चाचा-भतीजे की लड़ाई में कैसे आया डोनाल्ड ट्रम्प का नाम, कोर्ट ने क्या की है इस पर टिप्पणी

Authored By: सतीश झा

Published On: Wednesday, November 13, 2024

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से जुड़े विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अजित पवार के समूह को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार की तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल करने से मना किया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि अजित पवार को अपनी पार्टी की अलग पहचान के साथ चुनाव लड़ना होगा और शरद पवार की तस्वीरों का प्रचार सामग्री में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ शरद पवार (Sharad Pawar) द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। शरद पवार ने अपने आवेदन में अजित पवार को घड़ी चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की थी। इससे पहले भी, सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को घड़ी के चुनाव चिह्न को लेकर अखबारों में डिस्क्लेमर प्रकाशित करने का आदेश दिया था।

सुनवाई के दौरान, जस्टिस सूर्यकांत ने एक हलके-फुलके अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि अजित पवार (Ajit Pawar) का डिस्क्लेमर एक अखबार में डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) की खबर के ठीक नीचे छपा था, जो कि काफी प्रभावशाली दिखाई दे रहा था।

शरद पवार के लिए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पेश की सोशल मीडिया पोस्ट, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन का आरोप

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, शरद पवार के लिए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने कुछ सामग्री, पोस्टर और सोशल मीडिया पोस्ट की तस्वीरें पेश कीं। इन पोस्टों का दावा है कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए प्रकाशित की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर गंभीर ध्यान दिया और अजित पवार को अपने प्रचार में शरद पवार की तस्वीरों और वीडियो का उपयोग न करने का आदेश दिया।

सिंघवी ने कोर्ट में प्रस्तुत किया कि राकांपा (अजित पवार) के उम्मीदवार अमोल मितकारी ने केवल शरद पवार की तस्वीरें प्रकाशित की थीं, जिससे यह संकेत मिलता था कि अजित पवार का समूह शरद पवार की प्रतिष्ठा का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने तर्क दिया कि अजित पवार का पक्ष वरिष्ठ पवार की छवि और सम्मान का दुरुपयोग करके चुनावी लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत का अभिषेक मनु सिंघवी से सवाल

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से जुड़े विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से सवाल किया, “क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्र के लोग दरार के बारे में नहीं जानते?” न्यायाधीश ने यह भी पूछा, “क्या आपको लगता है कि ग्रामीण महाराष्ट्र के लोग सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट से प्रभावित होंगे?”

इस पर सिंघवी ने जवाब देते हुए कहा, “आज भारत अलग है, और हम यहां दिल्ली में जो कुछ भी देखते हैं, उसका अधिकांश हिस्सा ग्रामीण लोग भी देखते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “जब उच्चतम न्यायालय द्वारा कोई निर्देश पारित किया जाता है, तो दूसरा पक्ष उसका पालन करने के लिए बाध्य होता है।”

About the Author: सतीश झा
समसामायिक मुद्दों पर बीते दो दशक से लेखन। समाज को लोकदृष्टि से देखते हुए उसे शब्द रूप में सभी के सामने लाने की कोशिश।

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