राजनीति में कैसे बनाएं करियर

Authored By: विशेष संवाददाता, गलगोटियाज टाइम्स

Published On: Wednesday, April 17, 2024

Categories: Career

Updated On: Sunday, May 19, 2024

rajneeti me kaise banaye career

लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच पार्टियों के प्रचार और वोट देने के बीच युवा राजनीति में दिलचस्पी लेने लगे हैं और इसमें करियर बनाने के अवसर खोजने लगे हैं। इसका प्रमुख कारण पावर, पैसा और सामाजिक रुतबे को माना जा रहा है। वैसे देखा जाए तो देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए ऐसे युवाओं का राजनीति में आना आवश्यक लगता है, जो देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हों। आइए जानते हैं राजनीति में करियर बनाने के लिए किस तरह के शिक्षण और प्रशिक्षण की जरूरत होती है...

पहले के जमाने में कहा जाता था कि लीडर्स बनाए नहीं जाते, वे जन्मजात होते हैं यानी उनके भीतर नेतृत्व करने के गुण जन्म से ही होते हैं, पर यह धारणा अब बदल रही है। लोग अब समुचित पढ़ाई करके, कोर्स करके और प्रशिक्षण लेकर लीडरशिप या राजनीति के लिए आगे आ रहे हैं। दरअसल, नई संभावनाओं के साथ आज की राजनीति युवाओं को पेशेवर रूप से नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में भी मदद कर रही है। राजनीति, सरकार और समाज कैसे कार्य करता है, यह सीखने और विश्लेषण करने में रुचि रखने वालों के लिए यह क्षेत्र सबसे अच्छा विकल्प है।

युवा आएं आगे

पिछले 20-25 वर्षों में राजनीति में बहुत बदलाव आ गया है। आज की राजनीति दिखावे की ज्‍यादा हो गई है। परिवारवाद और पूंजीवाद के बीच का गठजोड़ अब राजनीति में ज्‍यादा हावी हो गया है। इससे विचारधारा की राजनीति एक तरह से हाशिए पर हो गई है। ऐसे में यह बहुत जरूरी हो गया है कि देश को तरक्की की राह पर आगे बढ़ाने की ईमानदार सोच रखने वाले युवा राजनीति में आएं, जो जिम्मेदारी के साथ लोगों की वास्तव में सेवा करना चाहते हैं। उनकी भलाई के लिए कुछ करना चाहते हैं। जब ऐसी सोच वाले और सैद्धांतिक राजनीति करने वाले युवा आगे आएंगे, तभी समाज में अमीर और गरीब के बीच की बढ़ती खाई को कम किया जा सकेगा। ऐसे युवाओं के राजनीति में आने से ही गरीबी दूर हो सकेगी और लोगों को भूखा नहीं सोना पड़ेगा।

हो सेवा के प्रति समर्पण भाव

राजनीति में करियर बनाना और देश की सेवा करना चाहते हैं, तो आपको पहले समाज और लोगों के बीच अपनी जगह और पहचान बनानी होगी। यह तभी संभव है, जब आप समाज के लिए कुछ करेंगे, तभी समाज भी आपको कुछ देगा। यदि यह सोचकर आएंगे कि पांच साल या 10 साल में ही नेता, एमपी या एमएलए बन जाऊं, तो यह संभव नहीं है। खासकर आज की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में। फिलहाल, जो लोग जल्‍दबाजी में हैं, बहुत कम समय में ही सबकुछ चाहते हैं, उनके लिए यह क्षेत्र नहीं है।

सीखें मूल्य और कौशल

आज बहुत से युवा राजनीति में आना तो चाहते हैं, लेकिन उन्‍हें इसका रास्‍ता नहीं पता है। इसके लिए आज के समय में कई संस्थान कोर्स संचालित कर रहे हैं, जहां फैकल्‍टी के रूप में तमाम एमपी, एमएलए आते हैं, उनसे उन्‍हें मिलने का मौका मिलता है। उनसे नेटवर्क बनाने का अवसर मिलता है। साथ ही वहां यह भी बताया जाता है कि कम पैसे में कोई अभियान कैसे चलाएं। कम पैसे में राजनीति कैसे करें। अपने पैसों का स्रोत कैसे बनाएं इत्‍यादि। इसके अलावा, हमारे इन कार्यक्रमों में मूल्‍यों के बारे में बात होती है कि राजनीति में आने का उद्देश्य क्‍या है, इसमें क्‍यों आना चाहते हैं। कुल मिलाकर, इन कार्यक्रमों के जरिये उम्‍मीदवारों को यह बताने और समझाने की कोशिश की जाती है कि जब तक आप मूल्‍य आधारित राजनीति नहीं करेंगे, तब तक समाज आपका साथ नहीं देगा। आज के समय में यह थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन देश में अभी भी ऐसे लोग हैं, जो बहुत दिल से और बढिया काम कर रहे हैं। खासकर छोटे स्तर पर जिला परिषद, सरपंच और पंचायत स्‍तर पर लोग, खासकर युवा और महिलाएं ईमानदारी से राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं। मुद्दों पर आधारित राजनीति कर रहे हैं।

