमुक्त होता है।