bilawal bhutto : कौन हैं बिलावल भुट्टो जरदारी, मां की बरसी तक में नहीं आए? अचानक क्यों आ गए चर्चा में

bilawal bhutto : कौन हैं बिलावल भुट्टो जरदारी, मां की बरसी तक में नहीं आए? अचानक क्यों आ गए चर्चा में

Authored By: JP Yadav

Published On: Saturday, April 26, 2025

Last Updated On: Saturday, April 26, 2025

bilawal bhutto : कौन हैं बिलावल भुट्टो जरदारी, मां की बरसी तक में नहीं आए? अचानक क्यों आ गए चर्चा में
bilawal bhutto : कौन हैं बिलावल भुट्टो जरदारी, मां की बरसी तक में नहीं आए? अचानक क्यों आ गए चर्चा में

bilawal bhutto : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर भड़काऊ बयान दिया है.

Authored By: JP Yadav

Last Updated On: Saturday, April 26, 2025

bilawal bhutto : पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमले में पहलगाम में मारे गए 26 सैलिनियों को लेकर देशभर के लोगों के मन में बहुत गुस्सा है. जनमानस तो पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कर रहा है. इस बीच केंद्र सरकार ने सिंधु जल समझौता स्थगित करने, अटारी बॉर्डर बंद करने, राजनयिकों का संख्या कम करने औऱ पाकिस्तान से आए लोगों का वीजा खत्म करने के साथ ही कई अन्य कदम उठाए हैं. भारत ने पाकिस्तान को आधिकारिक रूप से बता दिया है कि वह दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि (IWT) को फिलहाल रोक रहा है. इसके बाद पाकिस्तान बौखला गया है. मंत्री से लेकर नेता तक लगातार लगातार गीदड़भभकियां दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो ने भी गीदड़भभकी दी है.

बिलावल ने दी धमकी

उन्होंने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को एकतरफा तरीके से निलंबित किया है. भारत ने स्वीकार किया है कि सिंधु पाकिस्तान की है. मैं यहां सुक्कुर (Sukkur) में सिंधु के पास खड़ा होकर भारत को बताना चाहूंगा कि सिंधु हमारी है और सिंधु हमारी ही रहेगी, चाहे इस सिंधु में पानी बहे या उनका खून. बिलावल ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि उनकी (भारत) आबादी ज़्यादा है, वो ये नहीं तय कर सकते कि पानी किसका है. पाकिस्तान की अवाम बहादुर और ग़ैरतमंद है, हम डटकर मुक़ाबला करेंगे, सरहदों पर हमारी फौज हर हमले का जवाब देने को तैयार है.

पाकिस्तान की जनता करेगी मुकाबला

बिलावल भुट्टों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सिंधु जल संधि का एकतरफा निलंबन स्वीकार नहीं किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि वे जहां भी जाते हैं, हजारों साल पुरानी इसी सिंधु नदी सभ्यता का जिक्र करते हुए खुद को इसका वारिस बताते हैं. हकीकत ये है कि पाकिस्तान में मोहन जोदड़ो इस बात का सुबूत है कि पाकिस्तान ही सिंधु का वारिस है, और हम इसकी सुरक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं. सीमा पर भी सैनिक मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं. पाकिस्तान की आवाम और भारत की जनता इस जुल्म को बर्दाश्त नहीं करेगी. पूरे पाकिस्तान को एकजुट होकर इस कठिन समय का मुकाबला करना होगा.

क्या है Indus Water Treaty

गौरतलब है कि 22 अप्रैल, 2025 को अनंतनाग जिले के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद भारतीयों में गुस्सा है. इसके बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता स्थगित करने का फैसला लिया है. सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty)एक संधि है जो भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई थी. इसके तहत पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का पानी पाकिस्तान को दिया जाना था और पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का पानी भारत को दिया जाना था.

कौन हैं बिलावल भुट्टो

  • क्रिकेट से राजनीति में एंट्री करने वाले पूर्व पीएम इमरान खान तो बिलावल भुट्टो को बिल्कुल भी अहमियत नहीं देते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खान ने बार-बार बिलावल की कमजोर उर्दू का मजाक उड़ाया था.
  • पिता आसिफ अली जरदारी से बिलावल अली भुट्टो के मतभेद रहे हैं. पिता से मतभेद इस कदर थे कि मां बेनजीर की बरसी तक में नहीं आए थे.बताया जाता है कि आसिफ अली जरदारी और बिलावल अली भुट्टो के बीच टिकट बंटवारे और पार्टी को चलाने के तरीकों को लेकर मतभेद थे. एक वक्त पर तो पिता ने बिलावल को साइडलाइन करने तक का फैसला कर लिया था.
  • 2018 के चुनाव में बिलावल अली भुट्टो ने बिना कोई रिस्क लिए तीन सीटों से चुनाव लड़ा. उन्हें किसी भी कीमत पर जीतकर पाकिस्तानी की नेशनल असेंबली तक पहुंचना था. यह भी संयोग था कि बिलावल तीन में से सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर पाए और वह भी भी सिंध की सीट से, जहां उनके परिवार की मजबूत पकड़ मानी जाती है.
  • 2018 में एक भारतीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बिलावल ने कहा था- भारत-पाकिस्तान में विवाद होने के बावजूद दोनों देशों को शांति के लिए रास्ता तलाशना चाहिए. वह अब तक दो बार भारत आ चुके हैं.
  • इमरान खान के तख्तापलट के बाद बिलावल को अप्रैल 2022 में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और वो पाकिस्तान के सबसे कम उम्र के विदेश मंत्री बने.
About the Author: JP Yadav
जेपी यादव डेढ़ दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। वह प्रिंट और डिजिटल मीडिया, दोनों में समान रूप से पकड़ रखते हैं। अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान, लाइव टाइम्स, ज़ी न्यूज और भारत 24 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। कई बाल कहानियां भी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं. मनोरंजन, साहित्य और राजनीति से संबंधित मुद्दों पर कलम अधिक चलती है। टीवी और थिएटर के प्रति गहरी रुचि रखते हुए जेपी यादव ने दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक 'गागर में सागर' और 'जज्बा' में सहायक लेखक के तौर पर योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने शॉर्ट फिल्म 'चिराग' में अभिनय भी किया है।
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य खबरें