Border Gavaskar Trophy: भारत ने सिडनी में 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) गंवाईं

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Sunday, January 5, 2025

Border Gavaskar Trophy: Bharat ne Sydney mein 10 saal baad Border-Gavaskar Trophy (BGT) ganwayi
Border Gavaskar Trophy: Bharat ne Sydney mein 10 saal baad Border-Gavaskar Trophy (BGT) ganwayi

जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को रोकने में असफल रही। भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का 5वां टेस्ट 6 विकेट से गंवा दिया। भारत 10 साल में पहली बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हार गई।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Last Updated On: Sunday, January 5, 2025

हाइलाइट

  •  सिडनी में खेले गए अंतिम टेस्ट मैच में भारत की हुई करारी हार।
  • ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट से जीत दर्ज कर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की।
  • जसप्रीत बुमराह चोट के कारण तीसरे दिन मैदान में नहीं उतार सके।
  • हार की एक वजह बुमराह का मैदान में उतार पाना भी रहा।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर भारत एक दशक पुराना दबदबा आज 5 जनवरी को गंवा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने जसप्रीत बुमराह की कप्तानी वाली टीम (हालांकि तीसरे दिन बुमराह मैदान में उतर पाए) को 6 विकेट से हरा दिया। सिडनी में इस ट्रॉफी का खेला गया अंतिम टेस्ट मैच तीसरे दिन ही खत्म हो गया। बगैर बुमराह के भारतीय गेंदबाज, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को ऑल आउट करने में विफल रहे। हालांकि मेहमान टीम ने मेजबान को बहुत छोटा लक्ष्य (162 रनों का) दिया था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने केवल 27 ओवर में हासिल कर लिया।

जडेजा और सुंदर से थी उम्मीद

भारत ने दूसरे दिन ऋषभ पंत के तेज बल्लेबाजी से 6 विकेट पर 141 रन बना लिए थे। दूसरे दिन खेल खत्म होने पर रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर नाबाद थे। भारतीय समर्थकों को इन दोनों बल्लेबाजों के बल्ले से और अधिक संघर्ष की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आज तीसरे दिन भारत का अंतिम 4 विकेट मात्र 16 रन पर गिर गया।

सिराज रहे फ्लॉप

खेल के दूसरे दिन बुमराह के साथ मोहम्मद सिराज फॉर्म में दिखे थे। लेकिन तीसरे दिन बुमराह की अनुपस्थिति में वे पूरी तरह से फ्लॉप हुए। उन्होंने अपने पहले ओवर में 5 वाइड फेंकी। टेस्ट मैच में इसे शर्मनाक कहा जा सकता है। अगले ओवर में युवा खिलाड़ी प्रसिद्ध कृष्णा ने भी यही किया। इससे भारत की परेशानी और बढ़ गई। हालांकि बाद में प्रसिद्ध कृष्णा ने सधी हुई गेंदबाजी की लेकिन तब तक देर हो चुका था। कृष्णा ने लंच से ठीक पहले 3 ओवर के दौरान मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ के विकेट झटक लिये। दूसरी पारी में कृष्णा ने कुल 3 विकेट झटकाए।

ऑस्ट्रेलिया ने खेला टी20

भारत के 162 रन पीछा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने तेज शुरुआत की। ठीक टी20 मैच की तर्ज पर। ऑस्ट्रेलिया ने 6 ओवर में एक विकेट गंवा कर 50 रन बना लिये। टी20 में भी पावर प्ले में इसे अच्छा स्कोर माना जाता है। लंच के बाद ऑस्ट्रेलिया ने एक बार फिर भारत पर आक्रमण किया। ट्रेविस हेड और उस्मान ख्वाजा ने कई बाउंड्री लगाकर भारतीय जीत की उम्मीद को खत्म कर दिया।

दस साल बाद BGT गंवाया

भारत के 2014-15 से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा करता रहा है। उसी वर्ष इस ट्रॉफी के बीच में ही तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उसके बाद से यह पहली श्रृंखला थी, जिसे भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हारा। इस बीच विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारत ने इस ट्रॉफी पर अपना दबदबा बनाए रखा था। इन्होंने घर और बाहर दोनों ही जगहों पर यादगार सीरीज जीती थीं।

भारतीय बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन

पूरी सीरीज में भारतीय बल्लेबाजी सबसे निचले स्तर की रही। यही हार का मुख्य कारण रहा। भारत ने पांच मैचों की 10 पारियों में से 6 पारी में 200 से कम का स्कोर बनाया। केवल 3 बार भारत 200 रन से ऊपर पहुंचा। एक बार पर्थ (487) में, यह टेस्ट भारत जीता था। फिर एक बार मेलबर्न (369) और ब्रिस्बेन (260) में। पूरी सीरीज में केवल दो बार भारत ने एक पारी में 100 से अधिक ओवर खेले। वे ज़्यादातर 35-78 ओवर के बीच ही आउट हो गए। इससे भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बढ़ा। उसे ज्यादा गेंदबाजी करनी पड़ी। नतीजा यह रहा कि भारतीय गेंदबाज़ी लाइन-अप में दो खिलाड़ी (आकाशदीप और बुमराह) चोटिल हो गए।

बुमराह की शानदार सीरीज

यह सीरीज सिर्फ बुमराह के लिए यादगार रहेगा। उन्होंने भारतीय गेंदबाजी लाइन-अप को बचाया। वहीं बुमराह भारत ने बल्लेबाजी को भी संभाला। जब भी भारत औसत से भी कम स्कोर पर आउट होते दिखे तो अंत में बुमराह ने उस औसत रन करवाया। नहीं तो यह सीरीज भारत के लिए और भी खराब हो सकती थी। बुमराह ने 13.06 की औसत से 32 विकेट लिये। इसे बेहतरीन प्रदर्शन माना जाता है। उन्होंने टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी भारतीय गेंदबाज द्वारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

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गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।


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