रामजी करेंगे बेड़ा पार?
Authored By: विशेष संवाददाता, गलगोटियाज टाइम्स
Published On: Wednesday, April 10, 2024
Updated On: Thursday, June 20, 2024
इसमें कोई दो मत नहीं कि इस बार के आम चुनाव में भगवान राम भाजपा और एनडीए को बड़ा फायदा पहुंचाते दिख रहे हैं, लेकिन इसमें केंद्र सरकार द्वारा देशभर में किए गए विकास कार्यों की भी बडी भूमिका रहेगी…
सन 1980 के दशक से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में प्रमुख रहा है और चुनावी जनसभाओं से लेकर राम मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा तक यह राजनीतिक दल देश की जनता के बीच इसे लेकर सड़क से लेकर संसद तक मुखर रहा है। इसका परिणाम और प्रभाव भारत के धर्मप्राण हिन्दू जनमानस पर क्या पड़ा, इसे बताने की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि देश और दुनिया को यह भली-भांति पता है कि भाजपा राम के भरोसे राजनीति करके संसद में दो सीटों से अपनी शुरुआत करके वर्तमान में 300 सीटों के आंकड़े को पार कर गई है और 2024 के आम चुनाव में 400 पार का शंखनाद करके पूरे विश्वास के साथ विपक्ष को मात देने के लिए मैदान में मजबूती से खड़ी है। एक समय था जब 6 दिसंबर, 1992 को कार सेवकों ने राम मंदिर निर्माण की कामना से अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा ढहा दिया था, तो उत्तर प्रदेश में भाजपा की कल्याण सिंह सरकार की सत्ता चली गई थी और अब उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राममंदिर में 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई।
भाजपा ने एक बड़े समारोह के साथ मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों बालक राम के रूप में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा कराई है। इसका व्यापक प्रभाव देश के बहुसंख्य हिन्दू जनमानस पर पड़ा है। निश्चय ही इसका सकारात्मक प्रभाव संसदीय चुनाव के परिणाम पर भी देखने को मिलेगा। राम मंदिर में प्रतिदिन लाखों की संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु आम चुनाव में मतदान के समय अवश्य ही इस उपलब्धि से भाजपा के पक्ष में मतदान करने को प्रेरित होंगे। जनता की इस मनोदशा के पीछे करीब-करीब सात दशकों तक देश का नेतृत्व कर चुके देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस की भूमिका भी कम जिम्मेदार नहीं है। यह कांग्रेस ही है जिसने सुप्रीम कोर्ट में भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था और उन्हें काल्पनिक पौराणिक पात्र के रूप में बाबरी केस में हलफनामे के रूप में पेश किया था। ऐसे में, कांग्रेस के नेतृत्व और इंडि अलाएंस से बहुसंख्य हिन्दुओं का मोहभंग होना बहुत स्वाभाविक ही है। राम मंदिर बनने से उत्तर भारत के प्रदेशों के जनमानस में तो भाजपा को लेकर उत्साह बढ़ा ही है, दक्षिण भारतीय राज्यों के हिन्दू समुदाय भी भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय अस्मिता एवं गौरवमयी उपलब्धि और सांस्कृतिक लड़ाई में जीत मिलने से बेहद प्रभावित और उत्साहित हैं। इसका बड़ा फायदा भाजपा गठबंधन को लोकसभा चुनाव में मिलना संभव है।
राममंदिर निर्माण के अलावा भी भाजपा नेतृत्व में देश भर के प्रमुख मंदिरों के संरचनात्मक पुनर्निर्माण के कार्य को अंजाम दिया है। इसमें पूर्वोत्तर के असम से लेकर पश्चिम के द्वारका और उत्तर भारत में काशी विश्वनाथ, विन्ध्याचल शक्तिपीठ, उज्जैन महाकाल से लेकर बद्रीनाथ-केदारनाथ और कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर तक आधारभूत विकास कार्य शामिल हैं। इन कार्यों को देखकर न केवल देश के लोगों को भावनात्मक बल मिला है, बल्कि भाजपा के नेतृत्व पर भरोसा भी बढ़ा है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की पहल पर इन ऐतिहासिक कार्यों से क्षेत्रीय विकास तो हुआ ही है, हिन्दुओं की धार्मिक चेतना भी पुष्ट हुई है और इससे लोकसभा चुनाव में हिन्दू वोट के ध्रुवीकरण के रास्ते भी बने हैं। ऐसे में, रामकाज और राजकाज को एक साथ पूरा कर रही भाजपा को चुनावी फायदा मिलना लगभग तय सा दिख रहा है।
लेकिन, यह कहना उचित नहीं होगा कि भाजपा केवल ‘राम भरोसे’ ही 2024 के इस लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरी है। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार के पास 10 वर्षों से देश में तेजी से बुनियादी ढांचे के विकास, राजमार्ग से लेकर रेल व हवाई यात्रा को उन्नत बनाना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए तेजी से उच्चतम संस्थानों का विकास करना, गरीब जनता को मकान, भोजन, शिक्षा एवं चिकित्सा का नि:शुल्क प्रबंध करना, सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों के बैंक खातों में सीधे भेजकर बिचौलियों से मुक्ति दिलाना और कश्मीर में धारा 370 हटाने, तीन तलाक निरस्त करने और अब सीएए को लागू करके विस्थापित हिन्दुओं की नागरिकता सुनिश्चित करने जैसे बड़े कदमों ने भाजपा को लोगों के बीच लोकसभा चुनाव के लिहाज से अब और अधिक लोकप्रिय बना दिया है। ऐसे में, जिन राज्यों में गैर भाजपा सरकारें काम कर रही हैं, उन राज्यों में भी संसदीय चुनाव में भाजपा के पक्ष में अधिक मतदान होने की प्रबल संभावना है। अभी हाल के दिनों तक स्वयं प्रधानमंत्री का देश भर में जन सभाओं को संबोधन भी सरकार के विकास कार्यों और भावी योजनाओं पर केंद्रित था। ऐसे में बिखरे हुए विपक्ष को मात देकर बड़े बहुमत के साथ भगवान श्रीराम भाजपा का बेड़ा पार कराएंगे, इसके बारे में कोई दो राय नहीं होनी चाहिए।
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