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Travelling Benefits : यात्रा करने के बड़े हैं फायदे, लेकिन बिना प्लानिंग न जाएं सफर पर
Travelling Benefits : यात्रा करने के बड़े हैं फायदे, लेकिन बिना प्लानिंग न जाएं सफर पर
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Tuesday, January 21, 2025
Updated On: Tuesday, January 21, 2025
ट्रैवलिंग के कई सारे फायदे हैं। जो लोग नियमित रूप से सफर करते हैं, वह अधिक ऊर्जावान, खुशहाल और शारीरिक एवं मानसिक रूप से सेहतमंद होते हैं। हां, यह अलग बात है कि आज के वर्किंग प्रोफेशनल्स अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के क्रम में ब्रेक को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन काम के बीच अगर वे अपनी छुट्टियों का पॉजिटिव इस्तेमाल करें, तो न सिर्फ उनका स्ट्रेस कम हो सकता है, बल्कि परफॉर्मेंस एवं प्रोडक्टिविटी भी बढ़ सकती है। तो फिर क्या आप तैयार हैं सफऱ पर जाने के लिए? चलिए जानते हैं कि पहली बार ट्रैवल करने पर किन-किन बातों का रखना होता है ध्यान......
Authored By: अंशु सिंह
Updated On: Tuesday, January 21, 2025
Travelling Benefits: एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी (ईसीयू) के सेंटर फॉर प्रिसिजन हेल्थ और स्कूल ऑफ बिजनेस एंड लॉ ने अपनी शोध में पाया है कि घूमने जाने पर मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव होता है। पर्यटन के फायदे पर हुई इस शोध के लेखक डॉ जून वेन कहते हैं कि पर्यटन से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह डिमेंशिया जैसे कई गंभीर मानसिक रोगों से बचाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट भी कहती है कि कम से कम 6.5 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी रूप के गंभीर मानसिक विकार से पीड़ित है। ऐसे में पर्यटन से हम अवसाद से बचे रह सकते हैं।
यात्राओं से आते हैं नए विचार
वैज्ञानिकों का कहना है कि पर्यटन लंबे समय से होने वाले तनाव और चिंता से बाहर निकलने का एक आसान तरीका है। बाहर निकलने और घूमने-फिरने से दिमाग में चल रहे अनियंत्रित विचारों पर विराम लगता है। नई जगहों और नए लोगों से मिलने से व्यक्ति खुद को बेहतर महसूस करता है। उसके शरीर में खुश होने वाला हार्मोन निकलता है, जिससे वह अपने तनाव को काफी हद तक भूल जाता है। घूमना-फिरना दिमाग की क्रियात्मकता में भी वृद्धि करता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है इससे दिल और दिमाग के साथ-साथ पेट की सेहत भी सही रहती है।
प्लानिंग के साथ करें पैकिंग
अब अगर आप भी कहीं जानना चाहते हैं, तो पहले प्लानिंग कर लें। आज इंटरनेट पर क्या-कुछ उपलब्ध नहीं है। इसलिए ट्रिप पर जाने से पहले अपने डेस्टिनेशन से संबंधित सभी जानकारी इकट्ठा कर लें। चाहें तो कुछ गाइड बुक्स भी अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए अगर आपका कोई दोस्त वहां पहले गया हो, तो उससे भी मदद लेना सही रहेगा। इससे आपको किसी नए शहर में ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा। प्लानिंग