Special Coverage
विदेश मंत्री जयशंकर का अमेरिका दौरा: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध होगा खत्म?
विदेश मंत्री जयशंकर का अमेरिका दौरा: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध होगा खत्म?
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Tuesday, January 14, 2025
Last Updated On: Tuesday, January 14, 2025
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत को न्योता मिला है। अमेरिका में ऐसी कोई परंपरा नहीं है। पहली बार ऐसा होने जा रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने 20 जनवरी को अमेरिका जाएंगे। यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती शक्ति को दर्शाती है।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Tuesday, January 14, 2025
हाईलाइट्स
- भारत अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक भागीदार के रूप में स्थापित हुआ है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में विदेश मंत्री जयशंकर की उपस्थिति रणनीतिक मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का संकेत है।
- यूक्रेन-रूस संघर्ष में संभावित मध्यस्थता की भूमिका भारत निभा सकता है।
- अमेरिका में शपथ ग्रहण में विदेशी मेहमानों को न्योता भजने की परंपरा नहीं है। ट्रंप ने उस पारंपरिक राजनयिक प्रोटोकॉल को तोड़ा है।
अगले सप्ताह 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। पहली बार राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इसमें भारत भी शामिल है। दो दिन पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर (Foreign Minister Dr S Jaishankar) इस समारोह में शामिल होने अमेरिका जाएंगे। ट्रंप-वैंस उद्घाटन समिति की ओर से कुछ गिने-चुने देशों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। भारत को आमंत्रण मिलना, बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह ने केवल विश्व में भारत की बढ़ती शक्ति और उसकी स्वीकारिता को दर्शाती है बल्कि दुनिया में भारत के बढ़ते महत्व एवं अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में संभावित भूमिका पर भी मोहर लगाती है।
ट्रंप ने परंपरा को तोड़ा
ट्रंप के आदेश पर ही वहां का स्टेट प्रशासन ने चुनिंदा विदेशी नेताओं को शपथ ग्रहण में आमंत्रित किया है। इसके माध्यम से ट्रंप ने पारंपरिक अमेरिकी कूटनीतिक प्रोटोकॉल को तोड़ा है। इससे अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप अपने अगले चार साल के कार्यकाल में कई प्रोटोकॉल तोड़ सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह दुनिया की बेहतरी के लिए हो।
इटली, अर्जेटीना को भी निमंत्रण
ट्रंप ने भारत के साथ इटली, अर्जेंटीना सहित कुछ अन्य देशों को निमंत्रण भिजवाया है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर गेरार्डो माइली स्वयं इस निमंत्रण पर शपथ ग्रहण में शामिल होने अमेरिका जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार का कहना है कि यह निमंत्रण वैश्विक भू-राजनीति में एक बड़े साझेदार के रूप में भारत की उभरती शक्ति को रेखांकित करता है। अमेरिकी परंपरा पर इनका कहना है कि इस बार ट्रंप परंपरा से हट रहे हैं। पहले किसी अवसर पर अमेरिकी राष्ट्रपति दुनिया के कुछ नेताओं को आमंत्रित करते और उनसे अनौपचारिक रूप से बातचीत करते थे। लेकिन इस बार ट्रंप ने कुछ सरकारों को आधिकारिक निमंत्रण भिजवाया है। संभव है, शपथ ग्रहण के बाद दुनिया के इन नेताओं से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप औपचारिक बातचीत भी करें।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर सबकी नजर
विदेश मामलों के जानकार रोबिंदर सचदेवा कहते हैं, ‘ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में डॉ. जयशंकर का पहुंचना निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक बहुत अच्छा संकेत है। डॉ. जयशंकर इस अवसर का उपयोग अमेरिकी अधिकारियों के साथ यूक्रेन-रूस संघर्ष जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भी करेंगे।’ सचदेवा आगे कहते हैं, ‘रूस-यूक्रेन शांति ट्रंप और अमेरिकी प्रशासन की प्राथमिकता में है। ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को रोकने का वादा भी किया है। इसे कैसे रोका जाए, इस पर उन्हें काम करना है और भारत इसमें मदद कर सकता है। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही दोनों देशों से इस मसले पर बातचीत कर चुके हैं।
भारत वाशिंगटन का बड़ा साझेदार
कई अन्य विदेश विशेषज्ञों का मानना है कि यह निमंत्रण और विदेश मंत्री की अमेरिका यात्रा दर्शाती है कि विश्व के भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत वाशिंगटन के लिए एक ‘बड़ा साझेदार’ बन रहा है। यह बहुत महत्वपूर्ण संकेत है। इस यात्रा में अमेरिका-भारत संबंधों के अलावा द्विपक्षीय व्यापार, रक्षा सहयोग पर भी चर्चा होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें : Chandra Arya: क्या कनाडा को पहला भारतीय मूल का प्रधानमंत्री मिलेगा ?