क्या अग्निपथ साबित होगा नई सरकार चलाना

क्या अग्निपथ साबित होगा नई सरकार चलाना

Authored By: रमेश यादव

Published On: Tuesday, June 11, 2024

Updated On: Thursday, June 27, 2024

kya agnipath sabit hoga nyi sarkar chalana? (Will running a new government prove to be Agneepath?)

मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने को लेकर महाराष्ट्र से नाराजगी की खबरें आनी शुरू हो गई हैं। गठबंधन सहयोगियों अजित पवार गुट और शिवसेना शिंदे की तरफ से आने वाली इस तरह की नाराजगी की खबरें प्रथम ग्रासे मच्छिकापात जैसी है।

Authored By: रमेश यादव

Updated On: Thursday, June 27, 2024

इस लेख में:

गठबंधन सहयोगियों में असंतोष की लहर

  • गठबंधन सहयोगियों की तरफ से आने लगी नाराजगी की खबर

  • मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर प्रफुल्ल पटेल हुए नाराज

  • एक एमओएस मिलने से शिवसेना शिंदे ने भी व्यक्त की निराशा

  • कैबिनेट छोड़ने की खबर को सुरेश गोपी ने बताया फर्जी, मनगढ़ंत

क्या मोदी की तीसरी पारी पर संकट के बादल?

लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर जवाहर लाल नेहरू की बराबरी कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट का गठन तो कर लिया है लेकिन गठबंधन दलों के बीच से उठती नाराजगी क्या उनके लिए यह कार्यकाल अग्निपथ साबित होने वाला है। यह सवाल इसलिए कि अभी सरकार ने अपना कामकाज शुरू ही किया है कि मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने को लेकर महाराष्ट्र से नाराजगी की खबरें आनी शुरू हो गई हैं।

इसकी शुरुआत अजित पवार गुट ने की। मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना था कि शपथग्रहण से पहले शनिवार रात हमें बताया गया कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा। मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था इसलिए यह मेरे लिए एक डिमोशन होता। हमने भाजपा नेतृत्व को सूचित कर दिया है और उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें, वे सुधारात्मक उपाय करेंगे।

शिवसेना शिंदे गुट भी नाराज, कैबिनेट में कम स्थान पर व्यक्त की निराशा

प्रफुल्ल पटेल की नाराजगी के बाद शिवसेना शिंदे गुट की तरफ से भी मोदी कैबिनेट में केवल एक राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार मिलने पर निराशा व्यक्त की गई है। पार्टी के चीफ व्हीप श्रीरंग बारणे का कहना है कि एक तरफ जहां, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और एचडी कुमारस्वामी की पार्टी को कम सीट मिलने के बाद भी कैबिनेट मंत्रालय दिया गया है, वहां उनकी पार्टी के सात सांसद होने के बावजूद सिर्फ स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का ही पद दिया गया।

बारणे के मुताबिक पार्टी कैबिनेट में जगह की उम्मीद कर रही थी। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान के पांच सांसद हैं, मांझी इकलौते सांसद हैं, जेडीएस के दो सांसद हैं, फिर भी उन्हें एक कैबिनेट मंत्रालय मिला है। फिर 7 लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला। शिवसेना के स्ट्राइक रेट को देखते हुए कैबिनेट मंत्री पद दिया जाना चाहिए था।

गोपी ने खारिज की मंत्रिमंडल छोड़ने की अफवाहें

इससे इतर मंत्रिपरिषद के शपथ लेने के बाद एक खबर तेजी से वायरल होने लगी। खबर में कहा गया कि केरल से इकलौते भाजपा सांसद सुरेश गोपी मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देंगे। रविवार शाम को मंत्री पद की शपथ लेने वाले 72 सांसदों में वह भी शामिल थे। दावा किया जा रहा था कि वे फिल्मों के लिए मंत्री पद छोड़ना चाहते हैं।

About the Author: रमेश यादव
रमेश यादव ने राष्ट्रीय और राजनीतिक समाचारों के क्षेत्र में व्यापक लेखन और विश्लेषण किया है। उनके लेख राजनीति के जटिल पहलुओं को सरलता और गहराई से समझाते हैं, जो पाठकों को वर्तमान राजनीतिक घटनाओं और नीतियों की बेहतर समझ प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता सिर्फ सूचनाओं तक सीमित नहीं है; वे अपने अनुभव के आधार पर मार्गदर्शन और प्रासंगिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करते हैं। रमेश यादव की लेखनी तथ्यों पर आधारित और निष्पक्ष होती है, जिससे उन्होंने पत्रकारिता और विश्लेषण के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है।

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