Myanmar EarthQuake: पिछली शताब्दी में किन-किन देशों में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप

Myanmar EarthQuake: पिछली शताब्दी में किन-किन देशों में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Sunday, March 30, 2025

Updated On: Monday, March 31, 2025

म्यांमार में 28 फरवरी को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या रविवार (30 मार्च) को 1,700 से अधिक हो गई है. दुनिया भर में इस तरह के भूकंप आते रहते हैं. कई बार भूकंप बेहद शक्तिशाली होता है तो कई बार हल्के. यहां पिछले सौ सालों में आए शक्तिशाली भूकंप के बारे में जानते हैं.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Monday, March 31, 2025

म्यांमार में 28 फरवरी को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या रविवार (30 मार्च) को 1,700 से अधिक हो गई है. अभी भी भूकंप में ढही इमारतों के मलबे से शव निकाले जा रहे हैं। हालांकि एक अमेरिकी एजेंसी ने आशंका जताई है कि म्यांमार के भूकंप में मरने वालों की संख्या 10 हजार से ज्यादा है.

म्यांमार में इस विनाशकारी भूकंप के बाद 24 घंटे में 16 भूकंप के झटके महसूस किए गए. यह भूकंप रिक्टर स्केल पर 7.7 से 4.1 तक का था. अमेरिकी सरकार के यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने पिछले 100 वर्षों में दुनिया के सबसे शक्तिशाली और घातक भूकंप पर एक सर्वे किया है. उसके आधार पर पिछली शताब्दी में दुनिया भर में आए सबसे शक्तिशाली भूकंपों पर एक नज़र डालते हैं.

चिली (वर्ष-1960), तीव्रता-9.5

वर्ष 1960 में चिली में भूकंप आया था. उस भूकंप में करीब 10 मिनट तक चिली और उसके आसपास की धरती हिलती रही थी. उसे दुनिया में अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है. यह भूकंप मई महीने में चिली के तट पर आया था. इसकी तीव्रता 9.5 मापी गई थी. जिससे कई गांव के गांव खत्म हो गए थे. इससे चिली में लगभग 5,700 लोग मारे गए थे. इस भूकंप की फाल्ट लाइन 1000 मील लंबी थी.

इस भूकंप के परिणामस्वरूप सुनामी आ गई थी. जिसने हवाई, जापान और फिलीपींस जैसे तटीय क्षेत्रों को प्रभावित किया था. सुनामी से जापान में 130 और हवाई में 61 लोग मारे गए थे.

अलास्का (वर्ष-1964), तीव्रता-9.2

संयुक्त राज्य अमेरिका के अलास्का प्रांत में आया यह भूकंप उत्तरी अमेरिका में दर्ज अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है. यह 27 मार्च 1964 में प्रिंस विलियम साउंड क्षेत्र में आया था. इसने पूरे क्षेत्र में व्यापक क्षति पहुंचाई, जिसमें एंकोरेज जैसे प्रमुख शहरों को गंभीर विनाश का सामना करना पड़ा था. इस भूकंप के बाद एक विनाशकारी सुनामी को जन्म दिया था. हालांकि इस भूकंप और सुनामी में जनहानि को कम रखने में अमेरिका को सफलता मिली थी. उस भूकंप से केवल 123 लोगों की मौत हुई थी. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.2 थी.

सुमात्रा (वर्ष-2004), तीव्रता-9.3-9.1

26 दिसंबर 2004 का सुमात्रा (इंडोनेशिया) भूकंप इतिहास में दर्ज सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक था. इसके कारण एक विशाल सुनामी आई. भूकंप की तीव्रता 9.3 से 9.1 मापी गई थी. इसने इंडोनेशिया सहित हिंद महासागर के आसपास के कई देशों को प्रभावित किया था. इसे सबसे घातक प्राकृतिक आपदा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें लाखों लोग मारे गए या लापता हो गए.

इसमें इंडोनेशिया में 168,000 सहित हिंद महासागर के आसपास के देशों में 2 लाख 30 हजार से अधिक लोग मारे गए थे. इसमें 14 देश प्रभावित हुए थे. सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत और थाईलैंड शामिल था.

जापान (वर्ष-2011), तीव्रता-9.1

11 मार्च, 2011 को जापान के तट पर तोहोकू भूकंप आया था. इस भूकंप ने उत्तर पूर्वी जापान में एक विनाशकारी सुनामी को जन्म दिया था. इसने जापान के उत्तर पूर्वी तट को बुरी तरह प्रभावित किया. इसके विनाश का दायरा व्यापक था. साथ ही इसने फुकुशिमा दाइची परमाणु आपदा को भी जन्म दिया था. क्योंकि इससे परमाणु ऊर्जा संयंत्र को काफी नुकसान पहुंचा था. यह इतिहास की सबसे खराब परमाणु दुर्घटनाओं में से एक थी। इसमें लगभग 18,500 लोग मारे गए थे. इस आपदा में जापान पर आर्थिक नुकसान बहुत अधिक हुआ था.

कामचटका (वर्ष-1952), तीव्रता-9

रूस के कामचटका में वर्ष 1952 में बहुत तेज से धरती कांपी थी. कामचटका भूकंप ने रूसी सुदूर पूर्व को हिलाकर रख दिया था. इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 9.0 दर्ज की ग थी. इसने कामचटका क्षेत्र में इमारतों और बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया. इस भूकंप से भी एक बड़ी सुनामी पैदा हुई, जिसने पास के कुरील द्वीपों और प्रशांत महासागर के अन्य हिस्सों को बहुत अधिक प्रभावित किया था. आंकड़ों के मुताबिक इसमें 500 से ज्यादा लोग मारे गए थे.

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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