Maha Kumbh Mela 2025: क्या हर्षा रिछारिया और मोनालिसा पर भड़क गए धीरेंद्र शास्त्री? महाकुंभ को लेकर क्या बोले बाबा ?
Maha Kumbh Mela 2025: क्या हर्षा रिछारिया और मोनालिसा पर भड़क गए धीरेंद्र शास्त्री? महाकुंभ को लेकर क्या बोले बाबा ?
Authored By: JP Yadav
Published On: Thursday, January 23, 2025
Updated On: Thursday, January 23, 2025
Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ मेले में सेल्फी और फोटो लेने वालों की धीरेंद्र शास्त्री (Bageshwar Dham Baba Dhirendra Shashtri) ने आलोचना की है.
Authored By: JP Yadav
Updated On: Thursday, January 23, 2025
Dhirendra shashtri on Harsha Richariya: महाकुंभ 2025 जारी है. रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए प्रयागराज में मौजूद महाकुंभ स्थल पर पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं में सेलिब्रिटीज भी पहुंच रहे हैं और लोगों से स्नान के लिए यहां पर आने की अपील भी कर रहे हैं. इस बीच धीरेंद्र शास्त्री (Bageshwar Dham Baba Dhirendra Shashtri) ने महाकुंभ में युवतियों के रील बनाने पर सवाल उठाया है. इसको लेकर उन्होंने कहा कि सबका ध्यान महाकुंभ में रील बनाने पर केंद्रित हो गया है. ऐसे में तो कुंभ का उद्देश्य ही भटक रहा है. उन्होंने कहा कि हमें रील में नहीं, रियल जिंदगी में जीना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ का मकसद देश की सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है. महाकुंभ साधु-संतों, शंकराचार्यों और मठाधीशों के लिए एक मंच है, लेकिन यहां पर रील बनाने की चर्चा है.
धर्मांतरण पर भी जताई चिंता
धीरेंद्र शास्त्री ने देश में हो रहे धर्मांतरण पर भी चिंता जाहिर की है. आदिवासी समदायों में हो रहे धर्मांतरण पर वह अधिक चिंतित नजर आए. उन्होंने कहा कि आदिवासी धर्मांतरण के लिए सबसे सॉफ्ट टारगेट हैं. उन्होंने यह भी एलान किया कि हनुमान चालीसा बागेश्वर मंडल के जरिये हर गांव और मोहल्ले में हिंदुत्व को सशक्त करने की पहल की जाएगी.
वसुधैव कुटुंबकम का प्रतीक है महाकुंभ
बाबा बागेश्वर के नाम से देश-दुनिया में चर्चित धीरेंद्र शास्त्री के मुताबिक, 144 वर्षों बाद हो रहा महाकुंभ हमारी एकता का प्रतीक है. इस महाकुंभ में दुनिया भर से लोग आकर डुबकी लगाते हैं. यह हमारी वसुधैव कुटुंबकम की भावना को दर्शाता है.
हर्षा रिछारिया रहीं सबसे ज्यादा चर्चा में
गौरतलब है कि 13 जनवरी, 2025 को महाकुंभ की शुरुआत हुई थी और यह 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के रोज समाप्त होगा. इस आयोजन की शुरुआत के साथ ही सेल्फी लेने के मामले सामने आने लगे थे. सबसे पहला नाम मॉडल, एंकर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हर्षा रिछारिया का सामने आया था. इस मौके पर उन्होंने यहां तक कहा था कि वह दो साल से साध्वी हैं. मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान हर्षा ने भगवा वस्त्र पहनकर गंगा में डुबकी लगाई. इसके चर्चा में आईं तो विवाद खड़ा हो गया. हर्षा रिछारिया को पहले शाही स्नान के दिन शाही रथ पर बिठाने और शाही स्नान में स्थान देने पर संतों और महंतों ने काफी आलोचना की थी. इसके बाद उनका एक भावुक वीडियो भी आया था जिसमें रो रहीं थीं. इसके अलावा आईआईटी बाबा उर्फ अभय सिंह भी चर्चा में हैं.
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