ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की वैश्विक कूटनीति तेज़, जानिए TMC ने अचानक क्यों लिया यू-टर्न?

ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की वैश्विक कूटनीति तेज़, जानिए TMC ने अचानक क्यों लिया यू-टर्न?

Authored By: Sharim Ansari

Published On: Monday, May 19, 2025

Last Updated On: Monday, May 19, 2025

India-Global-Diplomacy-Against-Terrorism: भारतीय सेना की अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कांफ्रेंस करती हुई, बैकग्राउंड में ऑपरेशन सिंदूर का पोस्टर, TMC के यूटर्न का ज़िक्र.
India-Global-Diplomacy-Against-Terrorism: भारतीय सेना की अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कांफ्रेंस करती हुई, बैकग्राउंड में ऑपरेशन सिंदूर का पोस्टर, TMC के यूटर्न का ज़िक्र.

पाकिस्तान के खिलाफ भारत का कूटनीतिक हमला शुरू हो चुका है, लेकिन इसी बीच तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद यूसुफ पठान को सरकार द्वारा गठित वैश्विक प्रतिनिधिमंडल से अचानक हटा लिया. जहां एक ओर केंद्र आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में भारत का पक्ष रखने के लिए 51 सांसदों को भेज रहा है, वहीं टीएमसी के इस फैसले ने राष्ट्रीय एकता और राजनीतिक समन्वय को लेकर नई बहस छेड़ दी है. आखिर क्यों उठाया टीएमसी ने यह कदम? क्या यह केवल प्रक्रिया से असहमति है या कहीं गहराई में कुछ और? पढ़िए पूरी रिपोर्ट.

Authored By: Sharim Ansari

Last Updated On: Monday, May 19, 2025

India Global Diplomacy Against Terrorism: भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इस दिशा में केंद्र सरकार ने 30 से अधिक देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषणा की है, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत के “जीरो टॉलरेंस” रुख को मजबूती से पेश करेगा. हालांकि, इस बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए अपने सांसद यूसुफ पठान का नाम इस प्रतिनिधिमंडल से वापस ले लिया है.

क्यों हटाया गया यूसुफ पठान का नाम?

बहरामपुर से लोकसभा सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को पहले इस वैश्विक प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया था. लेकिन टीएमसी ने सरकार पर “एकतरफा निर्णय लेने” का आरोप लगाते हुए उनका नाम वापस ले लिया.

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा:

“राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में टीएमसी सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन केंद्र सरकार कैसे यह तय कर सकती है कि किस पार्टी से कौन प्रतिनिधि जाएगा? यह फैसला पार्टी के भीतर से होना चाहिए.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीएमसी ऑपरेशन सिंदूर का बहिष्कार नहीं कर रही है और न ही वह इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देना चाहती है.

डेरेक ओ ब्रायन का बयान

राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति का कार्य केंद्र सरकार का है और उसे ही यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए. उन्होंने यह दोहराया कि टीएमसी राष्ट्रहित में हमेशा केंद्र सरकार के साथ खड़ी रही है, लेकिन ऐसे निर्णयों में परामर्श आवश्यक है.

कांग्रेस भी नाखुश, फिर भी भेजे सांसद

इस प्रतिनिधिमंडल के गठन को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी नाराज़गी जताई है. पार्टी का कहना है कि केवल उनके एक नामित सांसद आनंद शर्मा को शामिल किया गया, जबकि गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार को सूची से बाहर कर दिया गया. बावजूद इसके, कांग्रेस ने इस राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए अपने सांसदों को प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने की अनुमति दी है.

51 सांसद, 7 डेलिगेशन और ‘एक भारत, एक संदेश’

भारत सरकार ने इस कूटनीतिक अभियान को “एक मिशन, एक संदेश, एक भारत” का नाम दिया है. इसके तहत सात प्रतिनिधिमंडलों में कुल 51 सांसद शामिल किए गए हैं. इनमें भाजपा से बैजयंत पांडा और रविशंकर प्रसाद, कांग्रेस से शशि थरूर, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, जेडीयू से संजय झा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे और राकांपा-सपा से सुप्रिया सुले जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं.

किन-किन देशों का होगा दौरा?

प्रतिनिधिमंडल जिन देशों का दौरा करेगा, उनमें सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, अमेरिका, रूस, मिस्र समेत 30 से अधिक देश शामिल हैं. इन दौरों का उद्देश्य इन देशों के नेतृत्व को यह बताना है कि पाकिस्तान कैसे सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर: कैसे हुई इसकी शुरुआत?

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी. इसके जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. इसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.

पाकिस्तान की ओर से किए गए जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमलों को भारतीय सशस्त्र बलों ने विफल कर दिया. भारत ने उसके बाद समन्वित हवाई हमले किए, जिससे 11 पाकिस्तानी एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा.

About the Author: Sharim Ansari
मो. शारिम अंसारी ने कंवर्जेंट जर्नलिज़्म में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम करते हुए डिजिटल लेखन, रिसर्च और न्यूज़ स्टोरीज़ का अनुभव प्राप्त किया है. इनकी लेखन शैली तथ्यपूर्ण, सरल और प्रभावशाली होती है, जो पाठकों से सीधे जुड़ती है. कंटेंट निर्माण में इनकी पकड़ और गहराई स्पष्ट रूप से झलकती है.
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