नई दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिमंडल 3.0 में दांव पर लगाम कसी है। बड़े विभागों पर पुराने सितारों के दबदबे से मोदी ने विकास गति पर जोर देने का इरादा जाहिर किया है। टॉप 4 मंत्रालयों - गृह, रक्षा, वित्त और विदेश - में कोई बड़ा उलटफेर नहीं किया गया। यहां पुराने दिग्गज मंत्रियों पर ही भरोसा बरकरार रखा गया है। सरकार के दूसरे दौर में सफल साबित हुए नितिन गडकरी और अश्विनी वैष्णव जैसे चेहरों को भी बरकरार रखा गया है। गठबंधन दलों के असंतोष की आशंकाओं के बीच निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री की यह चाल उनके अनुभव और क्षमताओं पर पूरा भरोसा दिखाती है। सवाल है कि क्या यह जुआ उनके पक्ष में साबित होगा?
नरेन्द्र मोदी की 72 सदस्यीय मंत्रिमंडल की सबसे खास बात यह है कि इसमें सात पूर्व मुख्यमंत्रियों को जगह मिली है। इनमें स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, सर्बानंद सोनोवाल, एचडी कुमारस्वामी और जीतन राम मांझी शामिल हैं।
इस बार का कैबिनेट 2014 और 2019 के मुकाबले काफी बड़ा है। नई कैबिनेट में प्रधानमंत्री समेत कुल 72 मंत्री हैं। इस भारी भरकम मंत्रिमंडल में 30 कैबिनेट, 5 राज्यतमंत्री (स्वंतंत्र प्रभार) और 36 राज्यभमंत्री को शामिल किया गया है।
इस बार महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए मोदी सरकार कुछ नए और बड़े ऐलान कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कहते रहे हैं कि उनका तीसरा कार्यकाल बड़े फैसलों वाला होगा। पिछले 10 साल का कार्य तो सिर्फ ट्रेलर है। जब उन्हें एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया तब भी उन्होंने ये बातें दोहराई थी।
एनडीए (NDA) सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भूटान नरेश, श्रीलंका के राष्ट्रपति, नेपाल, बांग्लादेश और मॉरीशस के प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा गया है। इनके अलावा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजे जाने की खबर है।
लोकसभा चुनावों के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए थे। इसमें अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)और ओडिशा (Odisha) में भाजपा को अकेले भारी बहुमत मिला है। वहीं आंध्र प्रदेश में एनडीए गठबंधन (टीडीपी, जनसेना पार्टी और भाजपा) को जबरदस्त बहुमत मिला। लेकिन लोकसभा चुनावों में एनडीए (NDA) को दो-तिहाई बहुमत आया पर भाजपा 2014 और 2019 जैसा अकेले बहुमत के आंकड़ें को नहीं छू पाई।
चुनाव परिणाम (Election Result) के पहले नतीजों का पूर्वानुमान लगाने के लिए एग्जिट पोल कुछ वर्षों में काफी प्रचलित हो गया है। कई बार पूर्वानुमान लगाने वाली सर्वे एजेंसियों के दावों सही तो कभी-कभी गलत साबित होता है। इस बार अधिकांश एजेंसियों के दावों की हवा निकल गई है।
हिमाचल प्रदेश में सबसे हॉट सीट मंडी से बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत और हिमाचल के राजा (King) विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) के बीच मुकाबला था। इस मुकाबले में क्वीन रानौत ने राजा विक्रमादित्य को जबरदस्त पटखनी दी है। जिससे विक्रमादित्य को हार का सामना करना पड़ा है।
यह चुनाव इंडिया गठबंधन और कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ, संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ लड़ा है। लड़ाई संविधान को बचाने की थी। हमें विश्वास था कि हिंदुस्तान की जनता खुद इनके खिलाफ उठ खड़ा होंगी- राहुल गांधी
लोकसभा चुनावों का रुझान भाजपा के उम्मीदों के विपरीत दिख रहा है। एनडीए में जादुई आंकड़ें को पार कर लिया है लेकिन भाजपा अभी भी बहुमत से काफी दूर है। एनडीए को तीन सौ के करीब सीट मिल रही है। वहीं भाजपा 240 सीटों आसपास बनी हुई है।
18वीं लोकसभा के लिए आज अंतिम चरण का मतदान हो रहा है। मतदान संपन्न होते ही एग्जिट पोल का दौर शुरू होगा, जिसमें चुनावी नतीजों का अनुमान लगाया जाएगा।
मतगणना से पहले आज इंडी गठबंधन की बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि अगली सरकार हमारी बनने वाली है।