आपके डेस्टिनेशन के मौसम, पीक सीजन आदि को देखते हुए भी की जानी चाहिए। जैसे, पीक सीजन में ट्रेन रिजर्वेशन, फ्लाइट, होटल या टैक्सी की बुकिंग के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। जब आपकी योजना पर अंतिम मुहर लग जाए, तभी पैकिंग करें। वही सामान पैक करें जो साथ ले जाना जरूरी हो, क्योंकि अगर आप फ्लाइट से जाएंगे तो वहां बैगेज की लिमिट तय होती है। वैसे, सफर में दवाइयां, कैमरे के लिए एक्सट्रा मैमोरी कार्ड, बैटरी, पैसे आदि रखना न भूलें।
यात्रा के दौरान अनजान लोगों से रहें सावधान
आपको दूसरों से बातें करना, उनसे मिलना-जुलना पसंद है। यह तो अच्छे स्वभाव की निशानी है। लेकिन ज्यादा मिलनसार होने का यह कतई मतलब नहीं होना चाहिए कि बातों-बातों में सामने वाला आपको आर्थिक चपत लगा जाए। कहने का आशय यह है कि अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें, मगर दूसरों से इंटरैक्ट करते हुए सतर्क रहें। सफर पर अगर थोड़ी भी लापरवाही हुई, तो लेने के देने पड़ सकते हैं। कहीं अगर आपका पासपोर्ट या कोई कीमती डॉक्युमेंट गुम हो जाए, तो परेशान होना लाजिमी है। ऐसे में अपने पासपोर्ट, आइडेंटिटी प्रूफ, ड्राइविंग लाइसेंस आदि की स्कैन कॉपी अपने ई-मेल आइडी पर सेव कर सकते हैं। वहीं, जब आप किसी अनजाने जगह पर जा रहे हों और लोकल लैंग्वेज को लेकर किसी तरह की प्रॉब्लम हो, तो अपने आइपॉड या आइपैड पर कुछ ऐसे एप्लीकेशंस डाउनलोड कर सकते हैं, जो आपको स्थानीय भाषा समझने में मदद करे।
समय से पहले पहुंचे स्टेशन या एयरपोर्ट
जब आप पहली बार सफर पर जा रहे हों, तो ट्रेन या फ्लाइट के डिपार्चर टाइम से पहले स्टेशन या एयरपोर्ट पर पहुंचें क्योंकि ट्रैफिक जाम और सिक्योरिटी क्लियरेंस में समय लग सकता है। इसके अलावा ध्यान रखें कि आप नर्वस न लगें। बिल्कुल शांत भाव रखें और सामान्य बिहैव करें। किसी को यह नहीं प्रतीत होना चाहिए कि आप पहली बार ट्रैवल कर रहे हैं।
कुछ खास टिप्स
1. आंखें खुली रखकर ट्रैवल करें।
2. नई चीजें सीखने में न करें संकोच।
3. लोकल लैंग्वेज सीखने की करें कोशिश।
4. दूसरों पर कभी चिल्लाएं नहीं।
5. खरीदारी के समय बार्गेन करना न भूलें।
6. स्थानीय परंपराओं (कस्टम्स) का रखें खयाल।
7. स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेने की करें कोशिश।
8. फ्लेक्सिबल रहने की डालें आदत।
यात्राओं से बदल जाता है जीने का दृष्टिकोण
आज की जो जीवनशैली हो गई है, उसमें समय की किल्लत सबसे बड़ी समस्या है। फिर भी मैं लोगों को ट्रेकिंग, हाइकिंग, नेचर में जाने के लिए प्रेरित करती हूं, ताकि वे खुद में नई ऊर्जा भर सकें। खासकर महिलाओं को प्रोत्साहित करती हूं कि वे अपने लिए समय निकालें और यात्रा करें। मैंने देखा है कि कैसे पहाड़ों, जंगलों या अन्य प्राकृतिक डेस्टिनेशंस से लौटने पर लोग डबल एनर्जी के साथ काम करते हैं। कई लोगों का तो जीवन के प्रति दृष्टिकोण भी बदल जाता है। ट्रेकिंग व फॉरेस्ट वॉक के अलावा बहुत से लोग बर्ड वॉचिंग, वाइल्डलाइफ को देखने, कीट-पतंगों व पेड़-पौधों के अध्ययन के लिए भी आते हैं।
नांग सुकन्या राजकुमार, ट्रैवलर