States News
9वीं पास तेजस्वी को बिहार का राजा क्यों बनाना चाहते हैं लालू? PK ने खोली पोल!
9वीं पास तेजस्वी को बिहार का राजा क्यों बनाना चाहते हैं लालू? PK ने खोली पोल!
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, June 5, 2025
Last Updated On: Thursday, June 5, 2025
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार के सारण में एक जनसभा के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके परिवार पर तीखा जुबानी हमला बोला. कभी लालू प्रसाद यादव का मजबूत गढ़ माने जाने वाले सारण में बोलते हुए प्रशांत किशोर (PK) ने शिक्षा और नौकरियों के मुद्दे को उठाते हुए तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर तंज कसा.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, June 5, 2025
Prashant Kishor on Lalu Yadav: प्रशांत किशोर (PK) ने कहा, “लालू यादव (Lalu Yadav) अपने बेटे को बिहार का राजा बनाना चाहते हैं, जबकि वह 9वीं कक्षा भी पास नहीं कर पाए हैं. वहीं, आम लोगों के बच्चे स्नातक तक की पढ़ाई कर चुके हैं, लेकिन उन्हें नौकरी तक नहीं मिल रही.”
PK ने व्यंग्य करते हुए कहा, “हमें लालू प्रसाद यादव से सीखना चाहिए कि अपने बच्चों की कितनी चिंता की जाती है. लालू जी का बेटा 9वीं पास नहीं कर पाया, लेकिन वह अब भी चाहते हैं कि वही बिहार का राजा बने. जब हम ऐसा कहते हैं तो लोग कहते हैं कि हम शिकायत कर रहे हैं, लेकिन असल में हम लालू जी की तारीफ कर रहे हैं.”
शिक्षा को लेकर बार-बार मुखर हुए प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि शिक्षा ही बिहार की प्रगति की असली चाबी है. अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के दौरान उन्होंने कई मंचों से साफ शब्दों में कहा है कि जब तक राज्य में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जाएगा, तब तक कोई भी विकास टिकाऊ नहीं हो सकता.
प्रशांत किशोर ने कहा, “अगर बिहार को आगे ले जाना है, तो सबसे पहले स्कूलों की हालत सुधारनी होगी, शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करनी होगी और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी होगी.” उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि आज राज्य में डिग्रियां तो मिल रही हैं, लेकिन न तो ज्ञान है और न ही कौशल, जिसकी वजह से युवा बेरोजगारी का शिकार हो रहे हैं.
ग्रेजुएशन कर चुके युवा भी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे
उन्होंने यह भी कहा कि आज की तारीख में मैट्रिक और ग्रेजुएशन कर चुके युवा भी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं, क्योंकि शिक्षा केवल एक औपचारिक प्रक्रिया बन गई है. उनके अनुसार, शिक्षा और रोजगार आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं और केवल स्कूल खोलने भर से बदलाव नहीं आएगा, जब तक कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया जाता.
सरकारों की नीतियों पर भी सवाल
प्रशांत किशोर ने सरकारों की नीतियों पर भी सवाल खड़े किए और कहा, “राजनीतिज्ञों के बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं, लेकिन आम जनता के बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिलतीं. अब यह दोहरी व्यवस्था नहीं चलने दी जाएगी.”
जनसभाओं और बैठकों में प्रशांत किशोर की बातें शिक्षा को सबसे अहम मुद्दा बनाकर सामने ला रही हैं. उन्होंने कई बार कहा है कि अगर उन्हें जनता का समर्थन मिला, तो हर गांव में बेहतरीन स्कूल और युवाओं के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा हों.
बिहार के युवाओं और अभिभावकों के बीच उनकी शिक्षा केंद्रित सोच को खासा समर्थन मिल रहा है, क्योंकि लोग अपने बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीर हैं और बदलाव की उम्मीद में हैं।
राज्य में बेरोजगारी चरम पर
जनसभा में प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि राज्य में बेरोजगारी चरम पर है. आप सोचिए, आपका बच्चा मैट्रिक और ग्रेजुएशन कर चुका है, फिर भी उसे चपरासी की नौकरी तक नहीं मिल रही.
यह बयान लोगों के बीच व्यापक चर्चा का विषय बन गया. प्रशांत किशोर इन दिनों अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता की जबर्दस्त भागीदारी यह दर्शाती है कि लोग राज्य में फैले भ्रष्टाचार और कुशासन से परेशान हैं और एक वास्तविक बदलाव की इच्छा रखते हैं.
इससे पहले भी PK कई बार लालू परिवार के ‘वंशवाद’ को लेकर तीखे बयान दे चुके
गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रशांत किशोर कई बार तेजस्वी यादव की शिक्षा और लालू परिवार के ‘वंशवाद’ को लेकर तीखे बयान दे चुके हैं. उनका यह हमला ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति नए समीकरणों और बदलाव के संकेतों से गुजर रही है.