अप्रैल की घटनाओं के बाद सभी का सुर एक, ऐतिहासिक फतवे ने बंद किया आतंक का दरवाज़ा!

अप्रैल की घटनाओं के बाद सभी का सुर एक, ऐतिहासिक फतवे ने बंद किया आतंक का दरवाज़ा!

Authored By: Sharim Ansari

Published On: Sunday, May 18, 2025

Last Updated On: Sunday, May 18, 2025

Historic fatwa against terrorism
Historic fatwa against terrorism

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हमले के बाद न सिर्फ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंक के अड्डों पर करारा प्रहार किया, बल्कि देश की साढ़े पांच लाख मस्जिदों से भी आतंक और पाकिस्तान के खिलाफ बुलंद आवाज उठी. ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन ने आतंकियों को इस्लाम से बाहर बताते हुए फतवा जारी किया—न जनाज़ा, न कब्र. मुस्लिम संगठनों ने एकजुट होकर इस बर्बरता की निंदा की और कश्मीरी आम जनता की मानवता की मिसाल को सराहा. यह समय है जब मजहब से ऊपर उठकर पूरा देश एक सुर में कह रहा है—आतंकवाद के लिए इस धरती पर कोई जगह नहीं.

Authored By: Sharim Ansari

Last Updated On: Sunday, May 18, 2025

Historic fatwa against terrorism : 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. इसके बाद भारत ने जिस साहसिक जवाबी कार्रवाई को अंजाम दिया, उसने आतंक के खिलाफ देश की नीति को स्पष्ट कर दिया. साथ ही देश के मुस्लिम धर्मगुरुओं और संगठनों ने भी एक स्वर में आतंकवाद की निंदा करते हुए सख्त रुख अपनाया.

ऑपरेशन सिंदूर: भारत का निर्णायक जवाब

हमले के ठीक दो सप्ताह बाद, 6 और 7 मई की रात को भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इस जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की, जिसे भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया.

9 मई 2025: मस्जिदों से आतंक और पाकिस्तान के खिलाफ गूंजा स्वर

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, 9 मई को शुक्रवार की नमाज के मौके पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन (AIIO) के प्रमुख इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने एक बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि देश की साढ़े पांच लाख मस्जिदों से आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा संदेश दिया जाएगा.

इलियासी ने कहा, “पाकिस्तान ने हमेशा भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दिया है. अब वक्त आ गया है कि हम सब एकजुट होकर इस आतंक के खिलाफ लड़ें. आतंकवादी शैतान हैं और इनका कोई मजहब नहीं होता. इस्लाम शांति का धर्म है और इसमें आतंक की कोई जगह नहीं है.”

आतंकियों को न जनाज़ा, न कब्र

AIIO ने आतंकवाद के खिलाफ एक ऐतिहासिक फतवा भी जारी किया है. इस फतवे में कहा गया है कि जो लोग निर्दोषों की हत्या करते हैं, उन्हें इस्लामी रीति से जनाज़ा नमाज नहीं दी जाएगी और भारत की धरती पर दफनाने की इजाजत नहीं होगी. इलियासी ने कहा, “ऐसे लोग इस्लाम के नाम पर कलंक हैं. उनका कोई धार्मिक सम्मान नहीं हो सकता.”

मुस्लिम संगठनों की एकजुटता

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी हमले की तीव्र निंदा करते हुए इसे एक कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य बताया. उन्होंने कहा, “जो मासूमों की जान लेते हैं, वे इंसान नहीं, जानवर हैं. इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है. आतंकवाद इस देश के लिए एक गंभीर खतरा है.”

मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि “इस दुखद समय में कश्मीरी आम नागरिकों ने जो मानवता दिखाई, वह प्रेरणादायक है. उन्होंने बिना किसी धार्मिक भेदभाव के घायलों की मदद की और अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को अस्पताल पहुंचाया. यह दर्शाता है कि आम कश्मीरी शांति और भाईचारा चाहता है.”

मीडिया और समाज से अपील

मौलाना मदनी और जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रमुख सैयद सादतुल्ला हुसैनी ने मीडिया, सिविल सोसाइटी और धार्मिक नेताओं से अपील की कि वे जिम्मेदारी से व्यवहार करें और नफरत फैलाने वाले नैरेटिव से बचें.

हुसैनी ने कहा, “यह समय घावों पर मरहम लगाने और देश को एकजुट करने का है, न कि विभाजन फैलाने का. आतंकी हमला हर मानवता पर हमला है और इसकी कोई वैधता नहीं हो सकती.”

About the Author: Sharim Ansari
मो. शारिम अंसारी ने कंवर्जेंट जर्नलिज़्म में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम करते हुए डिजिटल लेखन, रिसर्च और न्यूज़ स्टोरीज़ का अनुभव प्राप्त किया है. इनकी लेखन शैली तथ्यपूर्ण, सरल और प्रभावशाली होती है, जो पाठकों से सीधे जुड़ती है. कंटेंट निर्माण में इनकी पकड़ और गहराई स्पष्ट रूप से झलकती है.
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