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तालिबानी लड़ाकों ने 15 मिनट में छीने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के हथियार: चमन बॉर्डर पर टैंकों की गड़गड़ाहट से दहला इलाका
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Wednesday, October 15, 2025
Last Updated On: Wednesday, October 15, 2025
अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा एक बार फिर जंग के धुएं में घिर चुकी है. चमन बॉर्डर पर सिर्फ 15 मिनट में तालिबानी लड़ाकों ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के हथियार छीन लिए, और देखते ही देखते गोलाबारी से इलाका दहल उठा. टैंकों की गरज, तोपों की धमक और आसमान में बारूद का धुआं — हालात किसी युद्ध से कम नहीं. दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव अब पूरे दक्षिण एशिया की शांति के लिए खतरे की घंटी बन चुका है.
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Wednesday, October 15, 2025
Taliban Attack Pakistan Border: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा एक बार फिर आग में झुलस रही है. कुछ घंटों की शांति के बाद बुधवार सुबह अचानक दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलाबारी शुरू हो गई. स्पिन बोल्डक और चमन बॉर्डर पर इतनी भीषण झड़प हुई कि आसमान बारूद के धुएं से भर गया. इस बार झड़प की सबसे चौंकाने वाली खबर यह रही कि तालिबानी लड़ाकों ने सिर्फ 15 मिनट में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के हथियार छीन लिए.
15 मिनट में सब खत्म – पाक चौकियों पर तालिबान का कब्जा
सुबह करीब चार बजे अचानक चमन बॉर्डर से गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं. पाकिस्तानी सुरक्षाबल जब तक स्थिति समझ पाते, तब तक तालिबानी लड़ाके उनके पोस्ट तक पहुंच चुके थे. स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, सिर्फ 15 मिनट के भीतर तालिबान ने पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीन लिए और कुछ पोस्टों पर कब्जा भी कर लिया. इस हमले में दोनों ओर से हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में टैंकों और तोपों से हमला किया, लेकिन शुरुआती नुकसान उसी का हुआ.
खैबर पख्तूनख्वा से लेकर चमन तक दहशत
इस झड़प की लपटें सिर्फ बॉर्डर तक सीमित नहीं रहीं. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी गोलीबारी और बम धमाकों की आवाजें सुनी गईं. वहां तैनात सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की आवाजाही दिन भर जारी रही. कई घरों और दुकानों को नुकसान हुआ है. सीमावर्ती कस्बों में दहशत का माहौल है और सैकड़ों परिवार सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
यह झड़प अचानक नहीं हुई. 9 अक्टूबर को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले किए थे. इस्लामाबाद ने दावा किया कि ये हमले आतंकी संगठन TTP (तेहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के ठिकानों पर किए गए थे. लेकिन काबुल ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया और चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान दोबारा सीमा पार हमला करेगा तो उसका जवाब दिया जाएगा. और अब वही चेतावनी असली जंग में बदल चुकी है.
12 अक्टूबर की झड़प और ताजा हमले का सिलसिला
12 अक्टूबर को भी चमन और स्पिन बोल्डक के बीच भारी संघर्ष हुआ था. उस समय अफगान पक्ष ने दावा किया था कि 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि पाकिस्तान ने बताया कि उसके 23 जवान शहीद हुए लेकिन उन्होंने 200 से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों को ढेर कर दिया. इन आंकड़ों की सच्चाई कुछ भी हो, दोनों देशों के बीच नफरत की दीवार और ऊंची होती जा रही है. ताजा झड़प उसी तनाव का नतीजा है.
चमन बॉर्डर की ओर बढ़ते तालिबानी टैंक
आज की भिड़ंत में जो दृश्य सामने आए, वे किसी युद्ध फिल्म से कम नहीं थे. तालिबान के टैंकों का एक पूरा काफिला चमन बॉर्डर की ओर बढ़ता नजर आया. अफगान सैनिकों ने पाक चौकियों पर बमबारी की और कई पोस्टों को ध्वस्त कर दिया. जवाब में पाकिस्तानी तोपखाने ने गोलाबारी की, जिससे आसपास के इलाकों में कई नागरिक घर छोड़ने पर मजबूर हो गए. अफगान मीडिया के मुताबिक, पाक आर्टिलरी की फायरिंग से कई अफगान चेकपोस्ट जलकर खाक हो गईं.
सीमा पर तबाही और इंसानी संकट
सीमा पर जारी इस संघर्ष का सबसे बड़ा खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है. चमन और स्पिन बोल्डक के बीच रहने वाले लोग अब अपने घर छोड़कर भागने पर मजबूर हैं. कई गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है. सड़कें वीरान हैं, दुकानें बंद हैं, और आसमान में हेलीकॉप्टर लगातार गश्त कर रहे हैं. अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़ रही है, जबकि सीमाई इलाकों में राहत पहुंचाने का काम बेहद मुश्किल हो गया है.
आखिरी सवाल – क्या यह सिर्फ सीमा विवाद है या आने वाले बड़े युद्ध की शुरुआत?
जो घटनाएं फिलहाल चमन बॉर्डर पर हो रही हैं, वो एक साधारण सीमा विवाद नहीं लगतीं. तालिबान और पाकिस्तान के बीच की यह लड़ाई उस भरोसे की टूटन का प्रतीक है, जिसे कभी “भाईचारे” का नाम दिया जाता था. आज वही तालिबान, जिसके लिए पाकिस्तान ने दशकों तक दरवाजे खुले रखे, उसी के हथियार अब पाकिस्तानी सैनिकों पर ताने जा रहे हैं. सवाल यह है कि क्या यह आग सिर्फ सीमा तक सिमटेगी, या आने वाले दिनों में पूरा क्षेत्र इसकी लपटों में झुलस जाएगा?
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