Chandigarh Mayor Election: भाजपा की हरप्रीत कौर ने कैसे पलटी बाजी, आप-कांग्रेस गठबंधन को झटका
Chandigarh Mayor Election: भाजपा की हरप्रीत कौर ने कैसे पलटी बाजी, आप-कांग्रेस गठबंधन को झटका
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Thursday, January 30, 2025
Updated On: Thursday, January 30, 2025
भारतीय जनता पार्टी ने चंडीगढ़ मेयर का चुनाव जीत लिया है. सेक्टर-27 निवासी हरप्रीत कौर बबला को 35 सदस्यीय सदन में 19 वोट मिले. जबकि आम आदमी पार्टी (आप)-कांग्रेस गठबंधन के पास 20 वोट थे. आप-कांग्रेस गठबंधन, 19 पार्षद होने के बावजूद, तीन सदस्यों द्वारा भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग किए जाने के बाद हार गया.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Updated On: Thursday, January 30, 2025
हाईलाइट
- भाजपा ने जीता मेयर चुनाव तो कांग्रेस को मिली डिप्टी मेयर की कुर्सी.
- आप-कांग्रेस गठबंधन को मेयर चुनाव में लगा बड़ा झटका.
- इस गठबंधन के तीन पार्षदों ने भाजपा के पक्ष में की क्रॉस वोटिंग.
- उच्च न्यायालय की निगरानी में हुआ, मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव.
बहुमत का आंकड़ा नहीं होने के बावजूद भाजपा ने चंडीगढ़ मेयर (Chandigarh Mayor Election) का चुनाव जीत लिया है. इस बार महिला मेयर के लिए चुनाव होना था. भाजपा ने पार्षद हरप्रीत कौर बबला को मेयर चुनाव के लिए नामित किया. वहीं आप ने कांग्रेस के समर्थन से पार्षद प्रेम लता को उम्मीदवार बनाया था. लेकिन हरप्रीत कौर दो वोटों के अंतर से प्रेम लता को हराकर चंडीगढ़ की मेयर बन गईं.
दो वोट से जीती बबला
35 सदस्ययी चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 16 पार्षद हैं. दूसरे नंबर पर आप है. इनके 13 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस के 6 पार्षद हैं. आप और कांग्रेस का गठबंधन है. इस प्रकार आप-कांग्रेस गठबंधन के पास 19 पार्षद हैं. चंडीगढ़ के सांसद भी मेयर चुनाव में मतदान करते हैं. अभी यहां के सांसद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी हैं. इस तरह आप-कांग्रेस गठबंधन के पास 20 पार्षद थे. फिर भी उनके उम्मीदवार चुनाव जीत नहीं पाई. हरप्रीत कौर बबला को कुल 19 वोट मिले. वहीँ आप-कांग्रेस गठबंधन को 17 वोट ही मिल सका. यानी गठबंधन के 3 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की.
तीन पार्षदों को क्रॉस वोटिंग
विपक्षी गठबंधन (आप-कांग्रेस) के तीन पार्षदों ने भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. इससे परिणाम बदल गया. यह परिणाम आप-कांग्रेस गठबंधन के लिए झटका है. 16 पार्षदों वाली भाजपा ने बहुमत के आंकड़े (19) तक पहुंचने के लिए दलबदल पर भरोसा किया। इस बार वह इसमें सफल भी हो गए.
कांग्रेस होने का उठाया लाभ
हरप्रीत कौर बबला का परिवार कांग्रेसी रहे हैं. बबला अपने पति देविंदर सिंह बबला के साथ जनवरी 2022 में नगर निगम चुनावों के बाद भाजपा में शामिल हो गईं थीं. इसके पहले वे भी कांग्रेस की सक्रिय सदस्य थीं। हरप्रीत दो बार पार्षद चुनी गई हैं. दोनों ही बार सबसे अधिक मतों के अंतर से जीती हैं. पूर्व कांग्रेसी होने का उन्होंने लाभ उठाया. चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत से पाला बदलवाया. उन्हें भाजपा में शामिल करवाया. इसके बाद दो अन्य पार्षदों से क्रॉस वोटिंग कराने में सफल रहीं. हालांकि गठबंधन क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए अपने पार्षदों को रोपड़ के एक होटल में भेज रखा. इसके बावजूद तीन पार्षदों ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ वोट किया.
उच्च न्यायालय की निगरानी में मतदान
इस बार मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की निगरानी में हुआ. उच्चतम न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश जयश्री ठाकुर को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. चुनाव उनकी देखरेख में सम्पन्न हुआ. पूरी कार्यवाही कैमरे पर रिकॉर्ड की गई.
पिछला चुनाव रहा विवादित
पिछले साल चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान एक विवाद हो गया था. उस चुनाव के पीठासीन अधिकारी और मनोनीत पार्षद अनिल मसीह पर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में कथित तौर पर आठ वोटों को अमान्य करने का आरोप लगाया गया था. सीसीटीवी कैमरे की पुटेज में इसे साफ़ देखा गया था. तब यह मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा था. चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव एक साल के लिए होता है. वहीं पार्षदों का चुनाव पांच साल के लिए होता है. यही पार्षद एक साल के लिए मेयर चुनते हैं. इस बार यह सीट महिला पार्षद के लिए आरक्षित था.
डिप्टी मेयर कांग्रेस के खाते में
मेयर का चुनाव बेशक भाजपा जीती लेकिन डिप्टी मेयर की कुर्सी कांग्रेस के खाते में गई. डिप्टी मेयर चुनाव में कांग्रेस को 19 वोट मिले. जबकि भाजपा को 17 वोट ही मिले. इस तरह कांग्रेस की उम्मीदवार तरुणा मेहता ने डिप्टी मेयर का चुनाव जीत लिया.
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