मोदी मंत्रिमंडल 3.0: बड़े विभागों पर पुराने सितारों का दबदबा
Authored By: Gunjan Shandilya
Published On: Tuesday, June 11, 2024
Updated On: Thursday, June 27, 2024
नई दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिमंडल 3.0 में दांव पर लगाम कसी है। बड़े विभागों पर पुराने सितारों के दबदबे से मोदी ने विकास गति पर जोर देने का इरादा जाहिर किया है। टॉप 4 मंत्रालयों - गृह, रक्षा, वित्त और विदेश - में कोई बड़ा उलटफेर नहीं किया गया। यहां पुराने दिग्गज मंत्रियों पर ही भरोसा बरकरार रखा गया है। सरकार के दूसरे दौर में सफल साबित हुए नितिन गडकरी और अश्विनी वैष्णव जैसे चेहरों को भी बरकरार रखा गया है। गठबंधन दलों के असंतोष की आशंकाओं के बीच निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री की यह चाल उनके अनुभव और क्षमताओं पर पूरा भरोसा दिखाती है। सवाल है कि क्या यह जुआ उनके पक्ष में साबित होगा?
सीसीएस में नहीं किया गया कोई बदलाव
किसी भी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण चार मंत्रालय माना जाता है। ये हैं, गृह, विदेश, वित्त एवं रक्षा मंत्रालय। इन चारों मंत्रालयों के मंत्री सरकार की सबसे पावरफुल समिति के सदस्य होते हैं। इसे सीसीएस (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) यानी केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति कहते हैं। यह समिति देश की कई अंदरूनी एवं विदेश से संबंधित मामलों में निर्णय लेते हैं। इस में प्रधानमंत्री ने कोई बदलाव नहीं किया है।राजनाथ सिंह को रक्षा, अमित शाह को गृह एवं सहकारिता, एस जयशंकर को विदेश एवं निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का जिम्मा फिर से मिला है।
राजमार्ग और रेल मंत्री हुए रिपीट
मोदी के पिछले कार्यकाल के जिस कार्य की सबसे ज्यादा सराहना हुई थी, वह था, सड़क। इस बार फिर नितिन गडकरी को ही राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री बनाया गया है। उनके मंत्रालय में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बार भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के कारण रेल मंत्रालय जदयू के कोटे में जाने की सबसे ज्यादा चर्चा हुई है। इसका एक सबसे बड़ा कारण यह भी कि गठबंधन की सरकारों में यह मंत्रालय सबसे ज्यादा बिहार के मंत्रियों के पास रही है। मसलन, नीतीश कुमार, लालू यादव, रामविलास पासवान, जॉर्ज फर्नाडिस यूपीए और एनडीए गठबंधन में रेलमंत्री बनाये गए थे। इसलिए इस बार रेल मंत्रालय जदयू कोटे में जाने की चर्चा थी। लेकिन प्रधानमंत्री ने रेल मंत्रालय में भी कोई बदलाव नहीं किया है। अश्विनी वैष्णव कोई रेल का जिम्मा फिर से मिला है। इसके अलावा इन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई है।
शिवराज को मिला कृषि
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। पिछली सरकार में भी कृषि मंत्रालय मध्यप्रदेश के पास था। तब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे। शपथ ग्रहण के बाद से ही शिवराज सिंह चौहान बड़े विभाग की जिम्मेदारी मिलने की अटकलें लग रही थी। भाजपा के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को शहरी विकास मंत्रालय के साथ ऊर्जा विभाग मिला है।
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