एग्जिट पोल (Exit Poll)पर कैसे करें भरोसा !

Authored By: Gunjan Shandilya

Published On: Friday, June 7, 2024

Categories: Shankhnad 2024

Updated On: Thursday, June 27, 2024

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चुनाव परिणाम (Election Result) के पहले नतीजों का पूर्वानुमान लगाने के लिए एग्जिट पोल कुछ वर्षों में काफी प्रचलित हो गया है। कई बार पूर्वानुमान लगाने वाली सर्वे एजेंसियों के दावों सही तो कभी-कभी गलत साबित होता है। इस बार अधिकांश एजेंसियों के दावों की हवा निकल गई है।

लोकसभा चुनाव 2024 नतीजा 4 जून को आने के बाद एक बार फिर एग्जिट पोल (Exit Poll) की विश्वसनीयता पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। हालांकि इसके पहले भी कई बार एग्जिट पोल धोखा दे चुका है। फिर भी सभी को लग रहा था मोदी मैजिक और एग्जिट पोल दोनों एक दूसरे के पूरक बनेंगे। लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ। सारे एग्जिट पोल ताश के पत्ते की तरह ढह गये। 4 जून के पहले लगभग सभी एग्जिट पोल साल 2014 और 2019 की तरह 2024 में भाजपा को स्वयं के बलबूते सरकार बनाने का आंकड़ा दे रहे थे। लेकिन परिणाम आने के बाद तो एग्जिट पोल महज छलावा साबित हुआ। बता दें कि करीब सभी एग्जिट पोल में एनडीए (NDA) को 350 से अधिक और भाजपा को 300 तक सीटों का अनुमान जताया गया था।

तीसरी बार एग्जिट पोल फेल

ऐसा नहीं है कि पहली बार एग्जिट पोल गलत साबित हुआ है। इसके पहले भी लोकसभा चुनाव 2004 और साल 2009 में यह फेल हो गया था। तब भी सभी राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुमान धराशाई हो गये थे। 2004 में सभी एजेंसियों ने शाइनिंग इंडिया के नारे पर भरोसा जताते हुए पूर्ण बहुमत का अनुमान लगाया था लेकिन जब परिणाम आया तो भाजपा 200 के आंकड़ों को भी नहीं छू सकी। इसी तरह साल 2009 में सभी एग्जिट पोल एजेंसियों ने कहा था कि कांग्रेस (Congress) वापसी नहीं करेगी और भाजपा सत्ता में आएगी। लेकिन अनुमान के उलट कांग्रेस ने फिर सरकार बनायी। इसी तरह इस बार भी भाजपा (BJP) के लिए एग्जिट पोल की भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। हालांकि कांग्रेस शुरू से ही सभी एग्जिट पोल पर शंका जाहिर कर उसे गलत बता रही थी।

इन राज्यों में एग्जिट पोल फुस्स

विशेषकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), महाराष्ट्र (Maharashtra), पश्चिम बंगाल (West Bengal), राजस्थान (Rajasthan) में एग्जिट पोल की हवा निकल गई है। इन राज्यों में भाजपा को भारी नुकसान और इंडी गठबंधन को फायदा हुआ है। कहा जाता है कि संसद का रास्ता यूपी से होकर जाता है, उसी रास्ते में भाजपा के लिए समाजवादी पार्टी रोड़ा बन गई। इसके अलावा महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (Shiv Sena) से नई शिवसेना चारों खाने चित्त हो गये। बंगाल में ममता बनर्जी ने एक बार फिर दिखा दिया कि एग्जिट पोल कुछ भी अनुमान लगाए लेकिन उनके सामने किसी की दाल नहीं गलेगी। इस तरह केवल तीन राज्यों ( महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश) में ही एग्जिट पोल के अनुमान से उलट भाजपा को करीब 60 सीटों का नुकसान हुआ है। इस तरह एग्जिट पोल एजेंसियों के दावों पर एक बार फिर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

ऐसे में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में भी सर्वे एजेंसियों को और सटीकता के साथ सैंपलिंग कर अपने दावों और अनुमान की पुष्टि करनी होगी। गौरतलब है कि देश में 80 के दशक से शुरू होने वाला एग्जिट पोल हर बार चुनाव परिणाम से पहले सर्वे के आधार पर अंदाजा लगाता है कि किसे बहुमत मिल रहा है, किसकी वापसी हो रही और कौन सत्ता से बाहर जा रहा है। लेकिन अब तक तीन लोकसभा चुनाव में फेल हुए एग्जिट पोल से इसकी प्रक्रिया और अनुमान पर बड़ा सा सवाल खड़ा हो गया है। ऐसे में भविष्य में अपनी विश्वसनीयता को बनाये रखने के लिए सर्वे एजेंसियों को अपने अंदर झांकना होगा।

About the Author: Gunjan Shandilya
समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव। विभिन्न मंचों पर विषयों को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता। नई पत्रकारिता शैलियों और प्रौद्योगिकियों के साथ कदम से कदम मिलाने में निपुण।

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