डिप्टी स्पीकर (Deputy Speaker) के नाम का प्रस्ताव कर ममता ने लगाया एक तीर से दो निशाना

Authored By: Gunjan Shandilya

Published On: Tuesday, July 2, 2024

Categories: National, Politics

Updated On: Tuesday, July 2, 2024

awadhesh prasad lok sabha member ayodhya

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने डिप्टी स्पीकर के रूप में सपा सांसद अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) के नाम का प्रस्ताव कर एक तीर से दो निशाना लगाया है। पहला, कांग्रेस को इस कुर्सी से दूर करना। दूसरा, विपक्ष में अपना आधार मजबूत करना।

इस बार लोकसभा (18वीं) में कई दशक बाद स्पीकर के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने था। दोनों पक्षों ने स्पीकर के लिए अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि सत्ता पक्ष (NDA) को इसमें जीत मिली। अब डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर भी टकराव देखने को मिल सकता है। विपक्ष ने इसके लिए विशेष रणनीति बनाई है। ताकि पूरा विपक्ष एकजुट होकर एक उम्मीदवार को उतार सके। और सत्ता पक्ष को चुनौती दी जा सके।

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) को जिम्मेवारी

स्पीकर के लिए सर्वसम्मति बनाने की जिम्मेवारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मिली थी। डिप्टी स्पीकर के लिए भी एनडीए की ओर से राजनाथ सिंह ही अन्य दलों से बातचीत कर रहे हैं ताकि इस मुद्दे को भी सदन में एनडीए आसानी से अपने पक्ष में कर सके। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इसी सिलसिले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से बात की थी। लेकिन ममता बनर्जी ने रक्षा मंत्री की बात नहीं मानी। उन्होंने अपनी ओर से एक नाम प्रस्ताव के रूप में रख दिया। उन्होंने समाजवादी पार्टी के फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के नाम का प्रस्ताव कर दिया।

ममता (Mamata) का एक तीर से दो निशाना

सपा सांसद अवधेश प्रसाद का नाम डिप्टी स्पीकर पद के लिए प्रस्तावित कर ममता बनर्जी ने एक तीर से दो निशाना लगाया है। पहला, विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण कांग्रेस (Congress) को इस कुर्सी से दूर करना। जबकि कांग्रेस यही चाह रही थी कि वह डिप्टी स्पीकर अपना बनाएगी। लेकिन ममता के इस प्रस्ताव के बाद कांग्रेस की मंशा पर पानी फेर दिया है। यानि यह अब लगभग तय है कि यदि डिप्टी स्पीकर की कुर्सी विपक्ष के पास जाता है तो वह गैर कांग्रेसी ही होगा। दूसरा, सपा सांसद के नाम का प्रस्ताव कर ममता विपक्ष में अपना कद बढ़ाना चाहती है। इस प्रस्ताव पर कांग्रेस ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोल है। जबकि कुछ लोगों का यह कहना है कि कांग्रेस ने भी इस नाम पर अपनी सहमति दे दी है।

अवधेश (Awadhesh) को विपक्ष के कई दलों का साथ

अवधेश कुमार के नाम पर विपक्ष के कई दलों का समर्थन मिल गया, बताया जा रहा है। इसको लेकर सपा के अलावा, डीएमके, एनसीपी (शरद पवार), आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव) आदि दलों ने अवधेश प्रसाद के नाम पर अपना समर्थन दे दिया है। इस मुद्दे पर देखा जाए तो जरूर विपक्ष एकजुट होता दिख रहा है। जबकि स्पीकर के मसले पर ऐसा नहीं हो पाया था। कांग्रेस के के. सुरेश को तृणमूल सहित कई अन्य दलों का समर्थन नहीं मिल रहा था।

अब देखना है कि सत्ता पक्ष, विपक्ष की इस रणनीति को कैसे भोथरा करता है। अवधेश कुमार दलित समुदाय से आते हैं। दलित होने के नाते भाजपा सीधे-सीधे इनके नाम का विरोध नहीं कर सकते। क्योंकि भाजपा भी लंबे समय से दलित वोट के लिए प्रयासरत है। वहीं यदि विपक्ष अवधेश प्रसाद को आगे करता है तो भाजपा के पास इसका एक मात्र काट एनडीए की ओर से भी दलित चेहरा को लेकर आना होगा। या फिर दलित से बड़ा वोट बैंक वाले समुदाय को आगे करना होगा। इतना तो जरूर है कि स्पीकर भाजपा के बनने पर डिप्टी स्पीकर विपक्ष के पास नहीं जाता है तो एनडीए के सहयोगी दलों के पास जाएगा।

About the Author: Gunjan Shandilya
समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव। विभिन्न मंचों पर विषयों को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता। नई पत्रकारिता शैलियों और प्रौद्योगिकियों के साथ कदम से कदम मिलाने में निपुण।

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