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सपा ने तीन बागी विधायकों को किया निष्कासित, भाजपा को समर्थन देने का आरोप
सपा ने तीन बागी विधायकों को किया निष्कासित, भाजपा को समर्थन देने का आरोप
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, June 23, 2025
Last Updated On: Monday, June 23, 2025
समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को अपने तीन बागी विधायकों — अभय सिंह (गोसाईंगंज), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज) और मनोज पांडेय (ऊंचाहार) — को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इन विधायकों पर राज्यसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों का समर्थन करने और सपा की विचारधारा के खिलाफ काम करने का आरोप है.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Monday, June 23, 2025
समाजवादी पार्टी ने कहा कि इन नेताओं को “सांप्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता” और “किसान, महिला, युवा, व्यापार, नौकरीपेशा और पीडीए विरोधी विचारधारा” का समर्थन करने के कारण पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. सपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बयान जारी कर कहा, “समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक राजनीति के विपरीत कार्य करने वाले इन विधायकों को पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है.”
अनुग्रह-अवधि समाप्त, पार्टी का सख्त संदेश
सपा ने इन नेताओं को आत्ममंथन और सुधार के लिए पहले “अनुग्रह-अवधि” प्रदान की थी, लेकिन अब वह अवधि समाप्त हो चुकी है. पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में “जन-विरोधी” तत्वों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा। सपा ने अपने संदेश में कहा, “जहां रहें, विश्वसनीय रहें. सहृदय शुभकामनाएं.”
भाजपा के समर्थन से गहराया था संकट
सूत्रों के अनुसार, इन बागी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा को समर्थन देकर सपा नेतृत्व को चौंका दिया था. खासकर सपा के तत्कालीन मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय द्वारा उठाया गया कदम पार्टी के लिए बड़ा झटका था. हालांकि, उस समय पार्टी ने कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की थी. लोकसभा चुनाव के बाद इस मुद्दे को फिर से गंभीरता से लिया गया.
अखिलेश यादव ने नहीं दिखाई नरमी
लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद इन बागी विधायकों ने अखिलेश यादव से मुलाकात की कोशिश की थी, लेकिन सपा अध्यक्ष ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया. पार्टी अब इन नेताओं के खिलाफ विधानसभा सदस्यता रद्द करने की दिशा में भी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है.
निष्कासन के सियासी मायने
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्रवाई सपा के भीतर अनुशासन और विचारधारा की स्पष्ट रेखा खींचने की कवायद है. भाजपा के साथ बढ़ती ‘नजदीकी’ और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले की सफलता के बीच यह संदेश देना भी अहम है कि पार्टी ‘नरम बगावत’ को अब बर्दाश्त नहीं करेगी.
ब्रजेश पाठक का सपा पर बड़ा हमला: “नेतृत्व तनाव में, पार्टी हो चुकी है हाशिए पर”
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोलते हुए उसे राजनीतिक रूप से हाशिए पर जा चुकी पार्टी बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा अब अपने ही कार्यकर्ताओं पर तरह-तरह के आरोप लगाकर उनका उत्पीड़न कर रही है.
ब्रजेश पाठक ने कहा,“सपा पूरी तरह से हाशिए पर जा चुकी है. उसका नेतृत्व तनाव में है. जमीन खिसक चुकी है. लोग आज भी उनके कार्यकाल की गुंडागर्दी और अराजकता को नहीं भूले हैं.” उन्होंने दावा किया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज इंफ्रास्ट्रक्चर और कानून-व्यवस्था के मामले में देश का नंबर वन राज्य बन गया है.
बागी विधायकों के भाजपा में आने के संकेत
हाल ही में समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए गए तीन विधायकों — अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय — के भाजपा में शामिल होने की संभावना पर पूछे गए सवाल के जवाब में ब्रजेश पाठक ने कहा, “इंतजार कीजिए, समय-समय पर हम फिर मिलेंगे. लेकिन हम सभी जनप्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत करते हैं. हमारी सरकार उनके साथ खड़ी है और हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी जनप्रतिनिधि को किसी भी तरह की परेशानी न हो.”
पाठक के इस बयान को भाजपा में संभावित नए समीकरणों के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब विपक्षी दलों में अंदरूनी असंतोष बढ़ रहा है.