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दिल्ली के उपराज्यपाल ने केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी मंजूरी
दिल्ली के उपराज्यपाल ने केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी मंजूरी
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, December 21, 2024
Last Updated On: Saturday, April 26, 2025
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आबकारी नीति मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति प्रदान कर दी है।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Saturday, April 26, 2025
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 5 दिसंबर को उपराज्यपाल से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच जरूरी है।
इस मामले में आम आदमी पार्टी की सरकार पहले ही विवादों में रही है, जिसमें पार्टी के कई नेताओं पर भी आरोप लगे हैं। उपराज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ा सकेगा।
अब देखना यह होगा कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया आगे कैसे बढ़ती है और अरविंद केजरीवाल का इस पर क्या रुख रहता है।
दिल्ली की विवादित आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब की बिक्री में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। जांच एजेंसियों का दावा है कि इस नीति से निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
BJP की प्रतिक्रिया
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ED को मंजूरी दिए जाने पर, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “यह बात तो स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के ‘सरगना’ हैं और उन्होंने दिल्ली को लूटा है… जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, अरविंद केजरीवाल निःसंदेह इसमें दोषी हैं और उन्हें सजा मिलेगी।”
AAP की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र बताया है और आरोप लगाया है कि यह भाजपा सरकार द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने का प्रयास है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि तथाकथित शराब घोटाले की जांच दो वर्षों तक चली, जिसमें 500 लोगों से पूछताछ की गई, 50,000 पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए और 250 से अधिक छापेमारी की गई, लेकिन एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ। पार्टी ने दावा किया कि मामले में कई खामियां हैं और पिछले वर्षों में अदालत के विभिन्न आदेशों ने यह दिखाया है कि भाजपा का असली उद्देश्य किसी भी तरीके से आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को दबाना था।
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ईडी की अभियोजन शिकायत में आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने साउथ ग्रुप के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने की साजिश रची थी और शराब नीति बनाकर एवं लागू करके निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया।