तिरुमला तिरुपति मंदिर क्यों है देश का सबसे अमीर मंदिर
Authored By: Gunjan Shandilya
Published On: Tuesday, April 23, 2024
Updated On: Thursday, April 25, 2024
एक दिन पूर्व ही आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मंदिर ट्रस्ट ने बैंकों में 1161 करोड़ रुपए फिक्स डिपॉजिट (एफडी) कराई है। यह दुनिया के किसी भी मंदिर द्वारा जमा कराई गई सबसे बड़ी धनराशि है।
उत्तराखंड, हिमाचल सहित देश के कई हिमालयी राज्यों को देवभूमि कहा जाता है। माना जाता है पौराणिक कला में यहां देवता वास करते थे। इसी प्रकार अपना देश विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों की समृद्ध विरासत समेटे हुए है। ऐसे सैकड़ों मंदिर हैं, जो सदियों पुरानी है। इसका अपना इतिहास है। देश भर के श्रद्धालु इन मंदिरों में अपनी आस्था और विश्वास अनुरूप दान करते थे। जिसे मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने लूटा। मगर आज भी अपने देश के कई मंदिरों में हर साल सैंकड़ों करोड़ रुपए दान आता है। जिसे मंदिर प्रबंधन सामाजिक कार्यों पर खर्च करता है। यहां देश के सबसे अमीर मंदिरों पर एक नजर डालते हैं।
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम
एक दिन पूर्व ही आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से एक रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मंदिर ट्रस्ट ने बैंकों में 1161 करोड़ रुपए का फिक्स डिपॉजिट (एफडी) कराई है। यह दुनिया के किसी भी मंदिर द्वारा जमा कराई गई सबसे बड़ी धनराशि है। इसके साथ ही तिरुपति मंदिर ट्रस्ट का बैंकों में 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का फिक्स डिपॉजिट हो गया है। मंदिर ट्रस्ट को इस एफडी से सालाना 1100 करोड़ रुपए ब्याज मिलता है।
कुछ समय पहले ही तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने 1,031 किलो सोना भी बैंकों में जमा कराया था। इससे बैंकों में इस मंदिर का सोना भंडार बढ़कर 11,329 किलो हो गया है। कोरोना काल में इस मंदिर के दान में भारी कमी आई थी। लेकिन कोरोना के बाद फिर से श्रद्धालु यहां दर्शन करने आने लगे हैं। मंदिर में दान की राशि लगातार बढ़ रही है। तिरुपति देवस्थानम के पास 960 स्थानों पर 7123 एकड़ की प्रोपर्टी भी है। यह मंदिर देश भर से दान प्राप्त करने वालों में पहले स्थान पर है। दान में मिले धन से ट्रस्ट कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अस्पताल चलाता है।
पद्मनाभ स्वामी मंदिर
यह मंदिर भी दक्षिण भारतीय राज्य केरल में स्थित है। इस मंदिर का देखभाल त्रावणकोर राजपरिवार करता है। यह केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है। इसे देश का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। दरअसल, दो साल पूर्व उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मंदिर में स्थित 7 तहखानों को खोला गया था। सभी तहखाना में खजाना था। इसकी कीमत करीब 1,700 अरब रुपए से अधिक बताया गया। मंदिर प्रबंधन की रिपोर्ट अनुसार इस मंदिर को प्रत्येक वर्ष 400 करोड़ से अधिक का दान प्राप्त होता है।
वैष्णो देवी मंदिर
देश के सबसे उत्तरी राज्य (केंद्रशासित प्रदेश) जम्मू- कश्मीर में स्थित यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को सालाना 500 करोड़ रुपए से अधिक का दान प्राप्त होता है। देश-दुनिया से प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु माता का दर्शन करने यहां पहुंचते हैं। मंदिर बोर्ड दान के पैसों से अस्पताल, विश्वविद्यालय आदि संचालित करता है।
साई बाबा मंदिर, शिरडी
महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साई बाबा मंदिर के पास भी हजारों करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस है। एक रिपोर्ट की मानें तो शिरडी मंदिर का विभिन्न बैंकों में 1800 करोड़ रुपए ज्यादा जमा है। इसके अलावा 380 किलो सोना तो 4,428 किलो चांदी भी बैंकों में जमा है। इस मंदिर को प्रत्येक वर्ष करीब 350 करोड़ का दान मिलता है।
सिद्धिविनायक मंदिर
यह मंदिर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित है। इस मंदिर में प्रायः बॉलीवुड के चर्चित हस्तियों और देश के बड़े उद्योगपतियों को देखा जा सकता है। यह मंदिर शिव पुत्र भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश चतुर्थी के समय पूरे दस दिनों तक यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मंदिर को सालाना एक सौ करोड़ रुपए से अधिक का दान प्राप्त होता है।
मीनाक्षी मंदिर
तमिलनाडु के मदुरै में स्थित यह मंदिर विश्व के अजूबों में शामिल है। यहां हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। अनुमान के मुताबिक यहां प्रतिदिन करीब 30 हजार श्रद्धालु माता मीनाक्षी (मां पार्वती) का दर्शन करने आते हैं। मंदिर परिसर में लगभग 33000 मूर्तियां हैं। इस मंदिर को सालाना करीब 6 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा मिलता है।
इन मंदिरों से इतर इसी वर्ष अयोध्या में नव्य और भव्य मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा हुआ है। 2020 के फरवरी महीने में इस मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाया गया था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा से पहले तक ट्रस्ट के बैंक खातों में 3500 करोड़ रुपए से अधिक जमा हो गया था। मंदिर के निर्माण में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च किया जा चुका है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से रामलाल के दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं से प्रत्येक माह लगभग 25 करोड़ रुपए दान मिल रहा है। इसके अलावा सोना-चांदी और हीरा-मोती के आभूषण भी चढ़ाया जा रहा है। बहुत जल्द ही रामलला का यह नव्य और भव्य मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार हो जाएगा।
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