महाकुंभ 2025: पहली बार होगी ऐसी अद्भुत पूजा
महाकुंभ 2025: पहली बार होगी ऐसी अद्भुत पूजा
Authored By: सतीश झा
Published On: Sunday, December 29, 2024
Updated On: Sunday, April 27, 2025
ज्योतिर्मठ शिविर में होंगे 324 कुण्डीय पंचदेव महायज्ञ के दर्शन। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती 09 जनवरी को पहुंचेंगे महाकुंभ। कुम्भनगरी में 21 फीट ऊंचे मचान से भक्त करेंगे श्री अच्युतेश्वर महादेव का रूद्राभिषेक। अमृत कलश से होगा श्री अच्युतेश्वर महादेव का रूद्राभिषेक।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, April 27, 2025
इस बार जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के मोरी मार्ग और संगम लोवर मार्ग स्थित ज्योतिर्मठ शिविर में 324 कुण्डीय पंचदेव महायज्ञ के दर्शन होंगे। इसके लिए तैयारियां जोरों पर है। ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती 09 जनवरी को कुंभ क्षेत्र में पहुंचेंगे। कुंभ में पधारे करोड़ों श्रद्धालुओं को उनका पावन सानिध्य में 09 जनवरी से 14 फरवरी तक मिलेगा।
यह जानकारी शंकराचार्य के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने दी। कुम्भ में ज्योतिर्मठ शिविर में अनेकों कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। उन्होंने बताया कि गो प्रतिष्ठा हेतु महाकुंभ में 324 कुण्डीय पंचदेव महायज्ञ के दर्शन और सेवा का सुन्दर अवसर मिलेगा। इस दौरान 1100 ब्राह्मणों द्वारा महायज्ञ के दर्शन की अद्भुत झांकी निकाली जायेगी। श्रद्धालुओं को जगद्गुरुकुलम के वैदिक छात्रों के विहंगम दृश्य देखने का अवसर मिलेगा। इस महायज्ञ में प्रत्येक कुण्ड में यज्ञमान बनने के लिए श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस शिविर में प्रतिदिन विशाल भण्डारे का आयोजन भी होगा।
उन्होंने बताया कि सभी धार्मिक विषयों पर निर्णय के लिए परमधर्मसंसद का 21 दिवसीय विशेष सत्र होंगे। यह परमधर्मसंसद सेक्टर—12 गंगेश्वर चौराहा, संगम लोवर मार्ग के गंगा सेवा अभियानम् शिविर में आयोजित होगा। इस धर्मसंसद में पूरे देश से 1008 लोग प्रतिभाग करेंगे। जिसके लिए धर्मसंसद में 1008 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि परमधर्म संसद सनातन धर्म संसद का आयोजन है। इसमें संत-महंत, महामंडलेश्वर और कथाकार शामिल होते हैं। इस संसद में धर्म से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होती है। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती छतनाग स्थित ‘भारतीयम’ शिविर में रात्रि विश्राम करेंगे।
11 फीट के लम्बे नर्मदेश्वर शिवलिंग
महाकुंभ में 11 फीट के लम्बे नर्मदेश्वर शिवलिंग श्री अच्युतेश्वर महादेव के रूप में विराजेंगे। इन्हें भक्त जहां दर्शन करेंगे, वहीं 21 फीट ऊंचे मचान से अमृत कलश के जरिए रूद्राभिषेक कर अपनी मन्नतों को पूरा करेंगे। हरिद्वार के स्वामी भूमानन्द निकेतन की ओर से महाकुंभ के संगम लोवर मार्ग, सेक्टर-19 में विशाल नर्मदेश्वर शिवलिंग को स्थापित किया जा रहा है। यह कुम्भ क्षेत्र में श्री अच्युतेश्वर महादेव के नाम से विराजेंगे। इनकी कुल ऊंचाई जमीन से 21 फीट है। महादेव के रूद्राभिषेक के लिए 21 फीट ऊंचा मचान तैयार किया जा रहा है। जिस पर शिवभक्त बैठकर रूद्राभिषेक करेंगे और शिवजी से अपने मनवांछित फल की कामना करेंगे।
वजन छह टन है यानी 600 किलो
भूमानन्द निकेतन कैम्प की व्यवस्था देख रहे सुनील कुमार ने बताया कि इस शिवलिंग को मध्यप्रदेश से मंगाया गया है। इसकी वजन छह टन है यानी 600 किलो है। उन्होंने बताया कि कैम्प के मुख्य गेट पर सप्त ऋषि भी विराजेंगे। गेट के बीचो-बीच मां गंगा कलश के ऊपर विराजेंगी। उन्होंने बताया कि भूमानन्द निकेतन के शंकर शंकराचार्य अनन्त श्री विभूषित स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज 09 जनवरी को महाकुम्भ के मेले में प्रवेश करेंगे।
ये हैं सप्त ऋषि
कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज, इन सात ऋषियों को सप्तर्षि कहा जाता है। हर काल में अलग-अलग सप्तर्षि होते हैं। ये सप्तर्षि मौजूदा काल के हैं।
क्यों प्रसिद्ध है नर्मदेश्वर शिवलिंग
नर्मदेश्वर शिवलिंग, भगवान शिव का एक रूप माना जाता है। यह शिवलिंग, मध्य प्रदेश में बहने वाली नर्मदा नदी में पाया जाता है। नर्मदा नदी से जुड़े होने के कारण ही इसे असली नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है। इस शिवलिंग को बाणलिंग भी कहा जाता है। भगवान शिव के वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है। उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है। कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि श्री अच्युतेश्वर महादेव जी का रूद्राभिषेक 13 जनवरी से प्रारम्भ होगा, जो कुंभ मेले तक प्रतिदिन निरन्तर चलेगा। उन्होंने बताया कि महादेव के प्रतिदिन रूद्राभिषेक के लिए कैम्प में गौ-माताएं भी आ चुकी हैं। उन्हीं के दूध से रूद्राभिषेक होगा। उन्होंने बताया कि कैम्प परिसर में शिव पुराण तथा श्रीमद् भागवत कथा की रसधार भी बहेगी। इसके अलावा श्री स्वामी भूमानन्द हॉस्पिटल की ओर से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जायेगा।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)
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