तरक्की के लिए खास गुण

आज के समय में कौशल हर काम के लिए आवश्यक है। चाहे वह सोशल मीडिया की जानकारी रखने की बात हो या पैसा जुटाने की समझ हो। इसके अलावा, आपका सामाजिक जुडा़व कैसा है। क्‍या आपको अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में पता है? क्‍या आपको स्थानीय मुद्दों की समझ है? यह सब राजनीति में आने के लिए बहुत मायने रखता है। राजनीति में आने के लिए छह पूंजियों की जरूरत है। यदि आप भी राजनीति में सफल होना चाहते हैं या प्रभावशाली बनना चाहते हैं, तो ये छह पूंजियां आपको अपने अंदर विकसित करनी होंगी। इनमें पहली है-सामाजिक पूंजी। क्षेत्र में आपकी व्‍यक्तिगत पहचान क्‍या है? चुनाव में आपके साथ आपके क्षेत्र के कितने परिवार-लोग खड़े रहेंगे? इस क्षेत्र में आने के लिए दूसरी जरूरत है बौद्धिक पूंजी की यानी आपको स्थानीय मुद्दों की समझ कितनी है। तीसरी पूंजी नेटवर्क कैपिटल है यानी सिविल सोसायटी संगठन, मीडिया या तहसील के लोगों के साथ आपका जुड़ाव कैसा है। इस क्षेत्र के लिए चौथी जरूरत है राजनीतिक पूंजी यानी पार्टी के तहसील या जिले स्‍तर के पदाधिकारियों के साथ आपका कैसा संबंध है? इसके साथ ही फाइनेंशियल कैपिटल यानी आर्थिक रूप से आप कितने सक्षम हैं। राजनीति में आने के लिए यह काफी महत्‍व रखता है। क्‍या आपका सामाजिक दायरा ऐसा है कि लोग आपको चुनाव लड़ने के लिए आर्थिक सहयोग देंगे? राजनीति की आवश्‍यकताओं और बदलावों को देखते हुए इन सब के बारे में जानने सीखने की आवश्यकता होती है।

कोर्स एवं आवश्यक योग्‍यता

राजनीति में आने के लिए भी कोर्स और प्रशिक्षण की उतनी ही जरूरत है, जितनी अन्‍य क्षेत्रों के लिए। जो युवा राजनीति में आना चाहते हैं, वे भी इसकी पढ़ाई और प्रशिक्षण लेकर आत्मविश्वास के साथ इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। कई संगठनों/संस्थानों द्वारा अब इस तरह के कोर्सों की शुरुआत हो गई है। इसमें से एक प्रमुख कोर्स है प्रोग्राम द गुड पालिटिशियन, जिसकी अवधि नौ माह की है। इसे आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्‍यम से किया जा सकता है। प्रवेश साक्षात्कार और स्‍क्रीनिंग के आधार पर होता है। यह प्रोग्राम मुख्‍य रूप से उन लोगों के लिए है, जो पहले से राजनीति में सक्रिय हैं। कोई चुनाव लड़ चुके हैं या आगे लड़ना चाहते हैं। कोर्स की फैकल्‍टी के रूप में अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसद, विधायक अपने अनुभव उम्‍मीदवारों के साथ साझा करके उनका मार्गदर्शन करते हैं। दूसरा कोर्स सी रिप्रेंजेंट्स नाम से है, जो केवल निर्वाचित महिला सरपंचों आदि के लिए है। इसमें नवनिर्वाचित उम्‍मीदवारों को यह सिखाया जाता है कि वे चुनाव जीतने के बाद अपने क्षेत्र में कैसे काम करें। तीसरा कोर्स डेमोक्रेसी एक्‍सप्रेस नाम से है। नौ दिन की अवधि का यह प्रोग्राम महिला और पुरुष दोनों ही उम्‍मीदवारों के लिए है। इसमें अभ्यर्थियों को चुनाव के दौरान वास्तविक उम्मीदवारों के साथ क्षेत्र में ले जाकर लाइव प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा, वरिष्ठ राजनेताओं, राजनीतिक विश्लेषकों आदि से भी मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़ा जा सकता है।

प्रमुख संस्थान
-इंडियन स्कूल आफ डेमोक्रेसी, नई दिल्ली
https://www.indianschoolofdemocracy.org

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