भारत में बनेगी पूरी iPhone 17 सीरीज, टाटा समूह बना एप्पल का बड़ा पार्टनर
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Wednesday, August 20, 2025
Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025
एप्पल ने पहली बार अपनी पूरी iPhone 17 सीरीज का उत्पादन भारत में करने का फैसला किया है, जिसमें हाई-एंड प्रो मॉडल भी शामिल होंगे. टाटा समूह और फॉक्सकॉन इस बड़े बदलाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं. इस कदम से भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है और चीन पर एप्पल की निर्भरता कम हो रही है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Wednesday, August 20, 2025
भारत में एप्पल की भूमिका लगातार बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कंपनी का iPhone 17 सीरीज को पूरी तरह भारत में तैयार करने का निर्णय. यह पहली बार होगा जब किसी आईफोन सीरीज के हर वेरिएंट का उत्पादन भारत में होगा. दरअसल, एप्पल ने आईफोन 17 का उत्पादन अपनी पांच लोकल फैक्ट्रियों तक विस्तारित कर दिया है, जिनमें से दो ने अभी-अभी काम करना शुरू किया है.
टाटा समूह के होसुर प्लांट और फॉक्सकॉन के बेंगलुरु के पास स्थित नए मैन्युफैक्चरिंग हब इस विस्तार के केंद्र में हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल भारत एप्पल की सप्लाई चेन में एक प्रमुख केंद्र बनेगा बल्कि देश के स्मार्टफोन निर्यात और घरेलू बाजार दोनों में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा.
भारत में बनेगा iPhone 17
- भारत अब एप्पल के लिए एक बड़ी मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है. पहली बार कंपनी ने तय किया है कि नए आईफोन 17 सीरीज के सभी वेरिएंट भारत में ही तैयार होंगे. इसमें हाई-एंड प्रो मॉडल भी शामिल है. इस कदम को चीन पर निर्भरता घटाने और अमेरिका में टैरिफ से बचाव की एप्पल की बड़ी रणनीति माना जा रहा है.
- सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने iPhone 17 का उत्पादन भारत की पांच फैक्ट्रियों तक बढ़ा दिया है, जिनमें से दो यूनिट्स हाल ही में शुरू हुई हैं. हालांकि, यह साफ किया गया है कि प्रो वेरिएंट का निर्माण फिलहाल सीमित संख्या में होगा.
टाटा समूह बना एप्पल का बड़ा सहयोगी
एप्पल की भारत में मैन्युफैक्चरिंग को टाटा समूह ने नई दिशा दी है. तमिलनाडु के होसुर स्थित टाटा का नया प्लांट और बेंगलुरु एयरपोर्ट के पास फॉक्सकॉन का बड़ा यूनिट इस विस्तार की मुख्य धुरी हैं. अनुमान है कि अगले दो सालों में टाटा, भारत में बन रहे लगभग आधे आईफोन का उत्पादन संभाल लेगा.
इसी बीच, फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु के नज़दीक देवनहल्ली स्थित 2.8 अरब डॉलर के अपने नए प्लांट में आईफोन 17 का उत्पादन शुरू कर दिया है. यह यूनिट अब चेन्नई फैक्ट्री के साथ मिलकर काम कर रही है, जो चीन के बाहर फॉक्सकॉन की दूसरी सबसे बड़ी आईफोन यूनिट है.
ताइवान से आए तकनीकी विशेषज्ञ
उत्पादन को और सुचारू बनाने के लिए कंपनी ने ताइवान समेत कई देशों से तकनीकी विशेषज्ञों को भारत बुलाया है. अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच भारत से 7.5 अरब डॉलर के आईफोन निर्यात किए गए, जबकि पूरे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 17 अरब डॉलर तक पहुंचा था.
पिछले वित्त वर्ष में एप्पल ने भारत में करीब 22 अरब डॉलर के आईफोन असेंबल किए, जो साल दर साल 60% की बड़ी वृद्धि दर्शाता है. कंपनी का लक्ष्य है कि मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 6 करोड़ आईफोन बनाए जाएं, जबकि पिछले साल यह संख्या 3.5-4 करोड़ रही थी.
सप्लाई चेन में भारत की भूमिका मजबूत
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने भी हाल ही में स्वीकार किया कि भारत अब कंपनी की सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन चुका है. उन्होंने जुलाई की अर्निंग कॉल में कहा कि जून 2025 में अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन भारत में बने थे.
विशेषज्ञ मानते हैं कि एप्पल के इस कदम ने भारत को वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन निर्माण का एक बड़ा केंद्र बना दिया है.
भारतीय बाजार में भी एप्पल की पकड़
सिर्फ निर्यात ही नहीं, भारत के घरेलू बाजार में भी एप्पल की मौजूदगी लगातार मजबूत हो रही है. 2025 की पहली छमाही में कंपनी की शिपमेंट 21.5% बढ़कर 59 लाख यूनिट तक पहुंची. इस दौरान iPhone 16 सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल साबित हुआ.
जून तिमाही में भी एप्पल की शिपमेंट सालाना आधार पर 20% तक बढ़ी और कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 7.5% हो गई. उद्योग जानकार इसे एप्पल की विविधीकरण रणनीति की बड़ी सफलता मानते हैं, जिसमें बेंगलुरु फैक्ट्री का शुभारंभ एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ है.
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