अध्यात्म (Spirituality)
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Last Updated: November 7, 2025
Vivah Panchami 2025 Date, Shubh muhurat, puja-vidhi: विवाह पंचमी भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पावन पर्व है. मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि पर यह पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ विशेष रूप से मिथिला और अयोध्या में मनाया जाता है. इस दिन राम-सीता विवाह की झांकियां सजाई जाती हैं और मंगल गीतों से वातावरण भक्तिमय बन जाता है.
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Last Updated: November 6, 2025
हम सबने कभी न कभी सुना है - “तेरी जुबान पर मां सरस्वती बैठी थी.” लेकिन क्या सच में कोई ऐसा समय होता है जब ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती हमारी जीभ पर विराजती हैं? शास्त्रों में बताया गया है कि दिन का एक विशेष क्षण ऐसा होता है जब बोले गए शब्द सच्चे और प्रभावशाली बन जाते हैं. आखिर वो कौन-सा शुभ समय है जब मां सरस्वती हमारी जुबान पर बैठती हैं? जानिए विस्तार से...
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Last Updated: November 3, 2025
10 Major Temple Stampede Incidents in India: आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी के मौके पर हुई भगदड़ ने कई परिवारों को गम में डुबो दिया है. लेकिन ये पहली बार नहीं है जब किसी मंदिर में ऐसी त्रासदी घटी हो. पिछले कुछ सालों में देशभर के कई प्रसिद्ध मंदिरों जैसे तिरुपति, वैष्णो देवी, नैना देवी और हाथरस सत्संग में भी भीड़ बेकाबू होने से दर्दनाक हादसे हो चुके हैं. आइए जानते हैं वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर से लेकर वैष्णो देवी मंदिर तक 10 बड़े हादसे, जब मची भगदड़ और दहल गया देश..
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Last Updated: October 31, 2025
Dev Uthani Ekadashi 2025: कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी 2025 पर जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागेंगे, तब सृष्टि में फिर से शुभता और सौभाग्य का संचार होगा. 1 नवंबर को मनाए जाने वाले इस पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त से लेकर ब्रह्म मुहूर्त तक पूजा का विशेष महत्व रहेगा. श्रीहरि के जागरण के साथ ही विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत का यह दिन जीवन में नई उमंग भर देगा. जानें व्रत तिथि, पूजन विधि और खास उपाय.
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Last Updated: October 24, 2025
भाइ दूज के पावन अवसर पर केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस वर्ष की यात्रा अत्यंत सफल रही, जिसमें 17.39 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया. मंत्रोच्चार, जयकार और फूलों से सजा भव्य मंदिर, श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का अद्भुत दृश्य पेश करता रहा। अब अगले छह माह तक पूजा ऊखीमठ स्थित शीतकालीन गद्दीस्थल में होगी.
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Last Updated: October 24, 2025
जीवन और मृत्यु के बीच का रहस्य हमेशा से मानव के मन में जिज्ञासा जगाता रहा है. भारतीय सनातनी परंपरा में इसे नकारात्मक नहीं, बल्कि धर्म और ज्ञान का प्रतीक माना गया है. यमराज, मृत आत्माओं के मार्गदर्शक और धर्म के संरक्षक, न्याय और कर्म के नियमों का पालन कर सभी को सही मार्ग दिखाते हैं. वे सूर्यदेव के पुत्र और चित्रगुप्त के मार्गदर्शन में कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. नचिकेता, सावित्री जैसी कथाओं में उनका ज्ञान और न्याय दिखता है, जो मानव जीवन और मृत्यु के गूढ़ रहस्यों को समझाता है.
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Last Updated: October 22, 2025
Chhath 2025 Date: कार्तिक मास हिंदू धर्म में त्योहारों और पवित्र अवसरों से भरा होता है, और छठ पूजा 2025 इसका प्रमुख महापर्व है. यह सूर्योपासना और छठी मइया की उपासना का पर्व है, जो लोक आस्था, सुख-समृद्धि और परिवारिक सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. इस साल छठ 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें नहाय-खाय, खरना, संध्या और प्रात: अर्घ्य की परंपराएं शामिल हैं. घर-घर में पवित्रता और भक्ति का उत्सव नजर आएगा.
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Last Updated: October 21, 2025
Bhai Dooj 2025: भाई दूज, भाई-बहन के अटूट स्नेह और विश्वास का प्रतीक पर्व, इस वर्ष 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. यह दिन आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है, जिससे पूजा और उपहार विशेष रूप से फलदायी माने जाते हैं. बहनें भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई उपहार देकर स्नेह जताते हैं. जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और आसान उपाय, जिससे इस भाई दूज पर रिश्तों में प्रेम, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो.
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Last Updated: October 18, 2025
छठ पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और शुद्धता का प्रतीक है. इस पावन अवसर पर पीतल के बर्तनों का विशेष महत्व है, जो सूर्यदेव की ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और पूजा को सफल बनाते हैं. पीतल नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है, ज्ञान और समृद्धि बढ़ाता है, और पीले रंग की चमक से पूजा स्थल को दिव्यता और भक्ति की आभा देता है.
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Last Updated: October 17, 2025
भारतीयों का विश्वास है कि दिवाली पर श्रीलक्ष्मी के आह्वान के लिए स्वच्छता एवं पवित्रता आवश्यक है. इसलिए त्योहार से महीनों पहले घरों की साफ-सफाई शुरू हो जाती है. अब प्रश्न है कि क्या घर के कोनों को साफ करने से ही श्रीलक्ष्मी की कृपा बरसती है या बाह्य के साथ आंतरिक सफाई अर्थात् मन की सफाई भी महत्वपूर्ण है? अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मोटिवेशनल स्पीकर एवं राजयोग मेडिटेशन शिक्षिका बीके शिवानी कहती हैं कि दिवाली पर पुरानी बातों को भूल, नए संस्कारों को आत्मसात करें. मन के मैल को साफ करें, उसे दिव्य एवं पवित्र बनाएं.











