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Afghanistan vs Pakistan War: क्यों डूरंड रेखा बनी दोनों देशों की जंग की सबसे बड़ी वजह?
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, October 16, 2025
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव चरम पर है. इसका मुख्य कारण डूरंड रेखा है, जिसे अफगानिस्तान कभी सीमा मानने को तैयार नहीं हुआ. हाल ही में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए. आतंकवादी समूहों और सीमा विवाद ने स्थिति को और जटिल बना दिया है. डूरंड रेखा न सिर्फ भूगोल, बल्कि इतिहास और जातीयता से जुड़ा है, यही युद्ध की बड़ी वजह है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Thursday, October 16, 2025
Afghanistan vs Pakistan War: 1947 में भारत के बंटवारे के बाद जब पाकिस्तान का निर्माण हुआ, तो अफगानिस्तान ने इसे तुरंत मान्यता नहीं दी. संयुक्त राष्ट्र में भी उसने पाकिस्तान के प्रवेश के खिलाफ मतदान किया. हालांकि समय के साथ दोनों देशों ने सामान्य संबंध स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा रही डूरंड रेखा. अफगानिस्तान ने हमेशा इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा मानने से इनकार किया और तालिबान सरकार भी इसे स्वीकार नहीं करती. यही कारण है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में अक्सर तनाव बना रहता है.
सीमा पर बढ़ता तनाव और हालिया संघर्ष
पिछले सप्ताहांत, 11 अक्टूबर से अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सेनाएं एक-दूसरे के खिलाफ सक्रिय हो गई हैं. दोनों तरफ सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. अफगानिस्तान का दावा है कि उसने पाकिस्तान के 58 लोगों को मार गिराया, जबकि पाकिस्तान इसे अस्वीकार करता है. सही आंकड़ा अभी तय करना मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि इस संघर्ष में आम नागरिक और सैनिक दोनों प्रभावित हुए हैं. यह युद्ध मुख्य रूप से डूरंड रेखा के आसपास हो रहा है, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच पुराना विवाद है.
युद्ध की मुख्य वजहें क्या हैं?
पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनखवा प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सक्रिय है. यह संगठन पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है. वहीं, अफगान तालिबान सरकार इसका इनकार करती है. पाकिस्तान का यह भी दावा है कि भारत
टीटीपी को सहायता देता है ताकि पाकिस्तान को अस्थिर किया जा सके.
पिछले सप्ताह अफगानिस्तान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने काबुल और देश के पूर्वी हिस्से में बमबारी की, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई. पाकिस्तान ने हमले की पुष्टि नहीं की, लेकिन खंडन भी नहीं किया. इस संघर्ष का एक बड़ा कारण डूरंड सीमा पर पाकिस्तान द्वारा लगाए गए बाड़ और सीमा नियंत्रण भी है. इससे व्यापार प्रभावित हुआ और कई प्रमुख सीमा क्रॉसिंग बंद हो गईं.
डूरंड रेखा: विवाद का मूल
डूरंड रेखा या Durand Line अफगानिस्तान और पाकिस्तान की लगभग 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा है. यह रेखा 1893 में ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव मॉर्टिमर डूरंड और अफगान शासक अमीर अब्दुर रहमान खान के बीच हुए समझौते के तहत बनाई गई थी. ब्रिटिशों का मकसद अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर अपना प्रभाव बनाना था.
हालांकि, अफगानिस्तान ने हमेशा इस सीमा पर आपत्ति जताई और कहा कि यह सहमति से नहीं बनी थी, बल्कि ब्रिटिशों ने इसे थोप दिया था. इस रेखा ने अफगानिस्तान के पश्तून समाज को दो हिस्सों में बांट दिया. आज का बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कुछ हिस्से पश्तून लोगों के हैं, जो कबीलाई और कट्टर इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार जीवन जीते हैं.
दोनों देशों के दृष्टिकोण
पाकिस्तान का कहना है कि डूरंड रेखा उनकी विरासत है और इसे सुरक्षित करना उनका अधिकार है, इसी वजह से उन्होंने सीमा पर बाड़ लगाया. वहीं अफगानिस्तान इसे स्वीकार नहीं करता. यही सीमा विवाद दोनों देशों के बीच लगातार तनाव और आमने-सामने संघर्ष की सबसे बड़ी वजह है.
डूरंड रेखा न सिर्फ भौगोलिक बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी दोनों देशों के लिए संवेदनशील मुद्दा है. यह रेखा इतिहास, जातीयता और सुरक्षा सभी को जोड़ती है और इसी कारण अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में स्थायी शांति स्थापित करना अब तक संभव नहीं हो पाया.
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