
About Author: सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
Posts By: सतीश झा
बिहार में कानून व्यवस्था (Law & Order in Bihar) को लेकर राजनीतिक घमासान तेज़ हो गया है. राज्य में लगातार सामने आ रही आपराधिक घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की "सुशासन" वाली छवि पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है और जंगलराज की वापसी का आरोप लगाया है.
जन सुराज के संस्थापक और चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने गोह प्रखंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और भाजपा (BJP) पर तीखा हमला बोला. संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के हालिया बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि BJP को चाहिए कि वह भागवत जी की बात माने और 75 वर्ष की उम्र के बाद नेताओं को राजनीति से संन्यास लेने दे.
बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज एक बार फिर वोटरों को लुभाने वाला बड़ा कदम उठाया. उन्होंने बिहार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत 1.11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से 1227.27 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की.
बिहार की राजनीति एक बार फिर 90 के दशक की जातीय विभाजन की गूंज से हिल गई है. गया जिले के अतरी में आयोजित राजद (RJD) विधायक रंजीत यादव की एक सभा में विवादित नारा 'भूरा बाल साफ करो' लगने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. यह वही नारा है जो 1990 के दशक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के समर्थकों के बीच काफी चर्चित रहा और जिसे सवर्ण जातियों के खिलाफ एक रणनीतिक संदेश के रूप में देखा गया था.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने बिहार में चल रहे मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर चुनाव आयोग को राहत दी है. अदालत ने आयोग को पुनरीक्षण की प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति देते हुए कहा है कि प्रथम दृष्टया न्याय के हित में आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेजों को इस प्रक्रिया में शामिल करने पर विचार किया जाना चाहिए.
बिहार की राजनीति में उस समय नया बवंडर खड़ा हो गया, जब 'बिहार बंद' के दौरान इंडिया गठबंधन की रैली में सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) के साथ कथित 'खेला' हो गया. वहीं, सत्ता पक्ष ने पूरे 'बिहार बंद' आंदोलन को "नाटक" और "राजनीतिक स्टंट" करार देते हुए विपक्षी दलों को जमकर घेरा.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) से पहले सियासी घमासान तेज हो गया है. इसी कड़ी में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (S.I.R) के खिलाफ विपक्षी महागठबंधन द्वारा बुलाए गए ‘बिहार बंद’ ने बड़ा राजनीतिक रंग ले लिया. इस विरोध में शामिल हुए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चुनाव आयोग (Election Commission) को सीधे निशाने पर लिया और तीखी चेतावनी दी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं. ये फैसले राज्य के युवाओं, महिलाओं, किसानों, दिव्यांगजनों और सैनिक स्कूल के छात्रों समेत समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर माने जा रहे हैं.
बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने 9 जुलाई को नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार के खिलाफ हल्ला बोल का ऐलान किया है. यह कदम उन्होंने ऐसे समय में उठाया है जब राज्य में अपराध, बेरोजगारी और प्रशासनिक अव्यवस्था को लेकर जनता में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है.
राजधानी पटना में दिनदहाड़े व्यापारी गोपाल खेमका (Gopal Khemka) की गोली मारकर हत्या ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है. गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. इस जघन्य वारदात के बाद जहां आम लोगों में भय और आक्रोश का माहौल है, वहीं विपक्ष ने इसे आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाने के संकेत दे दिए हैं.