ममता कैसे पाएगी विरोध प्रदर्शन से पार, जूनियर डॉक्टरों को सज़ा मिली तो सीनियर डॉक्टर भी करेंगे हड़ताल

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, September 12, 2024

junior doctors protest kolkata rape case
junior doctors protest kolkata rape case

गुरुवार को कोलकाता के स्वास्थ्य भवन के सामने आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 10 डॉक्टर संगठनों के सदस्यों ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में हड़ताल की जाएगी।

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Thursday, September 12, 2024

पश्चिम बंगाल के सीनियर डॉक्टरों (Senior Doctors) ने चेतावनी दी है कि अगर जूनियर डॉक्टरों (Junior Doctors) के खिलाफ कोई सज़ा दी जाती है तो वे भी हड़ताल पर चले जाएंगे। स्वास्थ्य भवन के सामने मंगलवार से ही जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठे हुए हैं। उनके समर्थन में सीनियर डॉक्टर भी आ गए हैं। मेडिकल सर्विस सेंटर के राज्य सचिव बिप्लव चंद (Biplav Chand) ने कहा कि हम सीनियर डॉक्टर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सरकार से हमारी अपील है कि हमें ऐसा करने के लिए मजबूर न करें जिससे लोगों की सेहत पर असर पड़े। बिप्लव चंद ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिसे रोकने के लिए कदम उठाने की ज़रूरत है।

जूनियर डॉक्टर के समर्थन में धरने पर आए सीनियर डॉक्टर्स

‘जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ के सदस्य सुशांत चौधरी ने जूनियर डॉक्टरों की मांग को जायज़ ठहराया और कहा कि जूनियर डॉक्टरों की मांगें पूरी तरह से उचित हैं। इन मांगों को मानने के लिए सरकार की तरफ से इच्छाशक्ति होनी चाहिए।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्य संजीव बनर्जी (Sanjeev Banerjee) ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने की ज़रूरत बताई। उन्होंने कहा कि जिनके खिलाफ आरोप लगे हैं, उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का फिक्र नहीं

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शाम पांच बजे तक जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने का आदेश दिया था, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। उनका कहना है कि अगर उनकी पांच सूत्रीय मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन जारी रहेगा।

(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)

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सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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