Mahashivratri 2025 : कैसे करें पूजा? किसका रखें विशेष ध्यान? यहां जानें महाशिवरात्रि से जुड़े हर सवाल के जवाब

Mahashivratri 2025 : कैसे करें पूजा? किसका रखें विशेष ध्यान? यहां जानें महाशिवरात्रि से जुड़े हर सवाल के जवाब

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, February 19, 2025

Updated On: Saturday, February 22, 2025

Mahashivratri 2025 : कैसे करें पूजा? किसका रखें विशेष ध्यान? यहां जानें महाशिवरात्रि से जुड़े हर सवाल के जवाब
Mahashivratri 2025 : कैसे करें पूजा? किसका रखें विशेष ध्यान? यहां जानें महाशिवरात्रि से जुड़े हर सवाल के जवाब

Maha Shivratri Puja at Home : इस वर्ष 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2025) है. यदि किसी कारणवश भक्तगण मंदिर जाकर शिव पूजा नहीं कर पाते हैं, तो वे घर पर भी पूजा कर सकते हैं. घर पर शिव की पूजा करने की विधि जानना जरूरी है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Saturday, February 22, 2025

इस वर्ष महा शिवरात्रि 26 फरवरी (Maha Shivratri 2025) को है. भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ महा शिवरात्रि मनाई जाती है. आम तौर पर शिव भक्त सुबह जल्दी उठकर शिव मंदिर जाते हैं. दोपहर से पहले शिव लिंग की पूजा पूरी कर ली जाते है, क्योंकि मंदिर आमतौर पर शाम को केवल दर्शन के लिए खुलते हैं, पूजा करने के लिए नहीं. भगवान शिव की पूजा करते समय दूध, जल, धतूरा, बिल्वपत्र और फलों सहित कई अन्य चीजें भोग स्वरुप चढाई जाती हैं. यदि किसी कारणवश भक्तगण मंदिर जाकर शिव पूजा नहीं कर पाते हैं, तो वे घर पर ही पूजा कर लेते हैं. घर पर शिव की पूजा (Mahashivratri 2025) कैसे करें, यह जानना जरूरी है.

शरीर और आत्मा दोनों करें शुद्ध (Cleanliness)

धर्मग्रंथों के अनुसार, महा शिवरात्रि के दिन भक्तों को भगवान शिव और पार्वती की पूजा शुद्ध तन और शुद्ध मन के साथ करनी चाहिए. ज्योतिषशास्त्री और अध्यात्म के ज्ञाता पंडित अनिल शास्त्री बताते हैं, ‘महा शिवरात्रि के दिन भक्तगण को सुबह जल्दी उठना चाहिए. मान्यता है कि नहाने के पानी में तिल डालने से यह शुद्ध होता है. इस पानी से स्नान करने से न केवल शरीर बल्कि आत्मा भी शुद्ध होती है. यदि संभव हो तो गंगा नदी में भी स्नान (Holy Dip) किया जा सकता है.

कठिन होता है महा शिवरात्रि का व्रत (Maha Shivratri Vrat 2025)

महा शिवरात्रि के पूरे दिन उपवास रखना और अगले दिन उपवास तोड़ना चाहिए. भगवान शिव से अपने जीवन को सकारात्मक लक्ष्य प्राप्ति के रास्तों पर चलने और दूसरों के जीवन में प्रेम का संचार करने का आशीर्वाद मांगना चाहिए. महाशिवरात्रि का व्रत कठिन होता है. व्रत के दौरान भक्तगण किसी भी तरह का अनाज ग्रहण नहीं करते हैं. आम तौर पर लोग दिन के समय फल और दूध लेते हैं, लेकिन निर्जला व्रत रखने पर लोग पूरे दिन पानी भी नहीं पीते हैं.

कैसे करें घर पर शिवजी की पूजा (How to do Puja at Home)

शाम को शिव लिंग पूजा के लिए मंदिर जाने से पहले फिर से स्नान करना चाहिए. जो लोग किसी कारण से मंदिर नहीं जा सकते हैं, वे घर पर मिट्टी को शिव लिंग का आकार देकर और उस पर घी लगाकर पूजा कर सकते हैं. प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, पुष्प, जल, दही, घी, दूध, शहद, पानी और चंदन शिव लिंग को अर्पित करना चाहिए. घर पर पूजा पूरे दिन में एक बार या उससे अधिक बार भी की जा सकती है. जो लोग चारों प्रहर पूजा करते हैं, उन्हें पहले प्रहर में जल से अभिषेक करना चाहिए. दूसरे प्रहर में दही से, तीसरे प्रहर में घी से और चौथे प्रहर में शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.

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ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप (Om Namah Shivay Chanting)

अभिषेक अनुष्ठान के बाद शिव लिंग को बिल्व पत्रों की माला अर्पित करनी चाहिए. बिल्व पत्र भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं. बिल्व माला से शिवलिंग की पूजा करने के बाद, कुमकुम और चंदन लगाया जाता है. धूप जलाई जाती है. फिर मदार के फूल, विभूति जिसे भस्म भी कहा जाता है, जैसी अन्य चीजें शिव लिंग पर चढ़ाई जाती हैं. पूजा के दौरान व्यक्ति को “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहना चाहिए. मान्यता है कि व्रत को शिवरात्रि के अगले दिन चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले स्नान करने के बाद ही तोड़ना चाहिए और इस तरह व्रत का अधिकतम लाभ प्राप्त होता है.

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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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